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बस में 40 साथियों के साथ बैठने जा रहा था ये जवान, खबर मिली- तुम्हें छुट्टी मिल गई है, घर जा सकते हो

पुलवामा में पाकिस्तान के आंतकवादियो की तरफ से की गई कायरतापूर्ण हमले से पूरा देश दुखी है। इस घटना में देश ने करीब 40 जवानों को खो दिया औऱ कितने ही जवान घायल हो गए। पुलवामा  की इस घटना ने भारत में आक्रोश भर दिया है और अब हर किसी की एक ही मांग है कि आंतक का सफाया होना चाहिए और हमारे वीर जवानों की शहादत का बदला हमें लेना चाहिए। भारत सरकार के साथ विपक्ष ने भी कदम से कदम मिला लिए हैं और कहा है कि आंतक के आकाओं ने जो हैवानिय दिखाई है उसका पूरा हिसाब लिया जाएगा। इस मार्मिक घड़ी में आम जमता से लेकर सेलिब्रिटी तक हर कोई शहीद के परिवारों के साथ है और उनके दुख में दुखी है। हालांकि इनमें से सीआरपीएफ का एक जवान और शामिल है जो मौत के मुंह से बस बच निकला, लेकिन अपने भाइयों को खोने का दुख उन्हें भी है।

मौत के मुंह से बचे थाका

दरअसल पुलवामा में कोई जंग नहीं छिड़ी थी बल्कि बस में बैठकर जवान जा रहे थे जब पीछे से आतंकियों ने कायरों की तरह उन पर हमला कर दिया और लड़ने का मौका भी नहीं दिय़ा। इस घटना में एक जवान ऐसा भी रहा जो मौत के मुंह से एकदम से बचकर निकल आया। दरअसल महाराष्ट्र के अहमदनगर में रहने वाले 28 साल के थाका बेलकर की 5 दिन बाद शादी महोने वाली थी। उन्होंने शादी के लिए छुट्टी की अर्जी डाली थी, लेकिन वह मंजूर नहीं हुई थी और 14 फरवरी को उनकी छुट्टी मंजूर हुई।

40 जवानों के साथ वह बस में बैठने ही वाले थे कि उन्हें खबर मिली की उन्हें छुट्टी मिल गई है और वह घर जा सकते हैं। 5 दिन बाद उनकी शादी होने वाली थी और इसलिए वह सही सलामत घर पहुंच गए, लेकिन घटना का पता चलते ही वह दुखी हो गए। एक हमले में एक साथ उनके 40 भाई शहीद हो गए। बता दें कि 24 फरवरी को बेलकर की शादी होने वाली है और 14 फरवरी को ही उन्हें छुट्टी मिली। अगर उनकी छुट्टी मंजूर नहीं हुई होती औऱ वह बस में बैठे होते तो शहीद हो जाते।

शादी के लिए मिली थी छुट्टी

घर आने के बाद भी बेलकर के चेहरे पर कोई खुशी नहीं थी। वह शनिवार क ही अहमदनगर स्थित अपने घर पहुंचे। उन्होंने घरवालों से बातचीत भी नहीं की। उनके चचेरे भाई ने बताया कि थाका उन 2500 जवानों में शामिल थे जो बस में सवार होकर जा रहे थे, लेकिन ये उनकी बद्किस्मती थी की वह दुश्मनों का सफाया नही कर पाए।

जवान के पिता ने कहा की मेरा एक बेटा तो बच गया लेकिन ४० बेटे शहीद हो गए

पुलवामा में जो हुआ वह इस देश को गहरा जख्म दे गया और एक ऐसा जख्म जिसे सिर्फ आतंकियों की मौत से ही भरा जा सकता है। देश की नजरें एक बार फिर सरकार पर है कि इस बार बिना किसी ढील के सख्त फैसले लिए जाएं औऱ आंतकवाद का सफाया किया जाए। वहीं पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने कहा है कि भारत उन्हे इस बात का सबूत दें कि जो हमला हुआ उसमें पाकिस्तान का हाथ था तो वह भारत के साथ मिलकर कार्रवाई करेंगे।

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