राजनीति

BJP लीडर शुभेंदु बोले जैसे तालिबान ट्रंप के हारने का इंतजार कर रहा था वैसे ही विपक्ष मोदी का

तालिबान इंतजार कर रहा था कि अमेरिका में ट्रंप हार जाएं और अमेरिकी सेना भाग जाए। वैसे ही यहां के जिहादी इंतजार कर रहे हैं कि कब मोदी हारे।

हाल में हुए विधानसभा चुनावों के बाद पश्चिम बंगाल में एक बार फिर राजनीति गरमा गई है क्योंकि पिछली बार विधानसभा चुनाव हारने के बाद एक बार फिर मुख्यमंत्री चुनावी मैदान में है। बीजेपी भी ममता को एक बार फिर हराकर कड़ा जवाब देना चाहती है। लेकिन इस बार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष शुभेंदु अधिकारी खूद पूरा मोर्चा संभाले हुए हैं। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष होने के साथ ही शुभेंदु नेता प्रतिपक्ष भी हैं उन्होंने ही चुनाव में ममता बनर्जी को नंदीग्राम सीट से हराया था। एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में शुभेंदु ने कईं मुद्दों पर बात की जिसके कुछ अंश हम आपको यहां बता रहे हैं।

ममता के लिए शुभेंदु ही काफी

शुभेंदु अधिकारी से जब पूछा गया कि केंद्र से कोई नेता भवानीपुर सीट पर चुनाव प्रचार करने नहीं आ रहा है तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि सेंट्रल लीडरशिप केवल विधानसभा चुनाव में ही प्रचार करने आती है वह किसी उप चुनाव में प्रचार करने नहीं जाते। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो गुजरात के उपचुनाव में भी प्रचार करने नहीं गए थे। ममता बनर्जी एक हारी हुई उम्मीदवार हैं, उन्हें हराने के लिए किसी नेशनल लीडर की जरूरत नहीं है उनके लिए शुभेंदु अधिकारी ही काफी है।

जिहादी मोदी के हारने का इंतजार कर रहे

मुस्लिम तुष्टिकरण को लेकर शुभेंदु ने कहा कि हमारे दो मुख्य मुद्दे तो है ही लेकिन इसके अलावा भी हमारे कई मुद्दे हैं। लोग देख रहे हैं कि अफगानिस्तान में क्या हो रहा है तालिबान कब से इंतजार कर रहा था कि अमेरिका में ट्रंप हार जाएं और अमेरिकी सेना भाग जाए। ठीक वैसे ही हमारे यहां के जिहादी इंतजार कर रहे हैं कि कब मोदी हारे। हमें तुष्टिकरण का मुद्दा अलग से उठाने की जरूरत नहीं है वोटर जानते हैं कि मोदी को वोट देने से ही देश को मजबूती मिलेगी।

ममता के सामने चुनाव हारने वाली महिला क्यों ? 

जब शुभेंदु अधिकारी से पूछा गया कि उन्होंने नगर निगम चुनाव हारने वाली प्रियंका टिबरेवाल को ममता के सामने क्यों खड़ा किया तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि पोस्ट पोल वायलेंस के बाहर प्रियंका ने बड़ी लड़ाई लड़ी है और उन्हीं की वजह से हमारे कई साथी वापस घर जा सके इसीलिए केंद्रीय लीडरशिप ने उन्हें मौका दिया है। वैसे भी ममता बनर्जी खुद भी एक हारी हुई उम्मीदवार है वह तो अपने बूथ से ही हार गई थी वह कोई बड़ी लीडर नहीं है।

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ममता के सामने आप क्यों नहीं लड़े

ममता को पिछली बार नंदीग्राम सीट से हरा चुके शुभेंदु अधिकारी से जब पूछा गया कि इस बार आप ममता के सामने क्यों नहीं खड़े हुए तो उन्होंने कहा कि यह पार्टी का अंदरूनी मामला है मैंने तो शिक्षक दिवस पर ही कहा था कि पार्टी जो भी बोलेगी वह मैं करने को तैयार हूं। उन्हें है पार्टी ने चुना है और यह निर्णय सही है वह बंगाल की बेटी हैं और ममता को जरूर हराएंगी।

पार्टी छोड़ने वालों पर कार्रवाई करेंगे

विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के जीतने के बाद चाहिए लगातार बीजेपी के कई नेता पार्टी छोड़ रहे हैं क्या बीजेपी संरक्षण नहीं दे पा रही है ? जब इस पर उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह कुछ लोगों का पर्सनल एजेंडा है और कुछ नेताओं में डर भी है लेकिन पार्टी संरक्षण दे रही है। जो लोग पार्टी छोड़ रहे हैं‌ उनपर एंटी डिफेक्शन लॉ के तहत कार्यवाही होगी राज्य में जल्द ही उपचुनाव होंगे।

सीएम होने के बावजूद चुनाव क्यों लड़ रही है ममता

दरअसल कुछ महीने पहले हुए चुनाव में ममता बनर्जी शुभेंदु अधिकारी के सामने नंदीग्राम से चुनाव हार गई थी। लेकिन पार्टी के विधायक दल की मीटिंग में उन्हें नेता चुना गया और वह मुख्यमंत्री है। कानून के मुताबिक किसी भी मुख्यमंत्री को अगर वह विधायक नहीं है तो 6 महीने के भीतर ही चुनाव जीत कर आना होता है वरना उसे इस्तीफा देना पड़ता है। अगर ममता बनर्जी भवानीपुर सीट से हार जाती हैं तो उनके लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती है।

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