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फौजी ने राष्ट्रपति से की इच्छामृत्यु की मांग, कहा- अब मेरा धैर्य जवाब दे चुका है….

हमारे देश के जवान फौजी देश की सुरक्षा और हमारी सुरक्षा के लिए अपनी जान तक कुर्बान कर देते हैं, लेकिन उनके ऊपर आने वाली विपदा पर कोई भी उनकी मदद नहीं करता है। ऐसे ही लाखेरी का एक फौजी पिछले 13 महीनों से अपने माता पिता के कथित शवों को लेकर हर जगह मदद के लिए भटक रहा है कि सरकारी सिस्टम से उसे कोई भी मदद नहीं मिल रही है। वो सरकारी व्यवस्था से इतना तंग आ चुका है कि उसने राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग की है और कोटा कलेक्टर को ज्ञापन दिया है।

माता पिता के शव तक नहीं हुए बरामद

नायब सूबेदार विजय कुमार का कहना है कि 13 महीनों में थाने से लेकर राज्य के हर आला अधिकारी के सामने फरियाद लगाई, लेकिन उनके माता पिता के कथित शवों को लेकर कोई सुनवाई नही हुई है। बता दें कि 13 महीने पहले रेलवे स्टेशन क्षेत्र निवासी एक दंपती हजारीलाल व कैलाशी बाई का कोटा स्थित मकान से अपहरण कर उनकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों की गिरफ्तारी की , लेकिन अभी तक दंपती के शवों को बरामद नहीं कर पाई।

बता दें कि 8 जनवरी 2018 को दंपती हजारीलाल और कैलाशी बाई का अपहरण हो गया था। उनके परिजनों ने इस अपहरण की रिपोर्ट कोटा के उद्योग नगर थाने में दर्ज कराई थी।  पुलिस ने इसके लिए कुछ खास कार्रवाई नहीं की और आरोपियों की मोबाइल लोकेशन लाखेरी की आने पर मामला लाखेरी को बता पर किनारा कर लिया। इसके बाद 26 जनवरी को लाखेरी थाने में दंपती की गुमशुदगी का मामला दर्ज हुआ और जांच के दौरान पहले मामला अपहरण फिर हत्या का निकला।

लाखेरी पुलिस ने जब जांच की तो पता चला की दंपती की हत्या हो चुकी है। पुलिस ने 6 फरवरी को दंपती की हत्या का खुलासा किया और पहले आरोपी मुखराम को गिरफ्तार किया। इसके बाद घनश्याम मीणा, उसकी पत्नी राजकुमारी और अंगद को गिरफ्तार किया। इसके बाद चारों को जेल भेज दिया गया। इस पूरी घटना में पुलिस ने मौके से दंपति के कपड़े, रक्त के नमूने सहित और कई सामान भी जब्त कर लिए। आरोपियों के खुलासे पर दंपति की हत्या का राज तो खुला, लेकिन शव अभी भी सामने नहीं आ पाई।

राष्ट्रपति से की इच्छामृत्यु की मांग

नायब सूबेदार विजय कुमार ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन में अपना दर्द बयां किया। उन्होंने लिखा की उसे सेना में सेवा करते हुए 24 साल हो गए, थाने से लेकर उच्चाधिकारियों व राजनेताओं की चौखट तक फरियाद लगा चुका हूं, लेकिन कहीं भी सफलता नहीं मिली। अब मैं बिल्कुल थक चुके हैं। पुलिस अभी तक सिर्फ उनकी हत्या की बात कह रही है, लेकिन शवों को लेकर पुलिस कुछ भी नहीं कह रही है। पिछले 13 महीनों में मेरा जवाब अब धैर्य दे चुका है। अब मन में सिर्फ अंतिम दर्शन और संस्कार की इच्छा ही मन में रह गई है, इसलिए पूरे परिवार सहित इच्छा मृत्यु की मांग करता हूं।

गौरतलब है कि इस मामले में पुलिस ने डीएनए टेस्ट से लेकर नार्को टेस्ट तक करवाया, लेकिन दंपति के शवों को लेकर कोई नई बात सामने नहीं आ पाई है। पुलिस ने संभावना के तौर पर चंबल नदी में गोताखोर की मदद से तलाश भी करवाई, लेकिन कुछ नहीं मिला। फौजी ने पुलिस जांच पर सवाल उठाए हैं और अपनी पीड़ा बताई। अभी भी शवों की तलाश में जांच जारी हैं।

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