विशेष

PM मोदी के इस 40 वर्षों के संकल्प को अमेरिका भी नहीं तोड़ सका, यहाँ से दुनिया को लगा पता

भारत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी सभी लोगों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत रहे हैं। खासकर युवाओं के बीच मोदी जी बेहद लोकप्रिय हैं। बहुत से लोग ऐसे हैं जो नरेंद्र मोदी जी की विचारधाराओं और मान्यताओं का सम्मान करते हैं। नरेंद्र मोदी जी एक ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो भारत देश में बहुत बड़ी क्रांति लाने की क्षमता रखते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी अपने देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व भर में लोकप्रिय है। अमेरिका और रूस जैसे देशों में भी यह लोकप्रिय हैं। वैसे देखा जाए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की ऐसी बहुत सी चीजें हैं जो उनको अन्य नेताओं से अलग करती है, इन्हीं में से एक उनकी धार्मिक आस्था है। जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं हिंदू परिवारों में नवरात्रि के दिन बहुत ही महत्वपूर्ण माने जाते हैं। नवरात्रि के 9 दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के लिए संकल्प की तरह ही होता है। पहले इनके इस संकल्प के के बारे में किसी को भी जानकारी नहीं थी, परंतु जब वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री बने तब उसके पश्चात यह अमेरिका के दौरे पर गए थे, उसी दौरान इनके संकल्प की जानकारी दुनिया भर में पता लगी थी।

अमेरिका को सबसे ताकतवर देशों में से एक माना जाता है। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी अमेरिका पहुंचे तब वहां अमेरिकन राष्ट्रपति के साथ यह भोज पर बैठे हुए थे, लेकिन उस दौरान इन्होंने नवरात्रि का उपवास किया था। उन्होंने सिर्फ गर्म पानी का ही सेवन किया। बस इसी बात की चर्चा दुनिया भर की मीडिया में फैल गई और मोदी जी की धार्मिक आस्था की जानकारी सभी लोगों को पता लगी।

आडवाणी की रथ यात्रा पर भी नरेंद्र मोदी जी थे उत्साह से भरे

25 सितंबर 1990 में राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान जब सोमनाथ से आडवाणी की रथ यात्रा का आगाज हुआ था तो उस समय के दौरान शारदीय नवरात्रि चल रहे थे। इस दिन नवरात्रि का पांचवा दिन था। नरेंद्र मोदी जी आडवाणी जी के सारथी बने थे। उस समय नरेंद्र मोदी जी इतने चर्चित नहीं थे। नवरात्रि का उपवास होने के बावजूद भी नरेंद्र मोदी जी के अंदर उत्साह की कमी बिल्कुल भी देखने को नहीं मिली थी। सोशल मीडिया पर नरेंद्र मोदी जी की तस्वीरें उस दौरान खूब वायरल हुई थीं।

कामाख्या देवी के मंदिर में पूजा-अर्चना करके मोदी जी ने व्रत की शुरुआत की

नरेंद्र मोदी जी ने वर्ष 2015 में नवरात्रि के पहले दिन असम में स्थित कामाख्या देवी मंदिर गए थे और वहीं पर इन्होंने पूजा-अर्चना करने के पश्चात अपने व्रत की शुरुआत की थी। बाद में मोदी जी ने राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान आरंभ किया।

जीएसटी बिल लोकसभा में पारित होने के दौरान पीएम मोदी उपवास पर थे

जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं जीएसटी बिल को आजादी के बाद सबसे बड़ा टैक्स उधार कहा गया है। 29 मार्च 2017 में जब जीएसटी बिल को लोकसभा में पारित किया जा रहा था, उस समय के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी चैत्र नवरात्रि के उपवास पर थे।

लोकसभा चुनाव का प्रचार मोदी जी ने किया

आपको बता दें कि पिछले वर्ष चैत्र नवरात्रि 6 अप्रैल से आरंभ होकर 14 अप्रैल तक समाप्त हुए थे। 11 अप्रैल से लोकसभा चुनाव का पहला चरण आरंभ हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी इस दौरान हजारों किलोमीटर की हवाई यात्रा करके लगातार चुनाव का प्रचार करते रहे थे। उस समय के दौरान काफी अधिक गर्मी थी परंतु नवरात्रि का उपवास का संकल्प इनका दृढ़ था, इन्होंने सिर्फ पानी और नींबू पानी ही पिया।

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नवरात्रि व्रत का संकल्प बहुत ही दृढ़ है। जब वर्ष 2016 में नवरात्र के व्रत के पश्चात दशहरा प्रधानमंत्री जी ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मनाया था तो यहीं से उन्होंने यूपी में चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत की थी। वर्ष 2017 मई के महीने में हुए चुनाव में भाजपा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की। प्रधानमंत्री जी ने अपने ब्लॉग पर यह लिखा था कि “नवरात्रि के उपवास उनका वार्षिक आत्मशुद्धि व्यायाम है, जो उन्हें हर रात अंबे मां के साथ बातचीत करने की शक्ति और क्षमता प्रदान करता है।” बता दें कि नरेंद्र मोदी जी शारदीय और चैत्र दोनों ही नवरात्रि के 9 दिन का उपवास करते हैं। 40 वर्षों से नरेंद्र मोदी जी इसी तरह संकल्प कर रहे हैं और यह वर्ष के 18 दिन उपवास रखते हैं।

Back to top button