स्वास्थ्य

जानें झंडु पंचारिष्ट (Zandu Pancharishta) के उपयोग से होने वाले लाभ, औषधीय गुण और दुष्प्रभाव

किसी भी चीज का नियम ना होना, खानेपीने का असंतुलन ये सभी पेट में होने वाली समस्याएं पैदा करती हैं।ऐसे में इस तरह की सभी परेशानियों का रामबाण इलाज होता है झंडु पंचारिष्ट (zandu pancharishta in hindi)। झंडु पंचारिष्ट एक ऐसी लाभदायक  औषधि है जो पूरी तरह से आयुर्वेदिक है।यह पाचन तंत्र को बेहतर बनाती है साथ ही पेट में गैस, दर्द, खाना ना पचना, अपच, पेट फूलना आदि परेशानियों से निजात दिलाती है साथ  ही ये भूख को भी बढ़ाती है।कई बीमारियों का इलाज इस एक औषधी में मिल जाता है।बता दें कि ये औषधि काफी पुराने समय से और अपने गुणों के कारण काफी विश्वसनीय है। (benefits, side effects and composition of jhandu pancharishta in hindi)

इन औषधियों से मिलकर बना है झंडु पंचारिष्ट (Ingredients of Zandu Pancharishta in hindi)

झंडु पंचारिष्ट (zandu pancharishta) पूरी तरह से औषधीय है, अत: ये औषधियों से ही मिलकर बना है, तो चलिए आपको बताते हैं इसकी संरचना के बारे में:

द्राक्षा 500 मिलीग्राम
घृतकुमारी 400 मिलीग्राम
दशमूल 400 मिलीग्राम
अश्वगंधा 200 मिलीग्राम
शतावरी 200 मिलीग्राम
त्रिफला 120 मिलीग्राम
गिलोय 100 मिलीग्राम
बला 100 मिलीग्राम
मुलेठी 100 मिलीग्राम
त्रिकटु 60 मिलीग्राम
त्रिजात 60 मिलीग्राम
अर्जुन 40 मिलीग्राम
मंजिष्ठा 40 मिलीग्राम
अजमोद 20 मिलीग्राम
धनिया 20 मिलीग्राम
हल्दी 20 मिलीग्राम
शटी (कपूरकचरी) 20 मिलीग्राम
जीरा 20 मिलीग्राम
लौंग 20 मिलीग्राम
झंडु पंचारिष्ट (zandu Pancharishta)
झंडु पंचारिष्ट (zandu Pancharishta)

झंडु पंचारिष्ट के औषधीय गुण (Zandu Pancharishta Benefits in hindi)

झंडु पंचारिष्ट (jhandu pancharishta) जिन तत्वों से मिलकर बना है, वो सभी पेट में होने वाली समस्याओं का निवारण करने में काफी लाभकारी होती हैं,

पाचन क्रिया और आंतो को पहुंचाए आराम

झंडू पंचारिष्ट जिन औषधियों से मिलकर बना है उसमें शतावरी , द्राक्षा, एलोवेरा, गिलोय, मुलेठी, अजमोद, त्रिजात, त्रिफला, धनिया, ज़ीरा, हल्दी और लौंग ये सभी तत्व पाचन क्रिया को सही रखते हैं, इनके उपयोग से पाचन नली भी मजबूत होती है इसके  साथ ही ये आंतो के लिए भी काफी फायदेमंद होते हैं।

गैस की परेशानी

झंडु पंचारिष्ट में कई ऐसे औषधीय तत्व होते हैं जो गैस की समस्या से निजात दिलाते हैं, इसमें मौजूद अश्वगंधा और गिलोय पाचन नली को मज़बूत करता है जिससे आँतों की कार्य प्रणाली को भी लाभ मिलता है,जिससे पेट में गैस होने से निजात मिवता हैं बता दें की झंडु पंचारिष्ट का अपयौग पुराने कब्ज की समस्या के लिए भी काफी लाभदायक होता है। (और पढ़ें – गिलोय के औषधीय गुण)

अपच से दिलाए झुटकार

झंडू पंचारिष्ट में पाए जाने वाले कुछ तत्व अपच जैसी परेशानियों को खत्म कर देते हैं। धनिया, ज़ीरा, मुलेठी और शतावरी ये तीनों ही तत्व एंटी-एसिड हैं जो सीने में होने वाल जलन, खट्टी डकारों और गैस की परेशानियों को खत्म करती है और आराम दिलाती है।

लीवर के लिए लाभकारी

झंडु पंचारिष्ट का उपयोग नियमित रूप से करने से आपका लीवर मजबूत होता है, इसमें पाए जाने वाले कुछ तत्व लीवर के लिए काफी लाभकारी होते हैं।

खून की कमी

शरीर में खून की कमी होने से हीमोग्लोबीन घट जाता है जिसकी वजह से थकान लगती है, ऐसे में झुंड पंचारिष्ट में पाए जाने वाले तत्व किशमिश, शतावरी और अश्वगंधा शरीर में नए खून को बनने में मदद करते हैं जिससे आपकी हीमोग्लोबिन भी सामान्य रहता है।

भूख का ना लगना

झंडु पंचारिष्ट के नियमित सेवन से भूख खुल जाती है और पेट से सम्बंधित लगभग सभी बीमारियों और परेशानियों में आराम मिलता है। इसमें पाए जाने वाले तत्व मुलेठी चूर्ण ,आमला चूर्ण प्रवाल पिष्टी ये सभी तत्व भूख को बढ़ाते हैं ।

