अध्यात्म

पापमोचिनी एकादशी का व्रत करने से हो जाता है पापों का नाश, जानें मुहूर्त और पूजा विधि

एकादशी व्रत रखने से इंसान को मोक्ष की प्राप्ति होती है और पापों का नाश हो जाता है। साल भर में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं। जिनमें से पापमोचनी एकादशी का विशेष महत्व है। ये एकादशी इस साल 7 अप्रैल बुधवार को आ रही है। इस एकादशी का व्रत रखने से यश, धन, वैभव और सुख-संपत्ति की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि इस व्रत का फल घोर तपस्या करने के सामान होता है। इसलिए आप पापमोचनी एकादशी का व्रत जरूरी करें।

शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

पापमोचिनी एकादशी तिथि  07 अप्रैल, बुधवार से एकादशी लग रही है। एकादशी व्रत पारण का मुहूर्त, 08 अप्रैल को दोपहर 01 बजकर 39 मिनट से शाम 04 बजकर 11 मिनट तक है।

पापमोचिनी एकादशी पूजा विधि –

1.पापमोचनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के चार भुजाओं वाले चतुर्भुज रूप की पूजा की जाती है। इस व्रत से एक दिन पहले यानी कि दशमी के दिन से ही व्रत के नियमों का पालन करना होता है। इस दौरान बिना लहसुन और प्याज का खाना खाना होता है।

2.पापमोचनी एकादशी की सुबह उठकर स्नान करें। स्नान करने के बाद मंदिर की सफाई कर, एक चौकी मंदिर में रख दें। इस चौकी को अच्छे से सजाएं और पीले रंग का वस्त्र बिछा दें। इसपर विष्णु जी की चार भुजाओं वाली मूर्ति को स्थापित कर दें।

3.भगवान विष्णु के सामने फूल और फल अर्पित करें। कम से कम 11 पीले फूल और 11 पीली मिठाइयां भगवान को चढ़ें। इसके बाद एक तुलसी का पत्ती भी भगवान को अर्पित करें।

4.फिर हाथों में एक फूल और थोड़ा सा जल लें और व्रत का संकल्प करें। संकल्प लेने के बाद पूजा को शुरू करें और भगवान विष्णु के मंत्रों और नाम का जाप करें। आप चाहें तो विष्णु जी से जुड़े पाठों को भी पढ़ सकते हैं।

5. इसी तरह से पूरे दिन भगवान के नाम का जाप करें। रात को भी इसी प्रकार से पूजा करें।

6. सुबह और शाम के समय तुलसी का पूजन भी जरूर करें और तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक भी जलाएं।

7. अगर आप व्रत रखते हैं। तो एक समय फल और दूध का सेवन कर सकते हैं।

न करें ये गलतियां

एकादशी का दिन विशेष होता है और इस दिन विष्णु जी की सच्चे मन से पूजा की जाए तो हर कामना पूर्ण हो जाती है। एकादशी के दिन भूलकर भी नीचे बताई गई बातों को न करें। इन चीजों को करने से विष्णु जी नाराज हो जाते हैं।

एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते को न तोड़े। इस दिन तुलसी के पत्ते को तोड़ना वर्जित माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन तुलसी के पत्ते को तोड़ने से पाप चढ़ता है और विष्णु जी नाराज हो जाते हैं। इसलिए आप भूलकर भी एकदशी के दिन तुलसी के पत्ते को न तोड़े।

इस दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। चावल का सेवन करना वर्जित होता है। दरअसल इस दिन चावल को मास के सामान माना जाता है। इसके अलावा एकादशी को प्याज और लहसुन कभी न खाएं।

एकादशी के दिन केवल जमीन पर ही सोना चाहिए। इस दिन बिस्तर पर सोना वर्जित माना गया है।

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