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रेलवे रिजर्वेशन करते वक्त लोअर बर्थ चाहिए तो जानिए आसान तरीका और नियम

सफर शुरू करने से पहले हमेशा हम यही सोचते हैं कि अगर अच्छी सीट मिल जाए तो सफर अच्छा कटेगा और अगर विंडो सीट मिल जाए तो बात ही क्या। वैसे ट्रेन में हमें लोअर बर्थ चुनने का विकल्प जरूर मिलता है लेकिन लोअर बर्थ ही मिले यह बात कंफर्म नहीं होती अक्सर ऐसा होता है कि हम चुनते तो नीचे वाली सीट है लेकिन टिकट कंफर्म होने के बाद अपर या मिडिल बर्थ मिल जाती है। क्या आपको पता है ऐसा क्यों होता है और आप इस परेशानी से कैसे बच सकते हैं। तो अब आईआरसीटीसी की तरफ से इस बात को लेकर स्पष्टीकरण दिया गया है।

हाल ही में जितेंद्र नाम के एक ट्विटर यूजर ने आईआरसीटीसी को टैग करते हुए कहा कि मैंने तीन सीनियर सिटीजंस के लिए लोअर बर्थ बुक कराई थी 104 सीट अवेलेबल होने के बाद भी उन्हें अपर, मिडिल और लोअर बर्थ मिली। इस पर IRCTC की तरफ से उन्हें स्पष्टीकरण दिया गया। असल में रेलवे ने लोअर बर्थ की बुकिंग के लिए कुछ नियम बनाएं है अगर टिकट बुक करते समय आपकी जानकारी उन नियमों और शर्तों पर फिट बैठती है तो ही आपको कंफर्म लोअर बर्थ मिलेगी।


ये हैं नियम

ट्वीट में कहा गया कि अगर एक पुरुष जिसकी उम्र 60 साल से ऊपर है और महिला जिसकी उम्र 45 साल से ऊपर है उसे सीनियर सिटीजन माना जाएगा। वह भी अगर वो अकेले या फिर दो ऐसे पैसेंजर्स एक साथ सफर कर रहे हो और दोनों का टिकट एक साथ बुक कराया जा रहा हो तब ही उन्हें लोअर बर्थ मिलेगी। इसी में आगे कहा गया कि अगर दो से ज्यादा सीनियर सिटीजंस या फिर एक सीनियर सिटीजन और दूसरा सामान्य यात्री है तो फिर रेलवे उसे इस कैटेगरी में नहीं रखता और अगर ऐसा टिकट है तो उसमें जरूरी नहीं है कि लोअर बर्थ मिल जाए।

जितेंद्र को दिए जवाब के बाद आईआरसीटीसी के हैंडल पर कई सारे लोगों ने अपनी अपनी समस्याएं बताईं जिसमें केवल एक ही सीनियर सिटीजन थे तब भी उन्हें लोअर बर्थ नहीं मिली। ऐसे मामले में रेलवे की तरफ से बताया गया कि लोअर बर्थ कम होती है ऐसे में अगर वह पहले ही बुक हो चुकी है तो जरूरी नहीं कि सीनियर सिटीजन को भी लोअर बर्थ का विकल्प चुनते वक्त वो मिल ही जाए।

कोरोना के बाद हुए बदलाव

कोरोना और लॉकडाउन के बाद देश में लगभग आधी ही ट्रेनें चल रही है और सारी ट्रेनों को स्पेशल ट्रेन की तरह ट्रीट किया जा रहा है। इसीलिए रेलवे ने कई सारी चीजों में बदलाव किया है, जैसे अब सीनियर सिटीजंस को मिलने वाली टिकट छूट भी नहीं मिलती और पूरा टिकट खरीदना पड़ता है। साथ ही सामान्य श्रेणी वाले डिब्बे भी बंद कर दिए गए हैं, यानी आप अब बिना रिजर्वेशन के ट्रेन में ट्रेवल नहीं कर पाएंगे।

‌इसके अलावा रेलवे ने लिंक कोच भी कम से कम करने का निर्णय लिया है इससे बीच रास्ते में कुछ डिब्बों को घटाने या बढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ेगी इससे इसमें जाने वाला समय बचेगा और ट्रेनें लेट नहीं होंगी।

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