अध्यात्म

महाकाली का चमत्कारिक मंदिर, जहां निवास करती हैं माता, भक्तों की हर इच्छा करती है पूरी

सिद्ध पीठ मठियाणा माँ मंदिर में देवी माता भक्तों को वैष्णो रूप और दूसरी भद्रकाली के रूप में दर्शन देती है

सिद्ध पीठ मठियाणा माँ मंदिर : हमारे देश में देवी मां के बहुत से मंदिर मौजूद है, जिनकी अपनी-अपनी खासियत और विशेषता बताई गई है, इन मंदिरों में अक्सर समय-समय पर चमत्कार देखने को मिलता रहता है, जिससे भक्तों की आस्था और अधिक बढ़ जाती है, ऐसा माना जाता है कि इन मंदिरों में साक्षात देवी मां निवास करती हैं, देवी मां के चमत्कारों और विशेषताओं की वजह से ही यहां पर लाखों भक्त देवी मां के दर्शन करने के लिए आते हैं और माता से अपनी मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना करते हैं, आज हम आपको देवी मां के एक ऐसे मंदिर के बारे में जानकारी देने वाले हैं, जहां पर महाकाली जागृत मानी गई है, इस मंदिर में देवी माता भक्तों को वैष्णो रूप और दूसरी भद्रकाली के रूप में दर्शन देती है।

हम आपको जिस मंदिर के बारे में जानकारी दे रहे हैं यह माता का मंदिर देव भूमि उत्तराखंड के जनपद रुद्रप्रयाग के जखोली विकासखंड के भरदार क्षेत्र की ऊंची पहाड़ियों पर स्थित है, जिसको सिद्ध पीठ मठियाणा माँ मंदिर के नाम से लोग जानते हैं, माता के इस मंदिर को सिद्ध पीठों में से एक माना गया है, माता के इस मंदिर में चैत्र और शारदीय नवरात्रि के दिनों में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है, कालरात्रि के दिन पूरी रात जागरण होता है, वर्ष भर भक्तों के लिए माता रानी का कपाट खुला रहता है, यहां पर दूर-दूर से लोग माता के दर्शन करने के लिए आते हैं।

अगर हम प्राचीन लोक कथाओं के अनुसार देखें तो मां मटियाणा सिरवाड़ी गढ़ के राजवंशों की धियान थी और इनकी शादी भोट यानी तिब्बत के राजकुमार से हुई थी, सौतेली मां द्वारा ढाह वंश के कुछ लोगों की सहायता से उनके पति को जान से मार दिया जाता है, पति के मरने के पश्चात आहत सहजा तिलवाड़ा सूरज प्रयाग में सती होने के लिए जाती है, तब यही से मां प्रकट होती है, तब देवी मां सिरवादी गढ़ में पहुंचकर दोषियों को उनके किए का दंड देती हैं और जन कल्याण के निमित यही वास करती है।

मठियाणा देवी मंदिर दुनियाभर में प्रसिद्ध है, ऐसा बताया जाता है कि यहां पर माता के दर्शन करने से पुण्य लाभ की प्राप्ति होती है, खासकर इस मंदिर के अंदर नवरात्रि के दिनों में भक्तों का जमावड़ा देखने को मिलता है, मठियाणा देवी माता शक्ति का काली रूप है और यह स्थान देवी का शक्ति पीठ भी माना जाता है, इस मंदिर के बारे में ऐसा भी बताया जाता है कि जब माता अग्नि में सती हो गई थी तब भगवान शिव जी उनके शरीर को लेकर इधर-उधर भटक रहे थे, माता के शरीर का अंग जहां-जहां पर गिरा था वह सभी स्थान शक्ति पीठ कहलाए जाते हैं, माता रानी का एक भाग यहां पर गिरा था, जिसके बाद माता मठियाणा देवी कहीं गई, ऐसा बताया जाता है कि माता रानी के इस शक्तिपीठ में जो भी भक्त अपनी मनोकामना मांगता है उसकी सभी इच्छाएं माता रानी अवश्य पूरी करती हैं।

देवी माता का मठियाणा माता मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के सिलीगों गांव में स्थित है, अगर आप यहां आना चाहते हैं तो इसके लिए रुद्रप्रयाग से तिलवाड़ा घेघड़ होते हुए पहुंचा जा सकता है, सड़क मार्ग से माता के इस मंदिर की दूरी करीब 2 किलोमीटर पैदल तय करनी होगी।

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