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देश में सबसे ख़ास दिल्ली का मेयर, सांसद खुद डालते है वोट, 250 वार्ड के MCD में बहुमत 131 क्यों ?

नई दिल्ली : दिल्ली नगर निगम चुनाव 2022 के परिणाम सबके सामने है। दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पार्टी आम आदमी पार्टी ने विजयी परचम लहरा दिया है। भारतीय जमता पार्टी और आम आदमी पार्टी के बीच कांटे की टक्कर हुई हालांकि बाजी मार ले गई आप। दिल्ली नगर निगम में अब आम आदमी पार्टी का राज होगा।

आप को 134, भाजपा को 104 सीटें

दिल्ली नहर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 134 सीटें जीती है। आप बहुमत के आंकड़े को पार कर चुकी है। वहीं भारतीय जनता पार्टी के खाते में 104 सीटें आई है। दोनों ही पार्टियों के बीच दिल्ली नगर निगम चुनाव में तगड़ी टक्कर देखने को मिली।

कांग्रेस नहीं छू सकी दहाई का आंकड़ा

भाजपा और आम आदमी पार्टी जहां 100 -100 से अधिक सीटें लाई तो वहीं कांग्रेस पार्टी तो 10 का आंकड़ा भी नहीं छू पाई है। हर चुनाव की तरह इस चुनाव में भी कांग्रेस की हालत बेहद खराब रही। कांग्रेस दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू पाई। उसके खाते में महज 9 सीटें आई है।

दिल्ली नगर निगम में 250 वार्ड, फिर बहुमत का आंकड़ा 131 क्यों ?

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दिल्ली नगर निगण में कुल 250 वार्ड है और इस हिसाब से बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा 126 होना चाहिए लेकिन बहुमत का आंकड़ा 131 है। इसके पीछे एक ख़ास वजह है। दरअसल पहले MCD में कुल वार्ड की संख्या 270 थी। लेकिन तीनों MCD के विलय के बाद अब 250 वार्ड हो चुके है। दिल्ली नगर निगा चुनाव में राजयसभा और लोकसभा सांसद भी वोट डालते हैं। दिल्ली में लोकसभा के 7 सांसद और राजयसभा के 3 सांसद है। 10 वोट सांसदों के डालते है। इस हिसाव से सबख्या 250 के बावजूद 260 हो जाती है और फिर बहुमत का आंकड़ा 131 पहुंच जाता है।

पहले साल महिला पार्षद महापौर, तीसरा साल अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित

दिल्ली नगर निगम चुनाव में जीत के बाद पहली महापौर कोई महिला पार्षद बनती है। हालांकि महिला पार्षद केवल एक साला तक के लिए ही महापौर पद पर रहती है। वहीं कार्यकाल के तीसरे साल में अनुसूचित जाति से कोई पार्षद महापौर बनता है। वहीं दूसरे, चौथे और पांचवे साल में महापौर पद आरक्षित नहीं होता है।

BJP ने ठोंका अपना महापौर बनाने का दावा


BJP को चाहे दिल्ली नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी से हार का सामना करना आपदा हो लेकिन इसके बावजूद भाजपा ने अपना महापौर बनाने का दावा तिनका है। भाजपा नेता अमित मालवीय ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, ”अब दिल्ली का मेयर चुनने की बारी…यह सब इस बात पर निर्भर करेगा कि कौन करीबी मुकाबले में नंबर पकड़ सकता है, मनोनीत पार्षद किस तरह से मतदान करते हैं आदि। उदाहरण के लिए, चंडीगढ़ में भाजपा का मेयर है”।

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