स्वास्थ्य

कोलन कैंसर से बचना है तो खाएं बैंगनी आलू

आपने आलू तो खूब खाए होंगे लेकिन क्या आपने बैंगनी आलू के बारे में सुना है. जी हां, बैंगनी आलू आपको कई बीमारियों से बचा सकते हैं. हाल ही में आई रिसर्च के मुताबिक, बैंगनी आलू कोलन कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं.

क्या कहती है रिसर्च-

रिसर्च के मुताबिक, बैंगनी आलू और अन्य रंगीन फलों और सब्जियों वाले आहार से कोलन कैंसर और सूजन आंत्र रोग का खतरा कम हो सकता है.

दरअसल, बैंगनी आलू सहित रंगीन पौधों में बायोगैक्टिक यौगिक जैसे एंथोकायनिन और फिनोलिक एसिड होते हैं जो कि कैंसर की रोकथाम में मदद कर सकते हैं.

शोधकर्ता कहते हैं कि ये यौगिक आणविक स्तर पर कैसे काम करते हैं, यदि ये समझ लिया जाए तो कैंसर के इलाज में इसे प्राथमिक सफलता के तौर पर देखा जा सकता है.

अमेरिका में पेनसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर जयराम के पी वनामले ने कहा कि हमने रिसर्च के दौरान पाया कि बेशक बैंगनी आलू और अन्य रंगीन फल और सब्जियां अन्य नई बीमारियों को बढावा दे सकते हैं लेकिन से पुराने रोगों जैसे कोलन कैंसर को रोकने में मदद कर सकते हैं.

जर्नल ऑफ़ पोषण बायोकैमिस्ट्री में प्रकाशित निष्कर्ष बताते हैं कि जैविक पोषक पदार्थों वाले सभी खाद्य पदार्थों को खाने से मनुष्यों की प्रोटीन की कमी तो पूरी हो ही सकती है इसके अलावा उनकी विटामिन, कैरोटीनॉइड और फ्लेवोनोइड की जरूरतें भी पूरी हो सकती हैं.

जयराम ने कहा कि इन निष्कर्षों ने हाल ही में आए शोध को सुदृढ़ किया है. शोध से साबित हो गया है कि शाकाहारी भोजन करने से मांसाहारी भोजन के मुकाबले कोलन कैंसर का खतरा कम होता है. इतना ही नहीं, शाकाहारी भोजन से कोलन कैंसर के लक्षणों को कम करने में भी मदद मिलती है.

कई पश्चिमी देशों जहां मीट अधिक फल और सब्जियां कम खाईं जाती हैं, वहां कोलन कैंसर की वजह से अधिकत्तर लोगों की मृत्यु होती है.

शोधकर्ताओं ने ये भी कहा कि इस अध्ययन के लिए उन्होंने सिर्फ बैंगनी आलू का इस्तेमाल किया है लेकिन अन्य रंगीन फल और सब्जियों का प्रभाव भी इसी तरह से होगा, ये शोध में संकेत मिला है.

प्रोफेसर जयराम कहते हैं कि बेशक सफेद आलू के सहायक यौगिक हो सकते हैं, लेकिन बैंगनी आलू में एंटीइंफ्लेमेट्री, एंटी-ऑक्सीडेंट यौगिकों की अधिक मात्रा अधिक पाई गई है.

रिसर्च ये भी कहती है कि सप्लीमेंट्स को बढ़ावा देने के बजाय यदि हम सब्जियों और फलों के सेवन पर अधिक जोर देंगे तो ये ज्यादा फायदेमंद होगा.

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