विशेष

2020 में इन 8 छोटे दुकानदारों की सहायता कर लोगों ने इंसानियत की मिसाल की पेश

कोरोना वायरस की वजह से देश भर की आर्थिक व्यवस्था काफी खराब हो चुकी है। लोगों के पास रोजगार नहीं है। मजबूरी में आकर लोगों को कई बार भूखे पेट सोना पड़ रहा है। जो छोटे व्यापारी थे उनका काम लगभग पूरी तरह से बंद हो चुका है, लेकिन कई लोग ऐसे हैं जो संकट की इस घड़ी में बिल्कुल भी हिम्मत नहीं हारे और लगातार मेहनत करते रहे। इन लोगों ने हर तकलीफ झेली। वैसे देखा जाए तो कोरोना महामारी के बीच सबसे ज्यादा नुकसान छोटे विक्रेताओं और व्यापारियों को हुआ है परंतु ऐसा नहीं है कि इन लोगों की सहायता के लिए कोई भी सामने नहीं आया। संकट की इस घड़ी में देशवासी एक-दूसरे को अकेला कैसे छोड़ सकते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे छोटे दुकानदारों के बारे में जानकारी देने वाले हैं, जिनकी मदद करके लोगों ने इंसानियत की मिसाल पेश की है।

बाबा का ढाबा


हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हुआ था, जिस वीडियो में दिल्ली के मालवीय नगर में एक बुजुर्ग दंपत्ति ढाबा चलाते थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण इनका काम पूरी तरह से लगभग बंद हो चुका था। इस वीडियो में बुजुर्ग रोता हुआ नजर आ रहा था। सोशल मीडिया पर इस वीडियो को वसुंधरा नाम की एक ट्विटर यूजर ने शेयर किया था। यह वीडियो सोशल मीडिया पर इतनी तेजी से वायरल हुआ कि रातों-रात बुजुर्ग दंपत्ति की किस्मत पलट गई।

आम बेचने वाले की मदद

सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हुआ था, जिस वीडियो में दिल्ली के जगतपुरी इलाके में एक फल विक्रेता के फल एक भीड़ ने लूट लिए थे। इस फल वाले का लगभग 30,000 रुपये तक का नुकसान हो गया था। पैसे उधार लेकर इसने फल खरीदे थे परंतु इस फल वाले की सहायता के लिए बहुत से लोग सामने आए।

इडली बेचने वाली की “विकास खन्ना” ने की मदद

लॉकडाउन के दौरान विकास खन्ना ने एक इडली बेचने वाली अम्मा की मदद की। आपको बता दें कि तमिलनाडु के कोयंबटूर में रहने वालीं 80 वर्षीय कमला नाथ पिछले 35 वर्षों से महज ₹1 रुपये में ही इडली लोगों को बेचा करती थीं। इडली बेचकर ही यह अपना गुजारा करती थीं। जब लॉकडाउन लगा तो इन्होंने इडली की कीमत बढ़ाने से मना कर दिया था। जब विकास खन्ना को इडली बेचने वाली अम्मा के बारे में पता चला तो यह इनकी सहायता के लिए तुरंत सामने आए।

अंडा विक्रेता की मदद

एक 13 वर्षीय लड़का अंडे के रेहड़ी सड़क के किनारे लगाता था। इंदौर में नगर निगम के अधिकारियों ने इस लड़के के अंडे की रेहड़ी पलट दी थी, इतना ही नहीं बल्कि इस लड़के पर ₹100 का जुर्माना भी लगाया था। जब यह खबर सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो लोगों ने इस लड़के की सहायता की थी।

सब्जी बेचने वाले की मदद


आपको बता दें कि मुंबई में भारी बारिश और जलभराव की वजह से भेंडी बाजार में एक शख्स जिसका नाम अशोक है, वह अपना सब्जी का ठेला नहीं लगा पा रहा था, इसके परिवार का गुजारा सब्जी बेचकर ही चलता था। ऐसी स्थिति में यह सड़क के डिवाइडर पर बैठ कर रोने लगा। तब मुंबई मिरर के पत्रकार ने सड़क के डिवाइडर पर बैठे हुए इस सब्जी विक्रेता की तस्वीर को फ्रंट पेज पर कवर किया। इस फोटो में सब्जी विक्रेता को रोता हुआ देख लोगों से रहा नहीं गया और इसको दो लाख की आर्थिक मदद मिली।

गरीब को गिफ्ट किया रिक्शा

बांग्लादेश में एक अभियान के चलते सभी बैटरी रिक्शा हटाए जा रहे थे। इसी बीच एक गरीब शख्स का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हुआ, जो दुखी के कारण रोता-बिलखता हुआ नजर आ रहा था। इस शख्स ने ₹80000 रुपये उधार लेकर बैटरी रिक्शा खरीदा था, लेकिन बांग्लादेश में डीएससीसी के अभियान के अंतर्गत रहमान का रिक्शा जब्त कर लिया गया था। रहमान को रोता हुआ देख अहसान भुइयां नामक शख्स ने इसको एक रिक्शा गिफ्ट किया।

ईस्ट लंदन में भारत का सबसे पुराना रेस्टोरेंट की मदद


कोरोना काल के बीच ईस्ट लंदन में भारत का एक पुराना रेस्टोरेंट है, जो चल नहीं रहा था। इसी बीच रेस्टोरेंट के मालिक की बेटी ने सोशल मीडिया के माध्यम से रेस्टोरेंट में आने की लोगों से अपील की थी, इसके बाद इस रेस्टोरेंट में लोगों की लंबी लाइन लग गई।

असम में सब्जी बेचने वाली लड़की की मदद

असम के डिब्रूगढ़ जिले में एक 20 साल की लड़की रोजाना साइकिल पर घर-घर सब्जी बेचा करती थी। इसी से इसके परिवार का गुजारा चलता था। परिवार के प्रति इसकी मेहनत को देखते हुए असम पुलिस ने इस लड़की को एक मोटर बाइक दी थी। सोशल मीडिया पर भी जनमोनी की तस्वीरें खूब वायरल हुई थीं।

Back to top button
?>