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पुनर्जन्म: 4 साल की बच्ची ने कहा मैं जलकर मर गई थी, पिछले जन्म के माता-पिता, भाई,गांव सब बता दिए

भारतीय धर्म और संस्कृति में पुनर्जन्म की मान्यता अत्यंत प्राचीन है। ये मान्यता तब और मजबूत हो जाती है जब इस तरह की घटनाएं देखने को मिलती हैं जब कोई अपने पिछले जन्म की घटनाओं को बिल्कुल सटीक बता देता है। अक्सर इस तरह के मामले सामने आते रहते हैं। इसी तरह का एक मामला राजस्थान के राजसमंद में सामने आया है। यहां मात्र 4 साल की एक बच्ची ने अपने पिछले जन्म की लगभग सभी घटनाओं को सटीक बता दिया, यही नहीं उसने अपने पिछले जन्म में हुई मौत के बारे में भी बिल्कुल सही जानकारी दी। क्या है पूरा मामला आपको आगे बताते हैं-

बच्ची के पुनर्जन्म का दावा

राजसमंद जिले के नाथद्वारा से सटा गांव है परावल। यहां के रतनसिंह चूंडावत की 5 बेटियां हैं। वह एक होटल में नौकरी करते हैं। पिछले एक साल से उनकी सबसे छोटी बेटी 4 साल की किंजल बार-बार अपने भाई से मिलने की बात कह रही थी।

किंजल के दादा राम सिंह चूंडावत ने कहा कि उन्होंने पहले तो इस पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन दो महीने पहले जब एक बार किंजल की मां दुर्गा ने किंजल को अपने पापा को बुलाने को कहा तो वह बोली पापा तो पिपलांत्री गांव में हैं। पिपलांत्री वही गांव है, जहां ऊषा नाम की एक महिला की जलने से मौत हो गई थी। यह गांव किंजल के अभी के गांव से करीब 30 किलोमीटर दूर है। किंजल कहती है कि वही ऊषा है जो जलकर मर गई थी।

पिछले जन्म में हुई मौत के बारे में बताया

उषा के गांव पिपलांत्री के लोगों का दावा है कि नौ साल पहले आग से जलकर उसकी मौत हो गई थी। यहीं से शुरू होती है किंजल के पुनर्जन्म की कहानी। बच्ची के जवाब और दावे से पूरा परिवार हैरान रह गया है। मां दुर्गा के बार-बार पूछने पर किंजल ने बताया कि उसके मां-बाप और भाई समेत पूरा परिवार पिपलांत्री में ही रहता है। वह 9 साल पहले जल गई थी। इस हादसे में उसकी मौत हो गई और एंबुलेंस यहां छोड़कर चली गई। दुर्गा ने यह बात बच्ची के पिता रतन सिंह को बताई. किंजल ने बताया कि उसके परिवार में दो भाई-बहन हैं, पापा ट्रैक्टर चलाते हैं। पीहर पीपलांत्री और ससुराल ओडन में है।

मिलने आया पिछले जन्म का भाई

किंजल की कहानी जब पिपलांत्री के पंकज के पास पहुंची तो वह परावल आया। पंकज ऊषा का भाई है। बकौल पंकज जैसे ही उसने किंजल को देखा तो उसकी की खुशी का ठिकाना न रहा। फोन में मां और ऊषा का फोटो दिखाया तो वह फूट-फूटकर रोने लगी। 14 जनवरी को किंजल अपनी मां और दादा सहित परिवार के साथ पिपलांत्री पहुंची।

पिछले जन्म के गांव पहुंची बच्ची

ऊषा की मां गीता  ने बताया कि जब किंजल हमारे गांव आई तो ऐसा लगा जैस बरसों से वह यहीं रह रही हो। जिन महिलाओं को वह पहले जानती थी, उनसे बात की। यहां तक कि जो फूल ऊषा को पसंद थे, उसके बारे में किंजल ने पूछा कि वो फूल अब कहां हैं। तब हमने बताया कि 7-8 साल पहले हटा दिए थे। दोनों छोटी बेटियों और बेटों से भी बात की और खूब दुलार किया। गीता ने बताया कि उनकी बेटी ऊषा 2013 में घर में काम करते वक्त गैस चूल्हे से झुलस गई थी। ऊषा के दो बच्चे भी हैं।

दोनों परिवारों में बना अनूठा रिश्ता

इस घटनाक्रम के बाद किंजल और ऊषा के परिवार के बीच अनूठा रिश्ता बन गया है। किंजल रोजाना परिवार के प्रकाश और हिना से फोन पर बात करती है। ऊषा की मां कहती हैं, ‘हमें भी ऐसा लगता है कि मानों हम ऊषा से ही बात कर रहे हों। ऊषा भी बचपन में ऐसे ही बातें करती थी।

हालांकि, किंजल की उम्र छोटी है और वह पूरी तरह से बोल भी नहीं पाती है, लेकिन इशारों ही इशारों में वह सब कुछ बयां कर देती है, जिसकी चाहत उषा का परिवार रखता है। किंजल के परिजनों ने पहले इसे बीमारी मानकर किंजल को डॉक्टर को भी दिखाया, लेकिन उन्होंने उसे पूरी तरह से स्वस्थ बता दिया। इसके बाद उसके पुनर्जन्म का दावा किया जा रहा है।

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