विशेष

तपती दोपहर में बेटी को लेकर बेच रहा था पेन, किसी ने तस्वीर उठायी और बदल गयी जिंदगी..

सीरिया में गृह युद्ध चल रहा है. इस युद्ध की वजह से कई लोगों की ज़िंदगी में उथल-पुथल मच गयी है. युद्ध के कारण लोग अपने देश को छोड़कर दूसरे देश में शरण लेने के लिए मजबूर हो गए हैं. लेबनान के शहर बेरुत में कई ऐसे सीरियन रिफ्यूजी हैं जो सड़कों पर रहने को मजबूर हैं. छोटे-मोटे काम कर के ये लोग अपना पेट भर रहे हैं.

ऐसा ही कुछ हुआ था सीरिया के एक रिफ्यूजी शख्स के साथ. देश से बाहर निकलने के बाद वह अपनी बेटी के साथ लेबनान के बेरुत में आ गए. जीवन निर्वाह के लिए वह यहां की सड़कों पर घूम पेन बेचा करते थे. लेकिन उनकी एक तस्वीर की वजह से उनकी किस्मत पूरी तरह बदल गयी.

कौन है यह शख्स


वायरल हुई इस फ़ोटो में शख्स का नाम अब्दुल है. फ़ोटो में उसने अपनी बेटी को कंधे पर टांगा हुआ है और वह तपती दोपहर में घूम-घूमकर पेन बेच रहा है. अब्दुल लोगों से पेन खरीदने की गुजारिश कर रहा था उसी दौरान किसी ने यह फ़ोटो ले ली. फ़ोटो को सोशल मीडिया पर डाल दिया. तस्वीर वायरल हो गयी और एक पिता का यह हाल देखकर लोगों का दिल पसीज गया.

तस्वीर ने रुलाया लोगों को

कहते हैं कि वक़्त हमेशा एक जैसा नहीं रहता. दिन फिरने पर रंक भी राजा बन जाता है. अब्दुल कुछ साल पहले तक अपनी बेटी को कंधों पर लेकर सड़कों पर पेन बेचा करता था. पेन बेचकर वह दो वक़्त की रोटी कमा लेता था. लेकिन सिर्फ एक वायरल हुई फ़ोटो की वजह से अचानक उसकी ज़िंदगी बदल गयी. अपनी बेटी को कंधे पर बिठाकर पेन बेचने वाली उसकी इस तस्वीर ने लोगों को रुला दिया. अब वह न केवल अपना एक अच्छा खासा व्यवसाय चलाते हैं बल्कि अपने जैसे 16 अन्य शरणार्थियों की रोज़गार के साथ बेहतर ज़िंदगी जीने में मदद भी करते हैं.

 डोनेशन के पैसों से बिज़नेस


फ़ोटो वायरल होने के बाद नॉर्वे के एक जर्नलिस्ट गिसर सिमोनारसन ने ट्विटर पर @buy_pens के नाम से अकाउंट बनाया और फंडिंग के लिए अपील की. उन्होंने 5000 डॉलर का लक्ष्य दिया. अपील का समय पूरा होने पर पता चला कि लोगों ने लगभग 1 लाख 90 हज़ार डॉलर का सहयोग दिया है. भारतीय मुद्रा में यह करीब 1 करोड़ 25 लाख है. गिसर ने डोनेशन के सारे पैसे अब्दुल को दे दिए. डोनेशन में मिले पैसों से अब्दुल ने अपना बिज़नेस शुरू किया. उसने बाकी रिफ्यूजी की भी मदद की. उसने अपने बिजनेस में 16 रिफ्यूजी को शामिल किया. हम आपको बता दें कि लेबनान में करीब 12 लाख रिफ्यूजी रहते हैं.

पेन बेचने वाला बना बिज़नेसमैन

अब्दुल की एक तस्वीर ने दुनिया का दिल जीत लिया. आज अब्दुल के पास किसी चीज़ की कमी नहीं है. लोगों से मदद मिलने के बाद वह आज एक बिज़नेसमैन बन गए हैं. उन्होंने खुद का दो बेडरूम का अपार्टमेंट भी ले लिया है जहां वह अपनी बेटी रीम और बेटे अब्दुल्लाह के साथ रहते हैं.

 

Back to top button