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‘डीएम साहब! भल्लालदेव के रथ जैसी बनानी है कार’, अजीब एप्लीकेशन के साथ कार्यालय पहुंची महिला

साउथ सिनेमा की एक मूवी ने पूरे हिन्दी सिनेमा में भी धमाल मचा दिया था। वो फिल्म बाहुबली थी जिसमें जगह का एक्शन दिखाया गया था। इस फिल्म ने ताबड़तोड़ कमाई की थी। वैसे तो फिल्म के गीत, हीरो, हीरोइन और एक्शन सब लाजवाब थे। इनके साथ ही फिल्म की एक चीज ने सबको खासा आकर्षिक किया था।

वो चीज थी फिल्म के विलेन भल्लालदेव का रथ जो अलग ही डिजाइन का बना हुआ था। लोगों को ये रथ खूब पसंद आया था। अब एक महिला को तो ये इतना पसंद आ गया है कि वो डीएम के पास अपनी कार को उसी रथ जैसा बनाने की मंजूरी लेने पहुंच गई है। वो क्यों कार को रथ जैसा बनाना चाहती है, आइए इसकी वजह जानते हैं।

खूब सुर्खियों में रहा था रथ का डिजाइन

सुपरहिट मूवी बाहुबली तो हर मायने में सफल रही। फिल्म के दूसरे भाग में दिखाया गया भल्लालदेव का रथ भी कम चर्चा में नहीं रहा। अनोखे डिजाइन का रथ इससे पहले कभी नहीं देखा गया था। मूवी में दिखाया गया था कि दुश्मनों के बीच भल्लालदेव जब इस रथ पर निकलता था तो उसके आगे कोई आ ही नहीं पाता था।

फिल्म में इस रथ के आगे एक चक्र लगा हुआ दिखाया गया था। जैसे ही रथ के पहिये घूमने लगते थे, वैसे ही चक्र भी तेजी से घूमने लगता था। फिर इस रथ के आगे जो भी आता, वो चक्र से कट जाता था। इस रथ में बैठा हुआ कोई भी शख्स आसानी से कहीं भी पहुंच जाता था। उसको कोई रोकने वाला नहीं होता था।

डीएम के पास पहुंची भाजपा नेता की बेटी

वैसे तो ये रथ पूरा फिल्मी था। फिर भी मध्य प्रदेश की एक महिला इस रथ से इतनी प्रभावित हो गई है कि वो अपनी कार को ही रथ में बदलना चाहती है। वो चाहती है कि उसकी कार भल्लालदेव के रथ जैसी बन जाए। इसको लेकर वो बहुत गंभीर भी है। इसी वजह से वो परमिशन लेने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच गई।

कनुप्रिया सत्तन नाम की महिला इंदौर शहर की रहने वाली हैं। उनके पिता बड़े बीजेपी नेता सत्यनारायण सत्तन हैं। वो हाल ही में इंदौर कलेक्टर के ऑफिस पहुंची थीं। उनके हाथ में प्रार्थनापत्र भी था जिसमें उन्होंने अजीब सी फरमाइश की थी। उन्होंने अपनी कार को भल्लादेव के रथ में बदलने की अनुमति मांगी है।

जानें क्या है इसके पीछे की वजह

कनुप्रिया ने एप्लीकेशन में वजह भी बताई है। उन्होंने कहा कि वो 8 माह की गर्भवती महिला हैं। इंदौर के ट्रैफिक से वो बहुत परेशान हो चुकी हैं। वो कहती हैं कि इंदौर की सड़कों पर गाड़ी में बैठना या चलाना बिल्कुल सेफ नहीं लगता है। लोग अचानक से गाड़ी के सामने आकर कट मार जाते हैं। उल्टे-सीधे ढंग से ओवरटेक करते हैं।

उन्होंने लिखा है कि ऑटो और टैक्सी वाले तो नियमों को मानते ही नहीं हैं। उनका कहना है कि वो पूरे इंदौर को नियमों का पालन करना नहीं सिखा सकती हैं। ऐसे में खुद को सुरक्षित रखने के लिए रथ जैसे चक्र अपनी कार के आगे लगवाना चाहती हैं। इसके लिए उन्होंने अपनी कार का नंबर भी दे दिया जिसको वो रथ जैसा बनाना चाहती हैं।

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