अध्यात्म

गुरुवार को करें विष्णु भगवान रूपी शालीग्राम की पूजा, होती है भगवान की खास कृपा

हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की कोई कमी नहीं है. हर दिन के लिए हर भगवान का नाम स्थापित कर दिया गया और लोग उसी दिन उस देवता की पूजा करके अपने लिए कई लाभ उठाते हैं.लोगों को उम्मीद होती है कि भगवान उनके जीवन की हर कठिनाईयों को दूर करेंगे और ऐसा कई बार होता भी है. तीन देवता सबसे ऊपर माने जाते हैं वो हैं ब्रह्मा, विष्णु और महेश यानी शिव जी, ये सभी देवता बहुत प्रभावशाली हैंं लेकिन हर दिन से ज्यादा अगर गुरुवार को करें विष्णु भगवान रूपी शालीग्राम की पूजा तो विष्णु भगवान की विशेष कृपा आपके ऊपर आ सकती है.

गुरुवार को करें विष्णु भगवान रूपी शालीग्राम की पूजा

भगवान विष्णु को शालीग्राम के रूप में पूजा जाता है और इस रूप में वे काले रंग के चिकने पत्थर के रूप में दिखते हैं.शालीग्राम के पत्थर नेपाल में बहने वाली गंडकी नदी में पाए जाते हैं और इस नदी को तुलसी का रूप माना जाता है. बस यही कारण है कि इनकी पूजा करते समय अगर आप तुलसी के पत्ते अर्पित नहीं करते हो तो पूजा असफल रहती है. इसलिए हमेशा शालीग्राम यानी विष्णु जी की पूजा करते समय उनके ऊपर तुलसी जरूर अर्पित कर देनी चाहिए. ऐसी मान्यता है कि घर में सिर्फ एक ही शालीग्राम होने चाहिए और इनकी पूजा के दौरान याद रखना चाहिए कि बना नहाए इन्हें कभी नही छुएं. इनके पूजन के समय मन का शुद्ध होना बहुत जरूरी होता है और शालीग्राम की पूजा में तुलसी का पत्ता चढ़ाने से धन, वैभव और संतान की प्राप्ति होती है.शालिग्राम की पूजा करते समय पहले उन्हें स्नान कराएं और फिर चंदन चढ़ाएं. इसके बाद फूल और अक्षत अर्पित करें और फिर तुलसी का पत्ता चढ़ाएं. फिर विष्णुजी के मंत्रों का जाप करते हुए प्रार्थना करें.

इनकी पूजा के लिए हमेशा आपको घर साफ रखना चाहिए और इसके साथ ही विष्णु जी की प्रतिमा के पास ही शालीग्राम को रखना चाहिए. ऐसा विश्वास है कि जिस घर में शालीग्राम की हर दिन पूजा होती है वहां पर लक्ष्मी का वास होता है और इनकी पूजा विशेषरूप से गुरुवार को करने से विशेष लाभ मिलता है.

गुरुवार को करें इस तरह पूजा

शालीग्राम की पूजा करने के समय पीले रंग का वस्त्र पहनना जरूरी होता है. पूजा में पीले रंग का फूल, अरहर की दाल, गुड़ और कुछ केले का होना जरूरी होता है. विष्णु जी की पूजा केले के बिना अधूरी मानी जाती है लेकिन अगर आप गुरुवार का व्रत हैं तो उस दिन केला नहीं खाएं उसे प्रसाद के रूप में घर में बांट दें. इसके बाद ब्रहस्तपति देव की कथा पढ़िए और सच्चे मन से अपनी मनोकामना मांगे. भगवान विष्णु शांति के देवता माने जाते हैं उन्हें कभी गुस्सा नहीं आता लेकिन फिर भी इन्हें सच्चे मन से पूजें तो सही रहता है इससे शालीग्राम रूपी विष्णु जी मनवांछित फल देते हैं.

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