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तो क्या आईपीएल जीत है धोनी के लकी नंबर 7 का नतीजा, खुद धोनी ने बताया नंबर 7 के पीछे का राज़

आईपीएल के 11वें सीजन में जिस टीम का ‘बुढ़ों की टीम’ कहकर मजाक बनाया गया, आखिरकार वहीं बाजी मार ले गई। जी हां, चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम में अधिकांश खिलाड़ियों की उम्र 35 प्लस थी, ऐसे में लोगों ने खिलाड़ियों की उम्र और उनकी फिटनेस को लेकर कई सवाल खड़े किए और वहीं चूकीं ये टीम दो साल के बैन के बाद वापसी कर रही थी इसलिए इसके अच्छे परफार्मेंस पर भी संदेह था। पर ये टीम ऐसी सारी अटकलों को दरकिनार करते हुए फाइनल तक पहुंच गई , जहां फाइनल की भिड़ंत में सनराइजर्स हैदराबाद को आठ विकेट से हराकर तीसरी बार आईपीएल पर कब्जा किया। इस जीत के साथ महेंद्र सिंह धोनी ने एक बार फिर से ये साबित कर दिया है कि वे दुनिया के सफलतम कप्तान है, जो अपनी दमदार लीडरशिप के दम पर किसी भी टीम को जीत के मुकाम तक पहुंचा सकता है। वैसे तो चेन्नई सुपरकिंग्स की इस जीत के पीछे वैसे तो कई सारे फैक्टर्स हैं, पर वहीं इस जीत का कनेक्शन कहीं ना कहीं धोनी के लकी नंबर सात से भी जोड़ा जा रहा है।

दरअसल नंबर सात का धोनी से खास कनेक्शन है.. असल में धोनी का जन्मदिन 7 जुलाई को पड़ता है, जहां तारीख भी सात और जुलाई महीना भी सातवां। यहां तक कि धोनी की क्रिकेट जर्सी का नंबर भी 7 है, इस तरह से धोनी के लिए सात नंबर बेहद खास है।वहीं आईपीएल के फाइलन मुकाबले में खास बात ये हुई कि, इस मुकाबले की तारीख का योग भी सात है, जी हां, दरअसल ये मैच 27 मई 2018 को खेला गया, ऐसे में इस तारीख का योग निकाले तो..  (2+7)+5+(2+0+8)=25 , 2+5=7 आता है।

ऐसे में फाइनल मुकाबले पर भी धोनी के लकी नंबर सात का असर देखने की बाते कही जा रही थीं और जब धोनी की अगुवाई में टीम ने मैच अपने नाम किया तो फिर नंबर सात के जादू सबको दिख ही गया। ऐसे में जब धोनी से इस जीत के बारे में पूछा गया तो उन्होंने खुद कहा कि, ” इस बार हमें चैंपियन बनना ही था, क्योंकि ये हमारा 7वां फाइनल था और 7 नंबर तो मेरे लिए लकी है।

वहीं जब धोनी से टीम में शामिल खिलाड़ियों के उम्र के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि उम्र केवल नंबर हैं जबकि वास्तव में कोई चीज मायने रखती है तो वो है खिलाड़ी का फिटनेस । धोनी ने कहा,‘‘हम खिलाड़ियों की उम्र के बारे में बात करते हैं लेकिन फिटनेस अधिक महत्वपूर्ण है, रायुडु 33 साल का है जो कि उनके परफार्मेंस के लिए वास्तव में मायने नहीं रखती। वहीं अगर आप किसी भी कप्तान से पूछोगे तो वे ऐसा खिलाड़ी चाहते हैं जो कि पिच पर अधिक एक्टिव हो। ’’

अपनी टीम के बारे में बात करते हुए धोनी ने कहा कि, ‘‘हम अपनी कमजोरियों से वाकिफ थे, दरअसल अगर वाटसन डाइव लगाने की कोशिश करता तो वो चोटिल हो सकता था इसलिए हमने उसे ऐसा करने से मना किय। .. असल में जब आप फाइनल तक पहुंचते हो तो फिर वहां पहुचकर हर कोई अपनी भूमिका जानता है.. जैसे कि जब आप क्षेत्ररक्षण करते हो तो आपको अपनी रणनीति के अनुसार सामंजस्य बिठाना पड़ता है। वहीं हमारे बल्लेबाज भी अपनी शैली से परिचित हैं।’’ इस तरह से कैप्टन कूल कहे जान वाले महेंद्र सिंह धोनी ने इस जीत का श्रेय चेन्नई सुपरकिंग्स की पूरी टीम को दिया।

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