झंडु पंचारिष्ट (jhandu pancharishta) में पाए जाने वाले सभी तत्व औषधीय और एंटी ऑक्सीडेंट हैं जो शरीर में पाचन तंत्र से लेकर पेट की कई समस्याओं से फायदा दिलाते हैं और लाभप्रद होते हैं।इस में मौजूद किशमिश, एलो वेरा, जीरा, धनिया, त्रिकटु , मंजिष्ठा, अजमोद, जीरा और लौंग जैसे सभी घटक पेट की वायु, पेट फूलना, सूजन और पेट के भारीपन को कम करने में सहायक हैं।

छाती में जलन, खट्टी डकार और एसिडिटी

झंडू पंचारिष्ट में पाये जाने वाले कुछ तत्व शतावरी, मुलेठी, गिलोय, धनिया और जीरा हैं जो पेट में एसिड को नहीं बनने देते हैं।इसलिए यह छाती में जलन, खट्टे डकार और एसिडिटी से आराम दिलाते हैं साथ ही ऐसे रोगों में लाभदायक भी होते है।

छालों से दिलाता है राहत झंडु पंचारिष्ट

झंडु पंचारिष्ट (Zandu Pancharishta in hindi) में कई ऐसे तत्व होते हैं जो शीतलता प्रदान करते हैं जो कि मुँह के छालों और अम्लता में भी राहत दिला सकते हैं। लेकिन ऐल्कोहॉल की मात्रा के कारण अल्सर रोधी प्रभाव कम हो जाता है। इसलिए इसके उपयोद से मुँह में फिर से  छाले हो सकते हैं।हालांकि ऐसा जरूरी नहीं है कि ऐसा हो लेकिन ऐसा हो सकता है इसकी जानकारी होनी चाहिए।

गैस बनने से होने वाला पेट दर्द

पंचारिष्ट में पाए जाने वाले तत्व होते हैं जो गैस बनने के कारण पेट दर्द में आराम दिलाते हैं। यदि पेट में लगातार हल्का दर्द  बना रहता है तो यह औषधी काफी उपयोगी है, साथ ही पेट में भारीपन या कब्ज की शिकायत में भा काफी लाभदायक सिद्ध होती है।

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इरीटेबल बाउल सिंड्रोम

इरीटेबल बाउस सिंड्रोम एक ऐसी बीमारी है जो आंतों को खराब तो नहीं करती है लेकिन उनके खराब होने के संकेत देने लगती है।इस बीमारी में पेट में दर्द , बैचेनी, पेट का साफ ना होना अन्य कई समस्याएं होती है, ऐसे में झंडु पंचारिष्ट इन दिक्कतों के लिए फायदेमंद होती है ,लेकिन ये इस बीमारी की दवा नहीं है।तनाव भी इस बीमारी के एक मुख्य लक्षण माना जाता है, झंडु पंचारिष्ट (jhandu pancharishta) में पाए जाने वाले तत्व अस्वगंघा और मुलेठी इन कारकों से लड़ने में मदद करते हैं और तनाव को कम करते हैं।

कैसे करें झंडु पंचारिष्ट का सेवन?

झंडु पंचारिष्ट (jhandu pancharishta) का सेवन सिर्फ पानी में मिलाकर करना है बस इसकी मात्रा का आपको सही पता होना चाहिए।

औषधीय मात्रा

बच्चे (6 से 10 वर्ष) 2.5 से 5 मिलीलीटर (1/2 से 1 चम्मच)
बच्चे (10 वर्ष से ऊपर) 5 से 10 मिलीलीटर (1 से 2 चम्मच)
व्यस्क 30 मिलीलीटर (6 टीस्पून या 2 टेबलस्पून)

झंडु पंचारिष्ट सेवन विधि

कब करें दवा का सेवन? सुबह और शाम
दिन में कितनी बार लें? 2 बार
किस के साथ लें? बराबर मात्रा गुनगुने पानी मिलाकर सेवन करें

6 चम्मच लगभग 30 एमएल झंडु पंचारिष्ट को उतनी ही मात्रा यानी की 30 एमएल पानी में मिलाकर खाना खाने के तुरंत बाद इसका सेवन करें। पंचारिष्ट की अधिकतम खुराक एक दिन में 60 एमएल से अधिक नहीं होनी चाहिए।(दवा को लेने से पहले उससे चिकित्सक  की सलाह जरूर लें )

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झंडु पंचारिष्ट के दुष्प्रभाव (zandu Pancharishta side effects in hindi)

झंडु पंचारिष्ट औषधियों से मिलकर बना हुआ है तो इससे कोई भी ऐसी जड़ी बूटी नहीं है जिसका कोई गंभीर दुष्प्रभाव या साइड इफेक्ट हो।

मधुमेह रोगी सावधानी से करें इस्तेमाल:

झंडु पंचारिष्ट में कई ऐसे तत्व होते हैं जो अत्यधिक शर्करा युक्त होते हैं। ऐसे में मधुमेह से ग्रसित लोगों को इसका सेवन करते वक्त समय-समय पर शुगर की जांच करते रहना चाहिए पंचारिष्ट में शर्करा, किशमिश और कई ऐल्कोहॉल स्तर पर औषधियां होती हैं जिनका उपयोग मधुमेह के रोगी के लिए मना होता है।

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