राशिफल

23 मई से शनि बदल रहे हैं अपनी चाल, इन राशि वालों की उल्टी गिनती शुरू, ये हैं बचने के उपाय

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि का उल्टी चाल चलना कई राशियों के लिए शुभ नहीं होता है. शनि की उल्टी चाल को वक्री कहा जाता है. 23 मई से ऐसा होने जा रहा है जब शनि वक्री हो जाएंगे और वे 141 दिनों तक वक्री ही रहेंगे. 23 मई से लेकर शनि 11 अक्टूबर 2021 तक वक्री ही होंगे. ऐसे में शनि की यह चाल कई राशि वालों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है.

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बता दें कि, शनि का वक्री होना शनि ढैया और शनि साढ़े साती से पीड़ित जातकों को नुक़सान पहुंचा सकता है. ऐसे में उन्हें इस दौरान काफी संभलकर रहने की आवश्यकता होगी. हालांकि कुछ विशेष उपायों की मदद से इससे राहत प्रदान हो सकती है. ज्योतिष शास्त्र में ही इसके ख़ास उपाय बताए गए हैं. लेकिन उससे पहले हम आपको यह बता देते हैं कि शनि साढ़े साती और शनि ढैया से कौन-कौन सी राशिया पीड़ित है…

शनि ढैया से पीड़ित राशियां…

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शनि ढैया से पीड़ित दो राशियां है मिथुन और तुला. बता दे कि, मिथुन और तुला को इससे करीब एक साल बाद छुटकारा मिलेगा. इस राशि के जातकों को 29 अप्रैल 2022 को छुटकारा मिल जाएगा. साथ ही कर्क और वृश्चिक राशि के जातक इससे पीड़ित हो जाएंगे. ज्योतिष शास्त्र कहता है कि, शनि ढैया से पीड़ित जातक मानसिक रूप से परेशान रहते हैं और उनके हर एक काम में बाधा उत्पन्न होती है.

शनि साढ़े साती से पीड़ित राशियां…

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अब बात करते है शनि साढ़े साती से पीड़ित राशियों की. धनु, कुंभ और मकर राशि वाले लोग शनि साढ़े साती से पीड़ित है. जानकारी के मुताबिक, कुंभ राशि वालों पर अभी शनि साढ़े साती का पहला चरण चल रहा है. वहीं मकर राशि के जातकों पर दूसरा चरण एवं धनु राशि वालों पर इसका आख़िरी चरण चल रहा है. जो लोग शनि साढ़े साती से पीड़ित रहते हैं उन्हें शारीरिक और मानसिक परेशानियों के साथ ही आर्थिक नुक़सान भी झेलना पड़ता है. शनि साढ़े साती से मकर और कुंभ राशि के जातकों को छुटकारा मिलने में अभी समय लगेगा. वहीं धनु राशि को इससे मुक्ति 29 अप्रैल 2022 को मिल जाएगी.

इस तरह शनि को करें मजबूत…

यदि आप भी उन राशि के जातक हो जो शनि साढ़े साती और शनि ढैया से पीड़ित है एवं आप इस कठिन समय में मजबूती के साथ इनका सामना करना चाहते हैं तो शनि का मजबूत होना आवश्यक है. शनि को मजबूत करने के लिए ‘ॐ प्रां प्रीं प्रौं स:’ मंत्र का हर शनिवार के दिन जाप करें. कम से कम तीन माला का जाप अवश्य होना चाहिए. वहीं पीपल के पेड़ पर जल भी अर्पित करें और पीपल के पेड़ के पास बैठकर 108 बार शनि मंत्र का आप जाप करेंगे तो आपको कई हद तक इस समस्या से छुटकारा मिलेगा. वहीं हर दिन महामृत्युंजय मंत्र या ॐ नमः शिवाय का जाप भी आपके लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है.

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