स्वास्थ्य

जानिए क्या होता है मुलेठी और कितना गुणकारी है इसका सेवन

मुलेठी जिसे लिकोरिस के नाम से भी जाना जाता है एक प्रकार का लोकप्रिय मसाला है जो ना सिर्फ एक अच्छे स्वादिष्ट एजेंट के रूप में कार्य करता है बल्कि व्यापक चिकित्सा गुणों के कारण घरेलू उपचार में भी इस्तेमाल किया जाता है। स्वाद में मीठा लाग्ने वाले मुलेठी में कैल्शियम, ग्लिसराइजिक एसिड, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटीबायोटिक, प्रोटीन और वसा के गुण पाये जाते हैं और मज़े की बता तो ये है की अभी तक हम में से ज़्यादातर लोग सिर्फ यही जानते हैं की मुलेठी को सिर्फ खांसी ठीक करने के लिए ही जाना जाता था, खैर यदि आप मुलेठी के उपयोग से फायदा पाना चाहते हैं और कई सारी बीमारियों से बचना चाहते हैं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं मुलेठी से होने वाले कई जबर्दस्त तरह के लाभ के बारे में जिससे आमतौर पर बहुत से लोग अंजान है।

वैसे तो मुलेठी के इस्तेमाला से आप खांसी, नेत्र रोग, मुख रोग, कंठ रोग, उदर रोग, सांस विकार, हृदय रोग, कफ, पित्त जैसे कई तरह से दोषों से आसानी से छुटकारा पा सकते हैं और तो और इस तरह के रगों के लिए मुलेठी किसी रामबाण की तरह कार्य करता है, तो चलिये जानते हैं मुलेठी के फ़ायदों के बारे में।

मुलेठी के फायदे

1. बताते चलें की यदि आप कान व नाक के रोग से काफी समय से परेशान हैं तो ऐसे में आप मुलेठी व द्राक्षा से पकाए हुए दूध को कान में डालने से आपकी समस्या का हल आसानी से हो जाता है।

2. आपको यह भी बता दें की मुंह के छाले की समस्या से निजात पाने के लिए भी मुलेठी बेहद ही कारगर मानी जाती है। बताते चलें की छालों से छुटकारा पाने के लिए आप मुलेठी के टुकड़े में शहद लगाकर उसे समय समय पर चूसते रहते हैं तो इससे आपको काफी फायदा होता है।

3. इसके अलावा यदि आप काफी समय से सूखी खांसी से ग्रस्त हैं और आपको कफ भी आता है तो आप इस परिस्थिति में मुलेठी पर 1 चम्मच मधु के साथ दिन में 3 बार चटाना चाहिए, आपको आराम मिलने लगेगा।

4. मुलेठी की जड़ें अधिवृक्क ग्रंथि पर सहायक प्रभाव डालती हैं और इस तरह अप्रत्यक्ष रूप से मस्तिष्क को उत्तेजित करने में सहायता करती हैं। इसके सेवन से ना सिर्फ भूलने की बीमारी के प्रभावों को ही नहीं घटाता है बल्कि इसकी एंटीऑक्सीडेंट संपत्ति मस्तिष्क कोशिकाओं पर एक परिरक्षण प्रभाव प्रदान करती है।

5. बता दें की मुलेठी, हृदय रोगियों के लिए भी काफी ज्यादा फायदेमंद बताया जाता है। आपको बता दें की 3-5 ग्राम मुलेठी और कुटकी चूर्ण को मिलाकर 15-20 ग्राम मिश्री युक्त जल के साथ रोजाना नियमित रूप से सेवन करने से हृदय रोगों में फायदा होता है।

6. सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि आपको यह भी बता दें की पेट के अल्सर को ठीक करने में मुलेठी एक अचूक औषधि है। मुलेठी का चूर्ण अल्सर के अपच और हाइपर एसिडिटी को दूर करता है और तेजी से अल्सर के घावों को भी भरता है।

7. आपको यह भी बता दें की यह एक ऐसी गुणकारी औषधि है जो त्वचा रोग के लिए भी लाभकारी है। पिंपल्स पर मुलेठी का लेप लगाने से वे जल्दी ठीक हो जाते हैं, मुलेठी और तिल को पीसकर उससे घी मिलाकर घाव पर लेप करने से घाव भर जाता है।

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