अध्यात्म

गरुण पुराण के अनुसार कभी भी न करें ये 5 गलतियां वरना जीवन में बढ़ने लगेंगी परेशानियां

मनुष्य अक्सर अपना जीवन संवारने के लिए तरह-तरह के प्रयास करता है परंतु अक्सर देखा गया है कि व्यक्ति के जीवन में किसी न किसी प्रकार की परेशानियां लगी रहती हैं। लाख कोशिश करने के बावजूद भी व्यक्ति को अपने जीवन की परेशानियों से छुटकारा नहीं मिलता है। आपको बता दें कि शास्त्रों और पुराणों में ऐसी बहुत सी बातें बताई गई हैं जिन पर अगर व्यक्ति ध्यान देता है तो अपने जीवन को खुशहाल बना सकता है। गरुण पुराण में मनुष्य के जीवन में आने वाली परेशानियां और सुखी जीवन जीने के बारे में कई बातों का उल्लेख किया गया है।

अगर आप गरुड़ पुराण में बताई गई नीतियों पर अमल करते हैं तो इससे आपका समय हमेशा बलवान बना रहेगा। इतना ही नहीं बल्कि धन की देवी माता लक्ष्मी जी की भी कृपा दृष्टि हमेशा बनी रहेगी। अगर आप चाहते हैं कि समाज में आपका मान-सम्मान हमेशा बना रहे और सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो तो गरुड़ पुराण में बताई गई ये गलतियां जीवन में कभी भी ना करें।

श्लोक

दाता दरिद्र: कृपणोर्थयुक्त: पुत्रोविधेय: कुजनस्य सेवा।
परापकारेषु नरस्य मृत्यु: प्रजायते दुश्चरितानि पञ्च।।

दरिद्र हो कर दानी बनने वाले लोग हमेशा रहते हैं दुखी

उपरोक्त श्लोक के अनुसार अगर किसी व्यक्ति की आमदनी कम है। अगर घर में पैसों की दिक्कत चल रही है तो ऐसी स्थिति में इंसान को सोच समझकर दान करना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति अपने सामर्थ्य से अधिक दान देता है तो वह व्यक्ति अपने जीवन में हमेशा दुखी रहता है।

धन होकर कंजूस बनने वाले लोगों को नहीं मिलता मान-सम्मान

गरुड़ पुराण के इस नीति के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति धनवान है, उसके पास पैसों की कमी नहीं है परंतु दान देने में वह व्यक्ति सबसे ज्यादा कंजूसी करता है। अगर जरूरतमंद लोगों को धन देने की बजाय वह धन बचाने के बारे में सोचता रहता है तो ऐसे व्यक्तियों को समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति नहीं होती है। इतना ही नहीं बल्कि उसके परिवार को भी मान-सम्मान नहीं मिल पाता है।

संस्कारी संतान ना हो तो समाज में बनता है अपमान का कारण

गरुड़ पुराण के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति की संतान अच्छे संस्कार वाली है तो उस व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं बल्कि पूरे खानदान का नाम रोशन होता है। परंतु जिस व्यक्ति की संतान अच्छे संस्कारों वाली नहीं है तो वह समाज में व्यक्ति के लिए अपमान का कारण बनती है। इसलिए हमेशा संतान को अच्छे संस्कार देना चाहिए।

बुरे लोगों की संगत से मान-सम्मान होता है कम

गरुण पुराण के अनुसार यह बताया गया है कि अगर कोई इंसान बुरे लोगों की संगत में रहता है तो इसका प्रभाव उसके ऊपर पड़ता है। बुरी संगति के कारण मान-सम्मान में कमी आती है। इसलिए मनुष्य को कभी भी अधर्मी और बुरे लोगों के साथ नहीं रहना चाहिए। बुरे लोगों के किसी भी काम में साथ मत दीजिए।

दूसरों को नुकसान पहुंचाना

जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं इस संसार में ऐसे बहुत से लोग हैं जो अपने फायदे के लिए दूसरों को नुकसान पहुंचा देते हैं परंतु इसके कारण समाज में मान-सम्मान घट जाता है। इतना ही नहीं बल्कि इससे परिवार को हानि भी पहुंचती है। इसलिए कभी भी अपने फायदे के लिए दूसरों को नुकसान ना पहुंचाएं।

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