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जोजिला सुरंग निर्माण कार्य हुआ शुरू, जानिए क्या है इसकी खासियत

15 अक्टूबर से जोजिला सुरंग के निर्माण की शुरुआत हो रही है। देश के अटल टनल की सौगात देने के पश्चात केंद्र सरकार अब इस टनल के निर्माण का कार्य आरंभ करने जा रही है। खुद केंद्रीय सड़क-परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से आज सुरंग के निर्माण के लिए पहला ब्लास्ट करने वाले हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक ट्वीट के माध्यम से इस प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी दी है। बता दें कि टनल के निर्माण कार्य को ऐसे समय में आरंभ किया जा रहा है जब पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर चीन से पिछले 5 महीनों से टकराव चल रहा है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का ऐसा कहना है कि अगर इस टनल को बनाया गया तो इससे श्रीनगर, द्रास, कारगिल और लेह क्षेत्रों में हर मौसम के लिए कनेक्टिविटी स्थापित की जा सकती है। इतना ही नहीं बल्कि दोनों स्थानों के बीच यात्रा में 3 घंटे का समय लगता था, जो कम होकर महज 15 मिनट रह जाएगी।

जोजिला सुरंग सामरिक दृष्टि से भारतीय सेना के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित रहने वाली है क्योंकि इसकी वजह से सैन्य बलों की साल भर आवाजाही हो सकती है। वर्तमान समय में लद्दाख, गिलगिट और बाल्टिस्तान क्षेत्र में आतंकवादियों की गतिविधियों का खतरा बना हुआ है अगर यह सुरंग बन जाती है तो इससे आतंकवादियों के नेटवर्क पर लगाम कसी जा सकती है। इस टनल के बनने से लैंडस्लाइड के आशंकाओं के बगैर नेशनल हाईवे एक पर श्रीनगर से लेह के बीच यात्रा की जा सकती है। इस प्रोजेक्ट के अनुसार 14.15 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जाने वाली है, इसके अतिरिक्त 18.63 किलोमीटर लंबी अप्रोच रोड का भी निर्माण किया जाने वाला है। अगर हम इस पूरे प्रोजेक्ट के बारे में जाने तो 32.78 किलोमीटर लंबा सड़क बनेगा।

जोजिला टनल बनने से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख के बीच सामाजिक और सांस्कृतिक संबंधों में मजबूती आएगी। जोजिला सुरंग का निर्माण कार्य पूरा होने के पश्चात पूरा लेह, लद्दाख, कारगिल, द्रास और सियाचिन सालों भर देश के बाकी हिस्सों से सड़क मार्ग से जुड़ा रहने वाला है। वर्तमान समय में ऐसी स्थिति है कि कई क्षेत्रों में सड़क मार्ग से कनेक्टिविटी वर्ष के 6 महीने तक ही रहती है। जब सर्दियों का मौसम आता है तो यहां पर भारी बर्फबारी होती है, जिसके कारण यहां की सड़कें बर्फ से पूरी तरह से ढक जाती हैं, जिसके कारण बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है, परंतु अगर जोजिला सुरंग बन जाती है तो इससे इन सभी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। इस सुरंग की सहायता से इन इलाकों में सेना की आवाजाही बहुत ही सरल होगी।

जोजिला सुरंग के इस पूरे प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य में लागत की बात की जाए तो 68008.63 करोड़ रुपए आने वाली है और इस सुरंग का निर्माण कार्य 6 वर्ष तक चलेगा। वहीँ अप्रोच रोड को बनाने में 2.5 वर्ष लग सकते हैं। आपको बता दें कि जोजिला दर्रा विश्व के सबसे खतरनाक रास्तों में से एक मानी जाती है। यहां पर वाहन चलाना अपनी जान को जोखिम में डालने के बराबर है। यह रास्ता खतरों से भरा हुआ है। इन दुर्गम रास्तों में वाहन चलाना किसी चुनौती से कम नहीं है।

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