अध्यात्म

आखिर आज भी गंगा क्यों मानी जाती है पवित्र? जानिए इसका कारण

देश भर में ऐसी बहुत सी पवित्र नदियां हैं जिनका अपना कोई ना कोई महत्व माना गया है, इन्हीं पवित्र नदियों में से एक गंगा नदी है, हिंदू धर्म में गंगा को बहुत ही पवित्र माना जाता है, ऐसा बताया जाता है कि गंगा नदी का जल कभी भी खराब नहीं होता है, गंगा को पूजनीय माना गया है, इस पूरी दुनिया में गंगा नदी अपनी पवित्रता के लिए ही प्रसिद्ध है, गंगा नदी का पानी अमृत के समान माना जाता है, हिंदू धर्म में गंगा नदी के जल का कई कार्यों में प्रयोग लाया जाता है, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गंगा पापों का नाश कर मोक्ष देने वाली नदी मानी जाती है, यह मात्र धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि विज्ञान की दृष्टि से भी गंगा बहुत ही पवित्र है।

अगर हम वर्तमान समय में गंगा नदी की स्थिति की बात करें तो गंगा नदी का पानी दिन पर दिन गंदा होता जा रहा है, ऐसा लग रहा है कि भविष्य में गंगा नदी पूरी तरफ से लुप्त हो जाएगी, लोग गंगा में अस्थियां विसर्जन करते हैं, इसमें कूड़ा-करकट डालते हैं, इतना ही नहीं बल्कि गंगा नदी में दीपक छोड़ते हैं, और शहरों और फैक्ट्रियों का गंदा पानी भी इसमें जाता है, लेकिन इतना सब कुछ होने के बावजूद भी आज भी गंगा नदी को बहुत पवित्र माना गया है।

जानिए आखिर क्यों है गंगा पवित्र

गंगा नदी के जल में औषधीय गुण पाए जाते हैं, वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो गंगा के पानी में बैक्टीरिया को खाने वाले बैक्टीरियोफेज वायरस पाए जाते हैं, यह वायरस बैक्टीरिया की संख्या बढ़ते ही तुरंत सक्रिय हो जाते हैं और बैक्टीरिया को नष्ट करने के पश्चात यह पुनः छुप जाते हैं, इसी वजह से गंगा का पानी लंबे वक्त तक खराब नहीं होता है, गंगा नदी के पानी में जो गुण हैं वह किसी भी नदी के जल में नहीं पाए जाते हैं, गंगा की महिमा का वर्णन वेद-पुराणों में किया गया है, लगभग सवा सौ वर्ष पहले आगरा में ब्रिटिश डॉक्टर ने वैज्ञानिक परीक्षण से सिद्ध किया था कि हैजे का बैक्टीरिया गंगा के पानी में डालने से कुछ ही देर में मर जाता है, वैज्ञानिक भी मानते हैं कि गंगा में बैक्टीरिया को मारने की शक्ति है।

अगर आप गंगा नदी के पानी को सालों तक भी प्रयोग करेंगे या फिर रखेंगे तो यह पानी खराब नहीं होता है, अगर गंगा नदी के जल का नियमित इस्तेमाल किया जाए तो इससे बहुत सी बीमारियां दूर हो जाती हैं, कुछ लोग इसको चमत्कार मानते हैं तो कुछ लोग इसे जड़ी बूटियों और आयुर्वेद से जोड़ते हैं, विज्ञान भी इसके दैवीय गुणों को स्वीकार करता है, गंगाजल की वैज्ञानिक खोजों ने यह सिद्ध कर दिया है कि गंगा गोमुख से निकलकर मैदानों में आने तक अनेक प्रकृति स्थानों वनस्पतियों से होकर गुजरती है, जिसकी वजह से इसमें बहुत से औषधीय गुण मौजूद है, जो मनुष्य को शक्ति देती है, और गंगा नदी के पानी में कई प्रकार के रोगों को नष्ट करने की क्षमता है, गंगा नदी का पानी एक दवा की तरह कार्य करता है जो कई रोगों से मुक्ति दिला सकता है।

Back to top button