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पुलिस की पिटाई से पति की मौत : 4 साल के बेटे को गोद में लिए पत्नी बोली, मुझे इन्साफ चाहिए

4 साल के बेटे को गोद में लिए पत्नी बोली, यह पुलिस वाला बनना चाहेगा तो क्या उसे कभी बनने दूंगी

गुरुग्राम से गोरखपुर आए कानपुर के व्यापारी की पुलिस द्वारा मारपीट करने के बाद मौत के मामला तूल पकड़ता जा रहा है। व्यापारी की पत्नी मीनाक्षी ने पुलिस पर के गंभीर आरोप लगाते हुए सवाल किए हैं कि वह अपने बच्चे को क्या जवाब देंगे और अगर वह पुलिस वाला बनना चाहेगा तो क्या उसे कभी बनने देंगी ? पति की मौत के बाद अब मीनाक्षी इंसाफ की गुहार लगा रही है और पिटाई करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रही हैं। लोग भी सवाल उठा रहे हैं कि आखिर ऐसा क्या कारण था जो पुलिस वालों ने मनीष को बेरहमी से पीटा।

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मीनाक्षी ने आरोप लगाया कि आला अफसरों से इस मामले की शिकायत करने के बाद भी अब तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है। उनका कहना है कि पुलिस किस अधिकार के तहत चेकिंग करने के लिए खुशी और उनसे मारपीट की, मनीष को देखकर ही लग रहा है क्यों नहीं किस तरह की चोट आई है उनकी मौत गिरने से नहीं बल्कि पुलिस की पिटाई से हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें समय पर अस्पताल नहीं ले जाया गया वरना उनकी जान बच सकती थी, मुझे इंसाफ चाहिए।

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ये था मामला

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दरअसल गुरुग्राम से गोरखपुर गए कानपुर के व्यापारी मनीष कृष्णा पैलेस नाम की होटल में ठहरे हुए थे। देर रात पुलिस यहां पर चेकिंग करने आई चेकिंग के लिए उन्होंने मनीष और उसके दोस्तों के रूम का दरवाजा खटखटाया और चेकिंग करने लगी। मनीष के दोस्त ने बताया कि जब पुलिस ने उन्हें उठने के लिए कहा तब हम लोगों ने चेकिंग कराई। मनीष से भी कहा तो मनीष ने कहा कि क्या हम लोग आतंकवादी हैं।

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पुलिस वालों ने उसे जबरदस्ती उठाया और मारपीट की जिसमें वह गिर गया बाद में उसे अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जिन चार पुलिसवालों पर व्यापारी को बेरहमी से पीटने का आरोप है उन्हें भी निलंबित कर दिया गया है।

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व्यापारी मनीष ने फोन करके अपने दोस्त दुर्गेश को भी कहा था कि पुलिस वाले उससे जबरदस्ती कर रहे हैं उसने थाने का नाम पूछा लेकिन उसे पता नहीं चल पाया। उनके दोस्त चंदन सैनी ने भी बताया कि पुलिस का फोन उनके पास देहरादून आया था कि तीनों गोरखपुर किस से मिलने आए हैं। संदेह होने पर जब मैंने दोबारा फोन लगाया तो दरोगा अजय मिश्रा ने मुझे बताया कि ऐसे ही पूछताछ कर रहे हैं लेकिन जब मैं वहां पहुंचा तो मामला कुछ और ही था।

पुलिस पर उठे सवाल

इस मामले में पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठ रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि अचानक ऐसा क्या हो गया था कि पुलिस सीधे तीसरी मंजिल पर चेकिंग करने पहुंची और इतनी मारपीट की। अगर गिरने से उसकी मौत हुई तो उसके शरीर पर गहरे घाव के निशान कैसे आ गए। सवाल यह भी उठाए जा रहे हैं कि अगर वह घायल था तो उसे इमरजेंसी वार्ड में ले जाने के बजाय प्राइवेट अस्पताल क्यों ले जाया और एंबुलेंस क्यों नहीं बुलाई गई।

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