स्वास्थ्य

सुबह उठना है कष्टकारी, तो आप को है ये गंभीर बीमारी

न्यूजट्रेॆड हेल्थ डेस्क: रात को नींद ना आना और सुबह नींद ना खुलना ये एक ऐसी समस्या है जो 10 में से 9 लोगों में होती है, रात को जल्दी नींद नहीं आती है और सुबह उठनी जिंदगी का सबसे बड़ा काम लगता है। सुबह उठने में परेशानी तो हर किसी को होती है और आने वाला मौसम भी ठंडियों का है जिसमें गर्म-गर्म बिस्तर छोड़ कर और रजाई से निकलकर बाहर आना जिंदगी की सबसे बड़ा और कठिन टॉस्क बन जाता है।

लेकिन अब जो हम आपको बता रहे हैं उस पर थोड़ा गौर फरमाइयेगा, वैसे तो सुबह उठने में जद्दोजहद करना नार्मल सी बात होती है, लेकिन अब आपको इस बात पर थोड़ा गंभीरता से सोचना होगा। क्योंकी अगर आपको सुबह उठने में दिकक्त हो रही है तो इसका मतलबे ये नहीं है कि ये आपके लेट सोने या आलस की वजह से है बल्कि ये एक मेडिकल कंडीशन या बीमारी है जिससे दुनिया में लोग काफी संख्या में ग्रसित हैँ।

इस मेडिकल कंडीशन को डाइसेनिया कहते हैं यह एक ऐसा डिसऑर्डर है जिसमें व्यक्ति को सुबह उठने में काफी दिक्कत होती है।

हालांकि ऐसे कई लोग होते हैं जिनको उठने के बाद वापस से सोने का मन होता होगा लेकिन जो लोग डाइसेनिया जैसी बीमारी से पीड़ित हैं वो लोग कई दिनों तक बिस्तर में सोते रह सकते हैं, इतना ही नहीं उनको बिस्तर से उठने का ख्याल भी परेशान कर देता है।

अगर आपको भी इनमें से कोई लक्षण समझ में आता है तो आपको तुरंत जाकर अपने डॉक्टर को दिखाना चाहिए क्योंकि यह डिप्रेशन, क्रोनिक फैटिग्यू सिंड्रोम और पेन डिसऑर्डर फाइब्रोम्यालगिया का संकेत भी हो सकता है।

जो लोग इस बीमारी से ग्रसित हैं उनके अनुसार भले ही यह बीमारी मेडिकली रूप से ना जानी जाती हो लेकिन यह काफी रियल होती है। उनके अनुसार अलार्म का बजना किसी को भी पसंद नहीं होता है लेकिन इस बीमारी से ग्रसित लोगों के लिए अलार्म का बजना काफी कष्टकारी होता है।

इस बीमारी से ग्रसित लोगों को अपनी नींद इतनी ज्यादा प्यारी होती है कि वो नींद के आगे अपने बड़े से बड़े कम्टमेंट्स को भी भूल जाते हैं।

बता दें कि इस बीमारी का अभी तक कोई ईलाज संभव नहीं हो पाया है, लेकिन नेशनल हेल्थ सर्विस (इंगलैंड) ने इस बीमारी से ग्रसित लोगों को अच्छी नींद के लिए कुछ सुझाव दिए हैं और अपने सोने के निश्चित समय से कुछ देर पहले ही बिस्तर पर जाने की सलाह दी है। इसके साथ ही अन्य कई सुझाव दिए हैं-

1. सुबह उठने का कोई एक समय निश्चित करलें।

2. बेडरूम का माहौल शांत रखें साथ ही रूम का तापमान और रोशनी पर भी नियंत्रित होनी चाहिए।
3. बिस्तर आरामदायक होना चाहिए।
4. सोने से पहले एल्कोहल के सेवन सें बचें और ज्यादा खाना ना खाएं ।

5. सोने से पहले धूम्रपान भी ना करें।
6. अगले दिन जो चीजें करनी हैं, उनकी लिस्ट बना लें।
डाइसेनिया की अभी तक कोई मेडिकली पहचान नहीं हो पाई है इसलिए इस बीमारी की वजह बताना भी मुश्किल है।

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