राजनीति

लालू के अतरंगी लाल ने बीजेपी पर साधा निशाना, कहा – हम पूल बना रहे हैं और वो गिरा रहे हैं

भागलपुर पुल हादसे को लेकर बिहार में राजनीति काफी तेज हो गई है। बिहार सरकार के वन और पर्यावरण मंत्री एवं चारा घोटाले के सूत्रधार लालू यादव के अतरंगी पुत्र तेज प्रताप यादव ने बीजेपी पर सीधा हमला बोल दिया है। उन्होंने कहा कि खगड़िया-अगुवानी-सुल्तानगंज पुल को भाजपा ने गिराया है।

हमलोग पुल बना रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी के लोग पुल को गिरा रहे हैं। लालू यादव के इस अतरंगी बेटे के आरोप से राजनीति और गरमा गई है। बता दें कि खगड़िया-अगुवानी-सुल्तानगंज के बीच निर्माणाधीन पुल रविवार की शाम अचानक से गिर गया था। मामले की जांच का जिम्मा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत को सौंपा है।

इस्तीफे के सवाल पर भड़कते तेज प्रताप

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने सुल्तानगंज-अगुवानी घाट पुल गिरने की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। सोमवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और कहा कि इस मामले की जांच पटना हाइकोर्ट के सिटिंग जज या सीबीआइ से करायी जाये ताकि मामले का खुलासा हो सके। इसके साथ ही, उन्होंने तेजस्वी यादव को मामले की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देने की मांग की है। तेज प्रताप यादव सम्राट चौधरी के इस्तीफे की मांग पर भड़क गए। साथ ही, वह बीजेपी पर हमलावर हो गए।

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने पुल हादसे की जांच के लिए उच्चस्तरीय सीबीआइ जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह हादसे एक गंभीर मामला है और इसकी जांच निष्पक्षता से होनी चाहिए।. इसके साथ ही, उन्होंने तेजस्वी यादव को मामले की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देने की मांग की है.

इस पुल हादसे की घटना ने बिहार में राजनीतिक संकट को तेज कर दिया है। पुल हादसे की जांच के मामले में न्यायपालिका और कानूनी संस्थाओं को इस मामले की निष्पक्षता और विश्वासनीयता की जरूरत है।

भागलपुर पुल हादसे के बाद अबजांच की मांगें बढ़ रही हैं। इस मामले में सच्चाई का पता चलना अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसके लिए गंभीर जांच की आवश्यकता है। इस हादसे से पहले भी बिहार में हुए पुल हादसों के कई मामले सामने आए हैं और इससे यह साबित होता है कि इंजीनियरिंग और निर्माण के क्षेत्र में संवेदनशीलता की कमी है। इसलिए, बिहार सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और इसकी जांच में निष्पक्षता सुनिश्चित करनी चाहिए।

इस हादसे के बाद बिहार में राजनीतिक दलों के बीच बढ़ते तनाव को नियंत्रित करना और घटना की सच्चाई का पता लगाना महत्वपूर्ण है। सरकार को उच्चस्तरीय जांच की व्यवस्था करनी चाहिए और इसकी जांच में निष्पक्षता और विश्वासनीयता सुनिश्चित करनी चाहिए। साथ ही, जांच की रिपोर्ट को सार्वजनिक करना चाहिए ताकि सभी लोग इस मामले की सच्चाई जान सकें और उचित कार्रवाई की जा सके।

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