अध्यात्म

इस मंदिर के देवता स्टाम्प पेपर के जरिए सुनते हैं भक्तों की अर्जी… मिलता है न्याय

अध्यात्म और मान्यताओं के देश भारत में आस्था के कई रूप देखने को मिल जाते हैं…जितने तरह की मानव प्रजातिया और सभ्यताएं और हैं ..उतनी तरह की परम्पराएं और संस्कृति हैं यहां । जगह विशेष के अनुसार पूजा अर्चना के तौर तरीके बदल जाते हैं ..कहीं भक्तजन अपने भगवान को प्रिय कोई वस्तु विशेष अर्पित कर आराधना करते हैं तो कहीं बलि देकर अपने ईश को प्रसन्न करते हैं। लेकिन आज हम आपको जिस मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं उसके बारे में जानकर आप भी दंग रह जाएंगे क्योंकि यहां भक्तों के प्रार्थना की विधि बिल्कुल ही हटकर है। दरअसल यहां भक्तजन धूप, अगरबत्ति कर पूजा अर्चना नही करतें बल्कि सीधे तौर भगवान को स्टंप पेपर पर अपनी अर्जियां लिख न्याय की मांग करते हैं। हैं ना बिल्कुल अलग… तो आइए इस मंदिर के बारे में जरा विस्तार से जानते हैं।

न्याय के देवता

भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित अल्मोङा में गोलू देवता का मंदिर है, जो कि चैत्य गोलू देवता के नाम से मशहूर है । गोलू देवता भगवान शिव के एक रूप भरैव का अवतार है। जिन्हें न्याय के देवता के रूप में पूजा जाता है और जो लोग किसी तरह के कानूनी विवाद में दर दर ठोकरे खा चुके होते वो यहां न्याय की आस में आते हैं और मान्यता है कि यहां आने वाले हर भक्ति की विनती इस मंदिर के देवता जरूर सुनते हैं और जिन लोगों का अपने जीवन में कानून पर से विश्वास उठ चुका होता हैं उनकी भी यहां के देवता के आशीर्वाद से न्याय व्यवस्था  में आस्था जाग जाती है।

ये है इस मंदिर की पौराणिक मान्यता

पोराणिक मान्यताओं के अनुसार प्राचीन काल में गोलू देवता अल्मोङा के राजा थे जिन्हें भगवान भैरव का अवतार माना जाता था। इस राजा और उनकी मां को अपने जीवन में उनकी सौतली मांओ के कारण बहुत कष्ट झेलना पङा  जिस वजह से गोलू देवता ने अपने शासनकाल में कभी किसी पर अन्याय नही होने दिया । जनता का इनकी न्याय प्रणाली पर भरोसा कुछ ऐसा था कि सदियों बाद भी न्याय की आस में यहां के लोग इन्हे पूजते हैं ..यहीं नही देश के दूर दराज से भी लोग न्याय की आस में आते हैं.

ऐसी है पूरी होती हैं यहां भक्तों की अर्जियां

अभी भी शायद आपको यक़िन करना मुश्किल हो रहा होगा कैसे स्टंप पेपर पर अर्जियां लिख भर देने से विनती सुन ली जाती है तो इसका प्रमाण देने के लिए हम आपसे कुछ कहने की जरूरत नही है बल्कि आप इस मंदिर की तस्वीर देखिए जहां हर चीज का प्रमाण है. यहाँ हजारों की तादाद में बंधी सुंदर घंटियां यहां लोगो को मिले न्याय का प्रतीक है..यहां परम्परा चली आ रही है कि जो भी यहां न्याय मांगने आता है या किसी इच्छा पूर्ति के लिए आता है। इच्छा पूरी होने पर उन्हें यहां घंटियां घंटियां चढानी होती है । इसलिए जो भी यहाँ न्याय मांगने आता है, न्याय मिलने के बाद मंदिर में घंटी जरुर चढता है। बाहर से दिखने में ये गोलू देवता का मंदिर जरुर साधारण मंदिरों जैसा दिखे लेकिन मंदिर के दरवाजे के अंदर पैर रखते ही आपको एक अदभुत दृश्य का अनुमान होगा। चारो तरफ हजारों की तादाद में सुंदर सुंदर मंदिर की घंटियां और स्टंप पर लिखकर बांधी हुई हजारों अर्जियां मिलेगी।

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