विशेष

कभी देखा है बोतलबंद पंछी नहीं न? अब देख लीजिए

cockatoo-smuggling-2ऐसा आपने शायद ही कभी सुना होगा की प्लास्टिक की छोटी सी बोतल में एक चिड़िया को किस कर सकते हैं, लेकिन हाँ हुआ कीच ऐसा ही है। इंडोनेशिया में कुछ दुर्लभ पक्षियों के तस्करों ने ऐसी घृणित हारकर की है। मामला तब सामने आया जब इस मुद्दे पर इंडोनेशिया पुलिस ने एक टीम गठित की और टीम ने उन तस्करों को धर दबोचा।

.
जांच करने पर पुलिस ने 24 लुप्तप्राय कॉकटूस पक्षियों को प्लास्टिक की पानी की बोतलों में ठूस हुआ पाया, ऐसा उन्हें सीमा शुल्क से बचने के लिया किया गया था। पुलिस ने संदिग्ध तस्कर को गिरफ्तार कर लिया।

cockatoo-smuggling-7

.

इन दुर्लभ पक्षियों के लिए इन तस्करों को कभी कभी तो 650 यूरो (लगभग 50 हजार रूपए) तक मिल जाते हैं, और वो भी एक एक चिड़िया के लिए। इसलिए पक्षियों के परिवहन के लिए इन्हें प्लास्टिक की बोतलों का उपयोग कर के तस्कर करना कोई असामान्य बात नहीं है।

.
रिचर्ड थॉमस, ग्लोबल कम्युनिकेशन्स और संचार समन्वयक ने बताया कि, ‘छोटी लंबाई होने की वजह से इन पक्षियों तो बोतलों में भर के तस्कर किया जाता है, पर हमें इन्हें जब्त कर के बारीकी से बोतलों से निकाल के इन्हें चिकित्सा सुविधायें मुहैया करा कर जगलों में छोड़ दिया गया है।’

.
पीले रंगों के ये कॉकाटू सांसे ज्यादा मुश्किल में इसलिये भी है क्योंकि ये बात दुर्लभ है और पूरी दुनिया में लगभग 7000 कॉकाटू ही बचे हैं। इसका प्रमुख कारण जंगलों की कटाई और अवैध शिकार है जिसकी वजह से दक्षिणपूर्व एशिया और यूरोप में इनकी मांग बढ़ती जा रही है।

cockatoo-smuggling-1

.

स्वास्ति प्रविद्या मुक्ति, जो इस प्रोफाउन अभियान की अधिकारी है, यह संगठन इंडोनेशिया के वन और वन्य जीव की सुरक्षा के लिए काम करता है का कहना है कि-

.
‘वन्य जीवों की ऐसी तस्करी, जो एक ऑनलाइन व्यापर बन गया है, हमारे लिए एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है। वन्य जीवों के संरक्षण के लिए जरूरी है कि ऐसे उग्र अभ्यासों पर लगाम लगाया जाएं। ज्यादातर पकड़े गए तस्करों ने बताया कि ये जीव उन्होंने किसी ब्रीडिंग फर्म से लिया है जबकि सच्चाई ये है कि ये सभी जीव जंगल से पकड़े गयें हैं।’

.
ये कॉकटूस का केस तो बस एक उदाहरण है इंडोनेशिया में हर साल ऐसे ही 10000 तोतों की तस्करी की जाती है जो सभी वन्य जीव होतें हैं। डब्लूडब्लूएफ इसे रोकने के लिए काम भी कर रहा है।

Back to top button