बॉलीवुड

बहुत छोटी उम्र में दुनिया छोड़ गए थे ‘रामायण के कुंभकर्ण’, असल ज़िंदगी में ‘रावण’ से था यह रिश्ता

टीवी के ऐतिहासिक धारावाहिक ‘रामायण’ को आज भी लोग बड़े चाव के साथ देखना पसंद करते हैं. साल 1987 में आए धारावाहिक ‘रामायण’ ने पूरे देश में तहलका मचा दिया था. इसका हर एक किरदार आज भी दर्शकों के दिलों में ज़िंदा है. 1987-88 में यह धारावाहिक आया था जब दर्शक टीवी से चिपक जाया करते थे. बीते साल जब लॉक डाउन के दौरान ‘रामायण’ का दूरदर्शन पर पुनः प्रसारण हुआ था, तब धारावाहिक ने रिकॉर्ड तोड़ व्यूज बटोरे थे.

आज 33 सालों के बाद भी ‘रामायण’ का हर एक किरदार दर्शकों के दिलों में ज़िंदा है. भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण जी, हुनमान जी और रावण आदि का किरदार अदा करने वाले हर एक कलाकार को फैंस ने भरपूर प्यार दिया है. जहां भगवान राम का किरदार अरुण गोविल, माता सीता का किरदार दीपिका चिखलिया, लक्ष्मण जी का किरदार सुनील लहरी, हनुमान जी का किरदार दारा सिंह, रावण का किरदार अरविंद त्रिवेदी ने अदा किया था, तो वहीं रावण के भाई कुंभकर्ण के रोल में हमे नलिन दवे देखने को मिले थे.

नलिन दवे का रोल ‘रामायण’ में बहुत छोटा सा था, लेकिन वे अपने छोटे से रोल के बलबूते ही एक बड़ी पहचान बनाने में कामयाब रहे थे. उनके द्वारा फिल्माया गया एक-एक दृश्य ऐसा था कि उसे देखकर लोगों की आंखें भर आईं थी. रामायण में यह पल वो था, जब कुंभकर्ण का वध होने वाला था. कुंभकर्ण अपने बड़े भाई रावण का साथ देने के लिए तैयार था. गौरतलब है कि, लंकापति रावण की तरह ही कुंभकर्ण का वध भी भगवान श्री राम के हाथों ही हुआ था.

बता दें कि, ‘रामायण’ में कुंभकर्ण का रोल निभाने वाले नलिन दवे अब हमारे बीच नहीं है. बहुत कम उम्र में ही वे इस दुनिया को अलविदा कह चुके थे. रामायण के अन्य किरदारों की तरह ही कुंभकर्ण का किरदार भी लोगों के लिए बेहद यादगार है. नलिन दवे की बात की जाए तो वे एक समय गुजराती फिल्मों के जाने माने अभिनेता थे. नलिन जब 26 साल के थे तब उन्हेंBhader Tara Vaheta Pani में पहला ब्रेक मिला.

पहला ब्रेक मिलने के बाद नलिन दवे ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. यहां से उनकी जिंदगी बदलने लगी और आगे उन्होंने कई गुजराती फिल्मों में खलनायक के रोल अदा किए. लेकिन उनके लिए यह सब करना आसान नहीं था. दरअसल, उनका परिवार यह नहीं छटा था कि, नलिन एक्टिंग में अपना करियर बनाए. उनका परिवार इसके ख़िलाफ़ था. 80 के दशक के दौरान नलिन दवे गुजराती सिनेमा में एक बड़ा और चर्चित नाम थे. गुजराती सिनेमा के साथ ही वे गिनी-चुनी बॉलीवुड फिल्मों में भी देखने को मिले है. उन्हें प्रेम, दाता, एक अलग मौसम जैसी फिल्मों में भी देखा गया है. 1940 में जन्मे नलिन दवे ने साल 1990 में महज 50 साल की उम्र में ही दुनिया को अलविदा कह दिया था.

‘रावण’ के दोस्त थे ‘कुंभकर्ण’…

‘रामायण’ में रावण का रोल अरविंद त्रिवेदी ने अदा किया था. रामायण में अरविंद और नलिन दवे भाई-भाई के रोल में थे, लेकिन असल ज़िंदगी में इनके बीच दोस्ती का रिश्ता था. आपको यह भी बता दें कि, ‘रामायण’ में नलिन दवे की एंट्री अरविंद त्रिवेदी के माध्यम से ही हुई थी. दोनों के बीच दोस्ती एक ही पेशे से जुड़े होने के चलते हुई थी और नलिन के जीवित रहने तक दोनों के बीच दोस्ती का रिश्ता चला था.

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