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तालिबान की पंजशीर फतह वाली बात को नकारा मसूद ने, तालिबानी ठिकानों पर हुई आसमान से बमबारी

पाकिस्तान ने देर रात पंजशीर घाटी में अपने ड्रोन CH-4 से हमले किए, तालिबानी का साथ दे रहा पाकिस्तान

अफगानिस्तान पर पूरी तरह से तालिबान का कब्जा हो चुका है। लंबे खूनी संघर्ष के बाद तालिबान ने पंजशीर पर फतह हासिल कर ली और वहां पर अपना झंडा भी लहरा दिया। तालिबानी प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि अब पूरे अफगानिस्तान में तालिबान तैनात है किसी को डरने की जरुरत नहीं। पंजशीर पर जीत दिलाने के लिए पाकिस्तान ने उसकी मदद की। हालांकि पंजशीर में लड़ाई का नेतृत्व कर रहे अहमद मसूद और अमरुल्लाह सालेह ने तालिबान की पंजशीर फतह वाली बात को नकार दिया है।

पाकिस्तान की मदद से जीता पंजशीर

तालिबान को पंजशीर में मिली जीत का श्रेय पाकिस्तान को दिया जा रहा है। पाकिस्तान ने ही देर रात पंजशीर घाटी में अपने ड्रोन CH-4 से हमले किए जिसमें पंजशीर के प्रवक्ता फहीम दशती और 5 अन्य लड़ाकों की मौत हो गई। पाकिस्तानी ड्रोन के जरिए अमरुल्लाह सालेह और अहमद मसूद के ठिकानों पर भी बम बरसाए गए। दोनों के ठिकानों पर हमले के बाद उनके तजाकिस्तान भाग जाने की भी बात कही जा रही है। हालांकि उनके समर्थकों का कहना है की दोनों अफगानिस्तान में ही हैं और सुरक्षित हैं।

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काबूल में पाक के खिलाफ प्रदर्शन तेज

तालिबानी हुकूमत के खिलाफ अफगानिस्तान के लोग लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। यहां पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन बढ़ता जा रहा है, देर रात महिलाओं ने काबुल में सड़कों पर उतर कर पाकिस्तान और ISI मुर्दाबाद के नारे लगाए। वही पंजशीर से भी ख़बर है कि रेजिस्टेंस फोर्स ने तालिबान के ठिकानों पर जमकर बमबारी की है। साथ ही अज्ञात विमानों के जरिए बम बरसाए गए हैं जिसमें तालिबान को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।

तालिबान की पाकिस्तान को खरी खरी

पाकिस्तान भले ही तालिबान के आगे नतमस्क हो लेकिन फिर भी उसे तालिबान से कोई खास फायदा मिलता नज़र नहीं आ रहा है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज़ के अफगानिस्तान दौरे को लेकर तालिबान ने सफाई दी है। तालिबान प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि पाकिस्तान समेत किसी भी देश को अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं देंगे।

अमरुल्लाह सालेह ने संयुक्त राष्ट्र से मांगी मदद

सालेह ने इसे मानवीय संकट बताते हुए संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा अगर इस खून खराबे को नहीं रोका गया तो बड़ा नरसंहार देखने को मिलेगा। तालिबान के आर्थिक ब्लैकआउट के कारण पंजशीर और बागलान प्रांत के 3 जिलों में संकट गहराता जा रहा है। हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील करते हैं कि तालिबान के हमलों को राजनीतिक हल निकाल कर जल्द से जल्द रोका जाए।

यहां फंसे लोगों को भोजन, पानी, और मेडिकल सुविधाओं की तत्काल जरूरत है। पंजशीर पहुंचे स्थानीय बुजुर्ग, बच्चे और महिलाओं समेत तकरीबन 2.5 लाख लोग मस्जिद, स्कूल, सामूहिक स्वास्थ्य केंद्र और खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं।

कतर में अमेरिकी विदेश मंत्री

अमेरिका के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद पहली बार अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन कतर पहुंचे। यहां वो कतर के प्रमुख नेताओं से मिलकर अफगानिस्तान में फंसे अमेरिकियों और अफगान के नागरिकों को निकालने को लेकर चर्चा कर सकते हैॆ।

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