अध्यात्म

जानिये इस बार की महाशिवरात्रि क्यों होने वाली है खास, 3 साल बाद बन रहा है ऐसा अद्भुत संयोग

हिंदू धर्म सभी धर्मों में सबसे पुराना माना जाता है. हिंदू धर्म में अनेकों देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की जाती है और हर देवी-देवता की अपनी एक अलग मान्यता होती है. शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव को त्रिदेव कहा गया है. शिवजी की कल्पना एक ऐसे देव के रूप में की जाती है जो कभी संहारक तो कभी पालक होते हैं. भगवान शिव को संहार का देवता भी कहा जाता है. इसी तरीके से भगवान शिव के कुल 12 नाम प्रख्यात हैं. पूरे भारत में शिवजी के भक्तों की संख्या सबसे अधिक है.

इस साल सोमवार के दिन है महाशिवरात्रि

इस साल महाशिवरात्रि सोमवार के दिन 4 मार्च को है. फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भगवान शिव के विवाह की चतुर्दशी माना जाता है. इस चतुर्दशी को शिवपुराण में महाशिवरात्रि कहा गया है. इस शिवरात्रि के पीछे ‘महा’ लगने का एक बड़ा कारण है. दरअसल, शिवरात्रि तो हर महीने आती है लेकिन फाल्गुन मास की शिवरात्रि साल में सिर्फ एक बार आती है. महाशिवरात्रि को शिव और शक्ति की मिलन की रात कहा जाता है इसलिए इसका ज्यादा महत्व होता है.

महाशिवरात्रि की रात को अध्यात्मिक शक्तियों का जागृत होने के लिए सबसे अच्छा टाइम होता है इसलिए शास्त्रों के अनुसार इस रात का उपयोग ध्यान, योग, तप और साधना के लिए किया जाए तो बेहतर रहता है. 4 मार्च को कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं जिस वजह से इस दिन का महत्व और ज्यादा बढ़ गया है. इस साल महाशिवरात्रि का पर्व सोमवार के दिन पड़ रहा है जिसे बहुत अच्छा माना जा रहा है. सोमवार का संबंध भगवान शिव से होता है. इस दिन लोग भगवान शिव का व्रत रखते हैं. भगवान शिव के सिर पर चन्द्र विराजमान होने की वजह से उन्हें सोमनाथ के नाम से भी जाना जाता है. इसलिए महाशिवरात्रि का सोमवार के दिन होना अपने आप में महासंयोग है.

कुंवारे लोग अगर इस महाशिवरात्रि भगवान शिव का अभिषेक दूध और गंगाजल से करेंगे तो इनके विवाह का योग तेज होगा. इस साल महाशिवरात्रि के दिन नक्षत्रों में सबसे मुख्य श्रवण नक्षत्र का संयोग बना है. चंद्रमा को इस नक्षत्र का स्वामी बताया गया है और इसक प्रतीक चिन्ह भगवान विष्णु के वामन अवतार का चरण चिन्ह है. ऐसे में भगवान शिव की पूजा करना बड़ा फलदाई साबित होगा. इस दिन गन्ने के रस से भगवान शिव का अभिषेक करें.

महाशिवरात्रि पर शिवयोग

इस साल महाशिवरात्रि की सबसे अच्छी बात यह है कि इस दिन शिव योग बना है. शिव योग में शिव की पूजा करने को काफी उत्तम और शुभफलदायी माना जाता है. मोक्ष की चाहत रखने वालों को इस दिन पूजा करते वक्त केसर में दूध मिलाकर शिवजी का अभिषेक करना चाहिए. तीन संयोगों से हटकर चौथा संयोग ये है कि इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बना हुआ है जो सभी कार्यों को सफल करता है. ऐसे में इस दिन शिव तांडव स्तोत्र, शिव सहस्रनाम का पाठ करना शुभ होगा.

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