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Modi Magic: मोदी की आंधी में उड़ गई कांग्रेस, 17 राज्यों में खाता तो भी नहीं खुला

16वीं लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने तत्कालीन सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस की कमर तोड़ दी थी, जिससे के बाद से आज भी पार्टी उबर नहीं पाई है। साल 2014 का जख्म भरा ही नहीं था कि बीजेपी ने एक बार फिर जख्मों पर नमक छिड़कते हुए ताजा कर दिया। जी हां, साल 2019 में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत के बाद न सिर्फ कांग्रेस को सत्ता से दूर रखा है, बल्कि उसके अस्तित्व पर भी सकंट खड़ा कर दिया। 17वीं लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने भले ही पिछली बार से अपनी सीट बढ़ाई हो, लेकिन सही मायने में इससे करारी हार उसे कभी नसीब नहीं हुई होगी। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?

17वीं लोकसभा के चुनाव प्रचार के दौरान मोदी-शाह ने 300 पार का नारा चलाया था, जिसका आकड़ा बीजेपी ने छू लिया है। इस बार बीजेपी 300 से पार चली गई है। इतना ही नहीं, एनडीए 350 का आकड़ा छूती हुई नजर आ रही है, जिसमें अकेले बीजेपी की 303 सीटें हैं। मतलब साफ है कि इस बार मोदी लहर नहीं, आंधी थी, जिसमें तमाम विपक्षी दल उड़ गए। इस बार बीजेपी की आंधी इस तरह से चली कि कांग्रेस पार्टी के सामने खुद का भविष्य बचाना भी मुश्किल लग रहा है।

16 राज्यों में नहीं खुला कांग्रेस का खाता

मोदी के प्रचंड लहर में कांग्रेस इस बार आंध्र प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, दिल्ली, ओडिशा, सिक्किम, राजस्थान, चंडीगढ़, दागर एवं नगर हवेली, दमन एवं दीव, लक्षद्वीप, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, मणिपुर, नागालैंड और मिजोरम में अपना खाता भी नहीं खोल पाई, जोकि अपने आप में ही एक बड़ी बात है। ये वही राज्य है, जिसमें कभी कांग्रेस ने राज किया था, लेकिन इस बार उसे जनता ने सिरे से खारिज कर दिया। इतना ही नहीं, कांग्रेस को इस बार फिर नेता प्रतिपक्ष का खिताब नहीं मिलने वाला है, क्योंकि वह 53 सीटों पर ही सिमटती हुई नजर आ रही है।

मोदी सुनामी ने ढह गया कांग्रेस का किला

17वीं लोकसभा में जहां एक तरफ बीजेपी ने एक बार फिर से कांग्रेस को सत्ता से दूर रखा तो वहीं एक गहरा जख्म भी दे दिया। कांग्रेस के हाथों से एक बार फिर देश तो छीनने के साथ ही उसका सबसे मजबूत किला भी हिला के रखा दिया। हम बात कर रहे हैं अमेठी की। अमेठी में राहुल गांधी को स्मृति ईरानी ने पटखनी दी, जिसके बाद कांग्रेस का दर्द और भी बढ़ गया। राहुल गांँधी की अमेठी से हार काफी ज्यादा बड़ी है, जिसकी वजह से एक बार फिर उनके नेतृत्व पर सवाल उठने लगे हैं।

कांग्रेस शासित राज्य में भी नहीं चला राहुल का जादू

मोदी सुनामी राहुल गांधी कांग्रेस शासित राज्यों को भी बचाने में नाकाम दिखे, जिसकी वजह से वहां वह खाता भी नहीं खोल पाई। जी हां, राजस्थान में हाल ही में कांग्रेस ने बीजेपी को सत्ता से बाहर किया था, लेकिन लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने क्लीन स्वीप करते हुए कांग्रेस को बाहर का रास्ता दिखाया। इतना ही नहीं, मध्यप्रदेश से भी कांग्रेस के लिए सुकुन वाली खबर नहीं है, क्योंकि वहां से भी उसके सभी दिग्गजों को हार का मुंह देखना पड़ा।

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