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भीख मांगकर गुजारा कर रहे बुजुर्ग महिला-पुरुष ने की शादी, अस्पताल के सामने आग लगाकर लिए सात फेरे

आजकल के समय में अक्सर देखा जाता है कि लोग लव मैरिज करने को प्राथमिकता देते हैं। लेकिन कई बार ऐसा भी देखने को मिलता है कि हर किसी का प्यार मुकम्मल नहीं होता है। वैसे आपने यह बात तो सुनी होगी कि प्यार करने की कोई उम्र नहीं होती। इंसान किसी भी उम्र में इश्क में पड़ सकता है। इसी बीच बिहार में एक अनोखी शादी हुई है, जो इन दिनों काफी चर्चा का विषय बनी हुई है।

दरअसल, बिहार के सुपौल में एक बुजुर्ग दिव्यांग जोड़े की अनोखी शादी कराई गई है। हिंदू रीति रिवाज के अनुसार स्थानीय नागरिक इस शादी के गवाह बने, सात फेरे और माला पहनाकर दोनों को पति-पत्नी के बंधन में बांध दिया। भीख मांग कर गुजारा करने वाले इस बुजुर्ग जोड़े ने सात फेरे लेकर एक दूसरे को माला पहनाई।

सड़कों पर भीख मांगकर करते हैं गुजारा

दरअसल, 54 वर्षीय दिव्यांग दूल्हा का नाम नथुनी यादव है, जो मधुबनी जिले के राजबलीगढ़ गांव का रहने वाला है। जबकि 50 वर्षीय दुल्हन गंगिया देवी जहानाबाद जिले की निवासी है। स्थानीय निवासी मधुबाला देवी के द्वारा ऐसा बताया गया कि दिव्यांग नथुनी यादव निर्मली बाजार में ही भीख मांग कर अपना घर बार चलाता है, जो अब तक कुंवारा था। वहीं 50 वर्षीय गंगिया देवी विधवा है, जिसकी शादी होने के 2 साल बाद ही उसके पति का निधन हो गया। वहीं गंगिया देवी निर्मली नगर में पंचायत में भीख मांग कर गुजारा करती है।

गंगिया देवी बेसहारा थी और वह भीख मांग कर जैसे तैसे अपना गुजारा करती है। जब इन दोनों के बारे में पता चला, तो स्थानीय लोगों ने दोनों का विवाह करवाने के बारे में सोचा। फिर दोनों की शादी कराने के बारे में चर्चा की और दोनों की राय ली। इस पर दोनों ही बुजुर्ग तैयार हो गए थे। इसके बाद समाज के लोगों ने बुधवार देर रात दोनों की शादी की तैयारी शुरू कर दी।

अस्पताल के गेट पर आग जलाकर लगवाए सात फेरे

आपको बता दें कि स्थानीय लोगों ने बुजुर्ग दूल्हा और दुल्हन को नए कपड़े पहनाकर तैयार करवा दिया। इसके बाद अस्पताल के मुख्य गेट पर ही कार्टन में आग जलाई और उसे हवन की तरह मानकर दूल्हा-दुल्हन ने सात फेरे लिए। दूल्हा बने नथुनी यादव और दुल्हन बनी गंगिया देवी ने एक-दूसरे को माला पहनाई और शादी की सभी रस्मों को पूरा किया गया। निर्मली अनुमंडल अस्पताल गेट के पास अग्नि के सात फेरे लगवा कर एक दूसरे का सहारा बना दिया। निर्मली अनुमंडल अस्पताल में कार्यरत एएनएम और जीएनएम सहित कई स्टाफ शादी में शामिल हुए।

इस अनोखी शादी को लेकर करीब एक घंटे तक अस्पताल के गेट के पास लोगों की भीड़ जुटी रही। शादी को लेकर दोनों के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी। वहीं स्थानीय युवक और ग्रामीण मोबाइल से शादी का वीडियो भी बनाते हुए नजर आए। बुजुर्ग दुल्हन गंगिया देवी ने बताया कि शादी के बाद पति की मृत्यु हो गई थी। इसके बाद निर्मली शहर में भीख मांग कर अस्पताल परिसर के आसपास गुजारा कर रही है। शादी होने के बाद सहारा मिलने से खुशी है। वहीं बुजुर्ग दिव्यांग दूल्हा भी शादी से खुश है। दूल्हे ने कहा कि एक दूसरे का सहारा बनकर बेहद खुश हैं।

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