समाचार

नागा साधुओं के सामने बाबा रामेदव ने फैलाई झोली, बोलें ‘मुझे आपकी ये खास चीज़….’

प्रयागराज में इन दिनों आस्था का सैलाब देखने को मिल रहा है। जी हां, देश दुनिया से लोग कुंभ मेले में शामिल होने के लिए आ रहे हैं। इसी कड़ी में योग की बारीकियों को समझने वाले बाबा रामदेव भी प्रयागराज जा पहुंचे। बाबा रामदेव भारत समेत पूरी दुनिया में मशहूर हैं। योग कला से दुनिया भर में मशहूर बाबा रामदेव ने कुंभ मेले में भी एक अनोखी पहल कर डाली, जिसकी वजह से उनकी खूब वाहवाही हो रही है। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?

बाबा रामदेव कुंभ नगरी में हिस्सा लेने के साथ वहां मौजूद संतो से भी मिले। संतो से मिलने पर बाबा रामदेव बहुत ही ज्यादा खुश हुए, लेकिन उन्हें एक बात बिल्कुल पसंद नहीं आई, जिसकी वजह से उन्होंने नागा साधुओं और संतो के सामने झोली फैला डाली। जी हां, बाबा रामदेव ने नागा साधुओं और संतो के सामने झोली फैलाकर उनकी सबसे कीमती चीज़ को मांग ली, जिसे शायद ही वे किसी को देते होंगे। ऐसे में जब बाबा रामदेव ने उनसे यह कीमती चीज़ मांगी तो उन्होंने एक झटके में ही दे दिया।

नागा साधुओं से बाबा रामदेव ने मांगी यह खास चीज़

बाबा रामदेव जब नागा साधुओं के शिविर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि सारे साधु संत मिलकर चिलम पी रहे थे, जोकि बाबा रामदेव को अच्छा नहीं लगा और उन्होंने उनके सामने झोली फैला दी। बाबा रामदेव ने साधुओं से कहा कि यह सब नहीं पीना चाहिए और इसे छोड़ने में ही हम सबकी भलाई है। बाबा रामदेव की बात सुनकर वहां मौजूद सारे साधु और संत हैरान हो गये और बाबा रामदेव की शक्ल देखने लगे। ऐसे में अब आप सोच रहे होंगे कि क्या बाबा रामदेव को नागा साधुओं ने यह गिफ्ट दिया या नहीं।

नागा साधुओं ने बाबा रामदेव को दिया ये जवाब

बाबा रामदेव ने जब नागा साधुओं को चिलम पीने से मना किया तो दो पल के लिए वहां सब हैरान हो गये, लेकिन बाद में  वे मान गये। जी हां, नागा साधुओं ने बाबा रामेदव की बात को मानते हुए चिलम छोड़ने का फैसला किया और उसी समय चिलम को फेंक दिया। इसके साथ ही बाबा रामदेव ने कहा कि वे अब हर साल साधुओं के शिविर में जाकर चिलम छोड़ने की सलाह देंगे, ताकि भारत पूरी तरह से स्वस्थ रहे और विकास हो सके।

चिलम के बहुत शौकीन होते हैं नागा साधु

बताया जाता है कि नागा साधु चिलम के बहुत ही ज्यादा शौकीन होते हैं। ऐसे में उनके पास कुछ हो या न हो, लेकिन चिलम ज़रूर होना चाहिए। जी हां, नागा साधुओं के लिए चिलम बहुत ही मायने रखता है, लेकिन उन्होंने बाबा रामदेव के कहने पर चिलम छोड़ दी और देश के लिए एक मिसाल प्रकट की है। ऐसे में अब बाबा रामदेव नागा साधुओं की तरह हर किसी से चिलम छोड़ने की अपील करेंगे।

Back to top button