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जवान की आखिरी इच्छा रह गयी अधूरी, मां ने अपने लाल को सैल्यूट के साथ दी आखिरी विदाई

जब-जब दुश्मनों ने हमारे देश को हानि पहुंचाने की कोशिश की है तब-तब हमारे देश के जवानों ने उनको मुंहतोड़ जवाब दिया है, धरती मां की रक्षा के लिए हमारे देश के जवान अपनी जान की बाजी लगाने में भी पीछे नहीं हटते हैं, आपको बता दें कि पंजाब का एक लाल पाकिस्तान की गोलीबारी में शहीद हो गया है, इस जवान ने पाकिस्तान की तरफ से हुई फायरिंग का जवाब दिया, आपको बता दें कि पाकिस्तान की सेना ने बिना किसी उकसावे के गोलीबारी करनी शुरू कर दी, इन्होंने नियंत्रण रेखा के राजौरी जिले के तरकुंडी इलाके को अपने निशाने पर लिया था, पाकिस्तान की तरफ से हुई गोलीबारी से भारतीय सेना का जवान गुरचरण सिंह शहीद हो गया।


गुरचरण सिंह का जन्म 7 अक्टूबर 1991 को हुआ था और उन्होंने 18 वर्ष की आयु में ही फौज ज्वाइन कर ली थी, यह 14 सिख रेजीमेंट में थे, अगर हम इनके परिवार की बात करें तो इनके परिवार में इनकी पत्नी जिनका नाम रंजीत कौर है, इनकी मां पलविंदर कौर और उनके दो बच्चे परिवार में है, हमारी भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को मुंहतोड़ जवाब दिया, पाकिस्तान की सेना ने ना सिर्फ राजौरी सेक्टर में नहीं बल्कि मंजाकोट और नौशेरा सेक्टर में भी फायरिंग करनी शुरू कर दी थी, हमारे भारतीय सेना ने भी बहादुरी के साथ पाकिस्तानी सेना का डटकर सामना किया, इस लड़ाई में पाकिस्तान को अच्छा खासा नुकसान हुआ है, लेकिन दुख की बात यह है कि जम्मू कश्मीर के राजौरी में गुरुवार को भारत पाकिस्तान सीमा पर पाकिस्तान की ओर से किए गए हमले में हमारे देश का जवान गुरचरण सिंह शहीद हो गए हैं, जब इनकी शहादत की खबर इनके गांव हरचोवाल पहुंची तो पूरे गांव में शोक जैसा माहौल बन गया, पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई।

जब शहीद का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो पूरा गांव भावुक हो गया और सभी की आंखें नम हो गई, अंतिम संस्कार से पहले सेना के जवानों और श्री हरगोविंदपुर के विधायक बलविंदर सिंह लाडी और परिजनों ने शहीद गुरचरण सिंह को श्रद्धांजलि दी थी, इसके बाद जवानों ने हथियार झुकाए थे और हवाई फायरिंग करके शहीद को शहादत की सलामी दी थी, शहीद गुरचरण सिंह की मां ने जब अपने लाल का पार्थिव शरीर देखा तो वह अपना होश खो बैठीं, इनकी माता का रो-रो कर बुरा हाल हो गया था, लेकिन माँ ने अपने लाल को सैल्यूट के साथ आखरी विदाई दी थी, जब इनकी आखिरी विदाई हो रही थी तब भावुक माहौल को देखकर सभी की आंखों में आंसू आ गए थे, देश के लिए इस सर्वोच्च बलिदान और कर्तव्य के प्रति समर्पण के लिए देश हमेशा इनका कर्जदार रहेगा, इनकी जांबाज़ी को भारतीय सेना ने नमन किया।

शहीद गुरचरण सिंह की माँ ने यह बताया था कि गुरुवार के दिन सुबह के समय बेटे के जख्मी होने की खबर उनको फोन पर मिली थी, इसके बाद गुरचरण सिंह के शहीद होने की खबर इनकी पत्नी रंजीत कौर को मिली, जब इनके 6 महीने के बेटे ने अपने पिता की चिता को मुखाग्नि दी तो पत्नी रंजीत कौर अपना आपा खोने लगी और इनका रो-रो कर बुरा हाल हो गया, आपको बता दें कि शहीद गुरचरण सिंह के पिताजी सलविंदर सिंह भी भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं, भले ही इनके पिता को अपने बेटे से बिछड़ने का बहुत बड़ा दुख पहुंचा है परंतु इनको बेटे पर गर्व है, गुरुवार से 1 दिन पहले यानी बुधवार को शहीद गुरचरण सिंह ने फोन करके अपने दोनों बच्चों की फोटो दिखाने के लिए कहा था और इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि वह जल्दी ही छुट्टी पर घर वापस लौटेगा, परंतु किसी को क्या मालूम था कि वह इस तरह से घर आएंगे।

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