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महाभारत के भीम प्रवीण 76 साल की उम्र में हुए पाई-पाई को मोहताज़, सरकार से की मदद की गुहार

रामायण और ‘महाभारत’ दूरदर्शन के दो सबसे बड़े शोज थे. सालों पहले भी और आज भी. देश में जब लॉकडाउन लगा था तो इन दोनों शोज की लोकप्रियता एक बार फिर देखीं गई थी. लॉकडाउन के दौरान इन शो में मोजूद किरदारों की चर्चा भी जनता के बीच काफी तेज़ हो गई थी. जब भी हम महाभारत की बात करते है तो हमारे दिमाग में ‘गदाधारी भीम’ का चेहरा भी सामने आता है.

महाभारत में भीम का किरदार प्रवीण कुमार सोबती द्वारा निभाया गया था. प्रवीण कुमार सोबती न सिर्फ एक शानदार आर्टिस्ट थे बल्कि वह एक जानदार खिलाडी भी थे. देश के लिए दो बार ओलंपिक मेडल जीत चुके प्रवीण की आज आर्थिक स्थिति काफी खराब है.

praveen kumar sobti economic condition not well

प्रवीण की आज माली हालत काफी खराब होते जा रही है. बड़ी ही मुश्किल से वह अपना गुजारा कर रहे है. अब ऐसे में प्रवीण कुमार ने सरकार से मदद करने की गुजारिश की है. ‘महाभारत’ के ‘भीम’ प्रवीण कुमार सोबती का कहना है कि आज उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. वह बड़ी ही मुश्किल से अपना गुजारा कर रहे है.

प्रवीण कुमार ने दो बार ओलंपिक, एशियन, कॉमनवेल्थ में कई गोल्ड, सिल्वर मेडल अपने नाम किये है. आपको बता दें कि, प्रवीण उर्फ़ भीम को 1967 में खेल के सर्वोच्च पुरुस्कार ‘अर्जुन अवॉर्ड’ से भी सम्मानित किया जा चुका है. मगर उन्हें किसी भी सरकार ने अन्य खिलाडियों की तरह पेंशन नहीं दी. बता दें कि पंजाब में ओलंपिक मेडल जीतने वाले खिलाड़ी को पेंशन दी जाती है.

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प्रवीण का कहना है कि उन्हें पेंशन नहीं मिल रही है. इसलिए वह पेंशन की गुजारिश कर रहे हैं. प्रवीण कुमार का कहना है कि, इस कोरोना लॉकडाउन के दौरान उनकी हालात और भी ज्यादा खराब हो गई है. इसके साथ ही प्रवीण ने कहा कि, उन्होंने लॉकडाउन के दौरान अपने कई रिश्तेदारों से मदद मांगी लेकिन किसी ने भी उनका साथ नहीं दिया.

प्रवीण ने कहा कि, ‘ये सारे रिश्ते खोखले हैं. सहारा देने के समय अपने साथ छोड़ देते हैं.’ प्रवीण ने कहा मैं इस समय 76 साल का हूँ और काफी समय से घर पर रह रहा हूँ. मेरी तबीयत भी ठीक नहीं रहती है. मुझे स्पाइनल की भी परेशानी है. साथ में पत्नी है जो मेरा ख्याल रखती है. बता दें कि उस समय भीम को हर कोई जानता था लेकिन आज सब लोग उन्हें भूल चुके है.

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पंजाब सरकार के बारे में बात करते हुए प्रवीण ने कहा कि, ‘पंजाब में आज तक जितनी भी सरकारें आई हैं, मुझे उन सभी से शिकायत है क्योंकि एशियन गेम्स या मेडल जीतने वाले हर खिलाड़ी को पंजाब की सरकार की ओर से पेंशन दी जाती है लेकिन मुझे इससे वंचित किया गया. जबकि मैंने सबसे ज्यादा गोल्ड मैडल जीते है.

मैं एक अकेला खिलाड़ी थी, जिसने कॉमनवेल्थ को रिप्रेजेंट किया था. फिर भी मुझे पेंशन में नजरअंदाज किया गया है. मैं अभी बीएसएफ से मिलने वाली पेंशन से जैसे-तैसे गुजारा कर रहा हूं.’

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ऐसे मिली थी महाभारत
प्रवीण ने बताया था, ‘ये वर्ष 1986 की बात है, जब मुझे मेरे खेल के लिए बीएसएफ में डिप्टी कमांडेंट की नौकरी भी मिल गई थी. इस दौरान मुझे पता चला कि, बीआर चोपड़ा महाभारत बना रहे हैं और वो भीम के किरदार के लिए मुझे लेना चाहते हैं. भीम के किरदार में लोगों ने मुझे इतना पसंद किया कि हिंदी फिल्मों के भी ऑफर मिलने लगे. मैंने लगभग 50 फिल्मों में काम किया.

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