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जिस्मफरोशी की दलदल से निकलकर एक युवती ने लिखा पीएम मोदी को खत, पढिए झकझोर देने वाले इस खत को ..

रोज लड़कियां खरीदी-बेचीं जाती हैं, ये तो मेरी किस्मत थी कि मैं बच निकली लेकिन जाने कितनी ही लड़कियां हैं जिन्हें रोज झांसा देकर प्रताड़ित किया जा रहा है… प्रधानमंत्री से मेरी दरख्वास्त है कि उनके लिए कुछ करें.”

ये गुहार उस युवती की है जिसे 17 साल की उम्र में उसके प्रेमी ने ही दलाल को बेंच दिया और फिर दलाल ने उसे मुंबई के रेड लाइट एरिया में बेच दिया.. 6 साल तक उससे वेश्यावृत्ति करवाई गई जहां एक भी दिन ऐसा नहीं था जब उसने अपनी मर्जी से सेक्स किया, लगातार रेप होता रहा.. अंततः पुलिस की एक रेड के बाद वो मुक्त हो सकी और अब वो मुंबई में एक कपङे की फैक्ट्री में काम कर रही है। पर आज भी उसके ज़ेहन से उस नर्क वाली जिन्दगी के 6 साल नही निकले हैं हर रोज उसे उसकी भयावह याद सताती है और ये एहसास करा जाती है कि आज भी कई लङकियां वही नर्क भोग रही हैं। इसी सोच ने उसे पीएम मोदी को खत लिखने का साहस दिया और उसने ये खत लिख डाला।

भाई मानकर बहनों की रक्षा के लिए की है गुहार :

ये खत इसी रक्षाबन्धन के मौके पर लिखा गया है और जिसमें युवती ने पीएम मोदी को भाई मानते हुए उनसे बहनों की रक्षा की गुहार लगाई है। दो पन्ने के इस खत में आगे वो लिखती है कि

ये लड़कियां शहरों की ओर इसलिए आती हैं क्योंकि ये गरीब हैं. इन्हें पैसे चाहिए होते हैं. इन्हें बेचने वाले इनसे कहते हैं कि शहरों में नौकरी मिल जाएगी. अगर गांवों में ही इन्हें नौकरी मिल जाए तो ये झांसे में न आएं. महिलाओं के लिए प्रधानमंत्री जी और रोजगार के विकल्प पैदा करें, ये मेरा अनुरोध है.

मैं जितने दिन कोठे पर रही, मुझे मारा-पीटा गया, मेरा रेप किया गया. जानवरों से भी बुरा बर्ताव किया गया.

खत के जरिए लङकी ने पीएम मोदी को आधी आबादी के इस स्याह दुनिया से रूबरू कराया है जिसमें अधिकांश लङकियां जबरदस्ती ढकेल दी जाती हैं और सरकार इस दिशा में कुछ कारगर उपाए भी नही कर पाती है। इसके लिए उसने रोजगार का उपाए सुझाया है। देखना ये है कि इस बेहद मार्मिक पत्र के जवाब में इस संवेदनशील मुद्दे पर सरकार क्या कदम उठाती है क्योंकि स्थिति वास्तव में सोचनीय है … वेश्यावृति भारत में भलें ही अवैध है फिर भी यहां वेश्यावृत्ति में लगभग 2 लाख लड़कियां काम कर रही हैं, जिनमें से अधिकतर बालिग़ भी नहीं हैं।

 पीएमओ कार्यालय तक ये पत्र महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग के जरिए पहुंचा है। इस बारे में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर कहती हैं कि हमारा लक्ष्य पीङित महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना है और हमें विश्वास है कि पीएमओ कार्यालय इस दिशा में कुछ उचित कदम अवश्य उठाएगा।

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