स्वास्थ्य

ऑक्सीजन का लेवल कम होने पर कपूर, लौंग, अजवाइन सूंघना होता है फायदेमंद, जानें इस दावे का सच

कोरोना वायरस महामारी से इस समय पूरा देश जूझ रहा है और 24 घंटे में 3 लाख कोरोना के नए केस सामने आए हैं। कोरोना वायरस से बचने के लिए सरकार लोगों को घरों के अंदर ही रहने की सलाह दे रही है और मास्क लगाकर रखने को कह रही है। इसी बीच एक देसी नुस्खा भी काफी वायरल हो रहा है। जिसके तहत लोगों को कपूर, लौंग, अजवाइन और नीलगिरी का तेल सूंघने को कहा जा रहा है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खुद मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने ये नुस्खा शेयर किया है और लोगों से कहा है कि वो अपने साथ कपूर, लौंग, नीलगिरी का तेल और अजवाइन वाली पोटली रखें। समय-समय पर इस पोटली को सूंघते रहें। दावा किया जा रहा है कि इस पोटली को सूंघने से सांस लेने में परेशानी नहीं होती है और ऑक्सीजन लेवल शरीर में बना रहता है।

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मुख्तार अब्बास नकवी ने फेसबुक पर इसे ‘सेहत की पोटली’ का कैप्शन दिया है। इन्होंने पोस्ट में लिखा, ‘कपूर, लौंग और अजवाइन का मिश्रण बनाकर इसमें कुछ बूंदे नीलगिरी के तेल को मिलाकर इस तरह की पोटली बना लें और अपने दिनभर के कामकाज के दौरान बीच-बीच में सूंघते रहें…ये ऑक्सीजन लेवल बनाए रखने में मदद करता है। इन्होंने आगे लिखा है कि काफी सारी एंबुलेंस भी ये पोटली रख रही हैं।

कितना सच है ये दावा

इन दिनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे वाट्सअप, फेसबुक और ट्विटर पर इस पोटली का काफी जिक्र किया जा रहा है और लोगों से कहा जा रहा है कि वो अपने साथ ये पोटली जरूर रखें और समय समय पर इसे सूंघते रहे। हालांकि इसी बीच काफी लोग ये भी दावा कर रहे हैं कि इन्हें नुस्खा घातक साबित हो सकता है और इन्हें सूंघने से अन्य रोग लग सकते हैं। इस चीजों पर कई सारे शोध किए गए हैं। जिसमें माना गया है कि इन चीजों का कोरोना वायरस से कोई लेना-देना नहीं है।

साइंस के अनुसार कपूर एक ज्वलनशील सफेद क्रिस्टलीय पदार्थ है। जिसमें तेज सुगंध होती है। दर्द और खुजली को दूर करने में ये कारगर होता है। कपूर बंद नाक को खोल देता है। जिसके कारण इसका प्रयोग थोड़ी सी मात्रा में विक्स वेपोरब में किया जाता है। लेकिन बंद नाक खोलने में कपूर फायदेमंद है कि नहीं ऐसी कोई स्टडी मौजूद नहीं है। अभी तक ये दावा भी साबित नहीं हुआ है कि इसे सूंघकर शरीर में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ता है। वहीं गैर-औषधीय कपूर को नुकसानदायक माना गया है।

अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ पॉइजन कंट्रोल सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार, USA में कपूर के जहर के लगभग 9,500 मामले थे। जिनमें से 10 लोगों की जान खतरे में थी और कुछ लोग इसके चलते दिव्यांग भी हुए थे। ये रिर्सच साल 2018 में की गई थी। एफडीए भी कपूर को घातक मानता है। इससे शरीर में विषाक्तता पैदा हो सकती है। जिससे सेहत खराब हो सकती है।

लौंग, दालचीनी, जायफल और तुलसी में यौगिक यूजेनॉल मौजूद है। जो टॉक्सिसिटी का कारण है। लौंग से ऑक्सीजन लेवल को बढ़ाया जा सकता है। ये बात अभी तक साबित नहीं हुआ है। इसी तरह से अजवाइन और नीलगिरी के तेल को लेकर कोई ऐसा शोध नहीं हुआ है। जिसमें ये दावा किया गया हो कि ये ऑक्सीजन लेवल को बढ़ाते हैं।

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