अध्यात्म

वैशाख पूर्णिमा सोमवार को होने के कारण बना अद्भुत संयोग, ये उपाय दूर कर देंगे शरीर के सभी रोग

वैशाख पूर्णिमा इस बार 16 मई को पड़ रही है। इस बार सालों बाद एक अद्भुत संयोग बन गया है। इस बार सोमवार के दिन ये पर्व पड़ रहा है। इस कारण से पर्व का महत्व कई गुना बढ़ गया है। अद्भुत संयोग की वजह से आपके सभी रोग दूर हो सकते हैं। इसी दिन से वैशाख स्नान भी समाप्त हो जाएगा।

कहते हैं कि इस दिन पवित्र नदियों के जल से स्नान करने पर सभी रोग दूर हो जाते हैं। भगवान बुद्ध का जन्म भी इसी दिन हुआ था। इस कारण पर्व को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। अगर इस दिन आप कुछ उपाय कर लें तो मान्यता है कि आपके शरीर के सारे रोग और कष्ट दूर हो जाएंगे। आइए उन उपायों को जानते हैं।

पवित्र नदियों में जुटेगी भीड़

हिन्दू मान्यताओं में वैशाख पूर्णिमा के दिन स्नान का महत्व बताया गया है। ऐसा कहा जाता है कि जो भी जातक वैशास स्नान किसी भी कारण से नहीं कर सका, वो इस दिन स्नान कर पुण्य प्राप्त कर सकता है। वैशास पूर्णिमा पर स्नान के लिए पवित्र नदियों में भारी भीड़ जुटेगी। गंगा और नर्मदा नदियों की ओर श्रद्धालु उमड़ेंगे।

इस बार सोमवार के दिन पर्व पड़ने की वजह से बहुत शुभ और अद्भुत संयोग भी बन गया है। इस बार स्नान करने से पुण्य कई गुना अधिक बढ़ जाएंगे और लाभ होगा। आपको बता दें कि मान्यता के अनुसार इसी दिन कूर्म जयंती भी मनाने की परंपरा है। साथ ही इस पर्व पर लक्ष्मी माता को भी खुश किया जाता है।

जलकुंभ के दान की है परंपरा

वैशाख पूर्णिमा के दिन जलकुंभ दान की भी परंपरा है। इस दिन पानी से भरे हुए मटके का दान करने को कहा जाता है। कहने हैं कि ऐसा करने से मृत्यु कभी अकाल नहीं आती है। साथ ही शरीर के रोग भी दूर हो जाते हैं। मान्यता के अनुसार यमराज कुंभ दान से बहुत प्रसन्न होते हैं और जातक को आशीर्वाद देते हैं।

अगर आपके परिवार में कोई सदस्य बहुत बीमार है या मरणासन्न अवस्था में है तो कुंभ दान जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से अकाल मृत्यु का भय टल जाता है। साथ ही किसी हादसे का संकट भी दूर हो जाता है। वैशाख पूर्णिमा पर कुछ विशेष उपाय करने से भी आपको सफलता मिल सकती है।

इन उपायों को जरूर करें

अगर परिवार का कोई सदस्य मानसिक रोग से ग्रस्त है तो वैशाख पूर्णिमा के दिन चांदी का बर्तन लें। उसमें साफ पानी और थोड़ा गंगाजल डालें। इसको सारी रात चांद की रोशनी में रहने दें फिर किसी चांदी के बर्तन में भर लें। मरीज को रोज थोड़ा-थोड़ा जल पिलाने से वो ठीक हो जाएगा। इस दिन मिश्री वाली खीर बनाकर कन्याओं को खिलाएं।

इस पर्व पर आपको सूर्य उगने से पहले ही उठ जाना चाहिए। घर को साफ करने के बाद गंगा जल और गोमूत्र छिड़किए। फिर घर के मेन गेट पर रोली, हल्दी या कुमकुम से स्वास्तिक का चिह्न बनाइए। इस दिन पीपल के वृक्ष पर दूध चढ़ाने से भी अच्छा फल मिलेगा। वहीं लक्ष्मी माता को प्रसन्न करने के लिए मखाने या साबूदाने की खीर चढ़ाएं।

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