अध्यात्म

आखिर कब है हनुमान जयंती? जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

हिंदू पंचांग के अनुसार हनुमान जयंती हर साल चैत्र माह की पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस दिन राम भक्त हनुमान जी की विधि-विधान पूर्वक पूजा अर्चना और व्रत किया जाता है। कई स्थानों पर कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को हनुमान जयंती मनाते हैं परंतु सबसे अधिक महत्व चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाई जाने वाली हनुमान जयंती को दिया जाता है।

जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं महाबली हनुमान जी भगवान श्री राम जी के परम भक्त थे। जो भक्त अपने सच्चे मन से हनुमान जी की पूजा-आराधना करता है उसके जीवन के सारे दु:ख दूर हो जाते हैं। हनुमान जी भगवान शिव जी के 11वें अवतार हैं। यह संकट मोचन माने गए हैं। हनुमान जी की कृपा से भक्तों के सारे संकट दूर होते हैं और जीवन की सभी बाधाएं समाप्त हो जाती हैं।

वर्तमान समय में सभी लोग यही चाहते हैं कि उनके ऊपर हनुमान जी की कृपा दृष्टि बनी रहे। हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए भक्त रामायण, राम चरित मानस का अखंड पाठ, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, हनुमान बाहुक, सुंदरकांड का पाठ आदि करते हैं। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से हनुमान जयंती कब है? शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में जानकारी देंगे।

हनुमान जयंती तिथि

इस बार हनुमान जयंती 27 अप्रैल 2021 को मनाई जाएगी। इस दिन हनुमानजी की विशेष पूजा-आराधना की जाती है और भक्त व्रत रखते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन हनुमान जी की पूजा-आराधना और व्रत करके हनुमान जी का आशीर्वाद पाया जा सकता है। बजरंगबली अपने भक्तों के सारे दु:ख दूर करते हैं।

हनुमान जयंती पूजा शुभ मुहूर्त

पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ- 26 अप्रैल 2021, दोपहर 12:44 बजे से

पूर्णिमा तिथि का समापन- 27 अप्रैल 2021, रात्रि 09:01 बजे पर

हनुमान जयंती पूजा विधि

1. हनुमान जयंती के दिन आप सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के पश्चात ध्यान करें और व्रत का संकल्प लीजिए।

2. आप साफ-सुथरे वस्त्र धारण करके पूर्व दिशा में हनुमान जी की प्रतिमा को स्थापित कीजिए।

3. हनुमान जयंती के दिन पूजा के दौरान आप मंत्र “ऊँ हनुमते नम:। या अष्टादश मंत्र ‘ॐ भगवते आन्जनेयाय महाबलाय स्वाहा।” का जाप करें। ऐसी मान्यता है कि इससे दैहिक, दैविक और भौतिक तापों से मुक्ति प्राप्त होती है।

4. हनुमान जी की पूजा के दौरान आप सिंदूर अर्पित करें। इसके अलावा सुगंधित तेल और चोला भी अर्पित कीजिए।

5. हनुमान जयंती के दिन पूजा के दौरान आप राम चरित मानस का अखंड पाठ, सुंदरकांड का पाठ, हनुमान चालीसा, हनुमान बाहुक, बजरंग बाण आदि का पाठ कीजिए।

6. पूजा के दौरान आप हनुमान जी को पान का बीड़ा अर्पित करें। मंगल कामना करते हुए इमरती का भोग लगाएं।

हनुमान जी की पूजा-आराधना से मिलते हैं ये लाभ

शास्त्रों में इस बात का उल्लेख किया गया है कि महाबली हनुमान जी को चिरंजीवी का आशीर्वाद प्राप्त है और यह कलयुग में भी पृथ्वी पर वास करते हैं। अगर कोई व्यक्ति महाबली हनुमान जी की रोजाना पूजा-आराधना करता है तो उसके जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। हनुमान जी की कृपा से जीवन के सारे संकट दूर हो जाते हैं।

जिन लोगों की कुंडली में शनि ग्रह की स्थिति ठीक नहीं है और शनि की वजह से जीवन में परेशानियां चल रही हैं तो उनको हनुमान जी की पूजा आराधना जरूर करनी चाहिए, क्योंकि जो लोग हनुमान जी की भक्ति करते हैं उनको शनिदेव कभी भी परेशान नहीं करते हैं।

हनुमान जी की विधि-विधान पूर्वक पूजा करके आप शनिदेव से जुड़ी हुई सभी समस्याओं से छुटकारा प्राप्त कर सकते हैं। हनुमान जी अपने भक्तों को भूत-प्रेत बाधा, नकारात्मक ऊर्जा, मरण आदि से पूर्णत: मुक्ति दिलाते हैं।

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