अध्यात्म

जब ननद से नाराज हो गई थी माता पार्वती, तो भोलेनाथ से बोलीं ‘अपनी बहन को छोड़ आओ’

भगवान शिव सृष्टि के विनाशक है तो महादेव भी हैं। भगवान शिव का न तो जन्म हुआ है और न ही उनकी मौत संभव है। यानि शिव स्वंयभू हैं। भगवान शिव से जुड़े न जाने कितनी बाते आप लोग जानते होंगे। भगवान शिव की महिमा और इनके क्रोध की अनगिनत कहानियां भी आपने सुनी या पढ़ी ज़रूर होगी, लेकिन जिस कहानी का जिक्र आज हम करने जा रहे हैं, उसके बारे में आप अभी तक नहीं जानते होंगे। जी हां, भगवान शिव की महिमा अपार है और इनसे जो कोई कुछ भी मांगता है, वह खाली हाथ नहीं रहता है। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?

भगवान शिव की कहानियों से आप भलीभांति परिचित होंगे, लेकिन आज हम आपको उनकी बहन के बारे में बताने जा रहे हैं। यानि पार्वती जी की ननद। हालांकि, आपने इससे भगवान शिव की बहन के बारे में शायद ही कहीं सुना होगा, लेकिन अगर आप नहीं जानते हैं तो आपको ज़रूर जानना चाहिए। तो चलिए अब हम आपको भगवान शिव की बहन के बारे में बताएंगे, जिनसे पार्वती जी की थोड़ी नोक झोंक भी हो गई थी।

कौन है भगवान शिव की बहन?

शादी के बाद जब भगवान शिव पार्वती को कैलाश लेकर आएं, तो माता पार्वती ने भगवान शिव से ज़िद की। जी हां, माता पार्वती ने भगवान शिव से कहा कि आपकी कोई बहन नहीं है, लेकिन मुझे मेरी ननद चाहिए यानि मुझे आप बहन लाकर दो। माता पार्वती की बात भला भगवान शिव कैसे टाल देते? ऐसे में भगवान शिव ने अपनी शक्तियों से एक नारी को बनाया, जोकि बहुत ही ज्यादा मोटी थी और पार्वती को कहा कि ये है मेरी बहन और तुम्हारी ननद। भगवान शिव ने कहा कि इसका नाम असावरी देवी है और आज से ये तुम्हारे साथ ही रहेगी।

ननद पाकर बहुत खुश हुई थी माता पार्वती

माता पार्वती ननद को पाकर बहुत खुश हुई। ऐसे में ननद को उन्होंने खूब अच्छा अच्छा पकवान खिलाया और उनकी खूब सेवा भी की। यहां आपको बता दें कि भगवान शिव ने माता पार्वती को ननद दिलाने से पहले ही पूछा था कि क्या वे ननद के साथ रह पाएंगी या नहीं, जिसके बाद माता पार्वती ने हां कहा था। भाभी और ननद के बीच खूब मस्ती चल रही थी और इसी असावरी को एक शरारत सूझ गई, जिसके बाद उन्होंने उस शरारत को अंजाम भी दे डाला।

भगवान शिव की बहन ने भाभी के साथ की शरारत

असावरी का स्वभाव बहुत ही ज्यादा चंचल था, जिसकी वजह से उन्हें अपनी भाभी के साथ एक शरारत कर डाली। दरअसल, असावरी ने अपनी भाभी को अपनी ऐड़ियों में छिपा लिया था, जिसके बाद वहां पार्वती काफी ज्यादा परेशान हो गई थी। पार्वती के लाख परेशान होने के बाद भी असावरी ने उन्हें नहीं निकाला और फिर भगवान शिव जब कैलाश पर आएं तो उन्होंने पार्वती को खूब खोजा। ऐसे में भगवान शिव को पता चला गया तो असावरी ने पार्वती को बाहर निकाला।

असावरी को ससुराल भेजने के लिए कहा

असावरी की हरकत से माता पार्वती परेशान हो गई और उन्होंने भगवान शिव से कहा कि आप अपनी बहन यानि मेरी ननद को अभी ससुराल भेज दो। मैं नहीं रह सकती इनके साथ। ऐसे में माता पार्वती को परेशान देख भगवान शिव ने असावरी को गायब कर दिया और तभी से भाभी और ननद के बीच छोटी मोटी नोंक झोंक होती रहती है।

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