राजनीति

एक आईपीएस अधिकारी जो परिवार के साथ ‘हवालात’ में रहता है, वो भी खुशी खुशी

कुछ लोग अपने काम में इतने मसगूल हो जाते हैं, कि उनकी जिंदगी में भी काम का असर दिखने लगता है। कुछ लोगों में तो इसका असर इतना हो जाता है कि लोग निजी जिंदगी में भी उसे शामिल कर लेते हैं। क्योंकि ऐसे लोग हमेशा अपने काम पर फोकस करते हैं। खासकर पुलिस कर्मियों के साथ ऐसा ही होता है। क्योंकि पुलिस की सेवा 24 घंटे की है। ऐसे में वो हमेशा ड्यूटी पर ही रहते है। इसीलिए थाना, कोर्ट, कचेहरी, जेल, हथकड़ी उनके जीवन का अहम हिस्सा बन जाती है। जिनसे वो खुद को कभी अलग नहीं कर पाते हैं। ऐसा हम इसलिए हम कह रह हैं, क्योंकि राजस्थान के एक आईपीएस अधिकारी के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। उनके जीवन में पुलिस विभाग का इतना असर पड़ा की उन्होने पूरे परिवार के साथ हवालात में ही रहना शुरु कर दिया।

जी हां सुनने में भले अजीब लगे लेकिन ये सच है। क्योंकि पुलिस आमतौर पर अपराधियों को हवालात में बंद करती है, लेकिन राजस्थान कैडर के इस आईपीएस जिनका नाम इंदु भूषण है उन्होने अपने परिवार को ही ‘हवालात’ में रख दिया है। यह ‘हवालात’ किसी थाने में नहीं है, बल्कि उनका खुद का बनवाया आलीशान घर है। जिसका नाम ही ‘हवालात’ रख दिया है।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक रैंक के अधिकारी इंदु भूषण फिलहाल वेटिंग में चल रहे हैं, यानि फिलहाल मुख्यालय में किसी विभाग की तैनाती का इंतजार कर रहे हैं। इंदु भूषण ने जयपुर के हनुमान नगर एक्सटेंशन एक आलीशान घर बनवाया है। जिसका नाम ‘हवालात’ रखा है।

इंदु भूषण घर का नाम हवालात रखने पर बताते हैं कि ‘घर का नाम हवालात रचनात्मकता दिखाने के लिए रखा था.. क्योंकि मैं पुलिस में हूं और इसलिए पुलिसिया भाषा और तौर तरीके से नाम रखना पसंद किया। दिल्ली और जयपुर सहित मैंने कई जगह देखी हैं, जहां कई नाम दिलचस्प थे, वे चाहे पब हो या कोई व्यापारिक स्थान। असामान्य नाम से वास्तविक अर्थ नहीं बदला है।’

आईपीएस अधिकारी इंदू भूषण आज जयपुर में घर के नाम को लेकर चर्चा में हैं, लेकिन इससे पहले वो विवादों में भी रह चुके हैं, बात दो साल पहले की है जब सितम्बर 2016 में भूषण को हैदराबाद के राष्ट्रीय पुलिस अकादमी से तेलंगाना के राज्यपाल ईएसएल नरसिंमन से वाद विवाद करने पर अनिवार्य रूप से प्रशिक्षण कार्यक्रम के बीच जयपुर भेज दिया गया था।

दरअसल भूषण ने राज्यपाल के प्रश्न-उत्तर के कार्यक्रम को दौरान उनकी जानकारी पर सवाल खड़ा किया था। जिसके बाद बात इतनी बढ़ गई, ट्रेनिंग प्रोग्राम से मुक्त कर उनको तुरंत अकादमी से निकाल कर सीधे हवाई अड्डे भेज दिया गया था, जहां से उन्हें जयपुर की फ्लाइट पकड़ा दी गई थी। इतना ही नहीं पिछले साल भूषण ने राजस्थान पुलिस के आलाधिकारियों को कटघरे में खड़ा करते हुए भ्रष्टाचार के आरोप लगाये थे।

विवादों का ये सिलसिला यहीं नहीं थमा, इससे पहले साल 2013 में ड्राइवर और सुरक्षा कर्मी के साथ कथित तौरपर गाली-गलौच करने और मारपीट करने का आरोप भी लग चुका है। इसके साथ ही 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी को नौकरी के दौरान पांचवी बार ऐसा मौका आया है जब उन्हे सीनियर होने के बाद भी वेटिंग में रखा जा रहा है और सरकार उनके लिए कोई पोस्टिंग की जगह तय नहीं कर पा रही है।

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