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सोमनाथ मंदिर के खिलाफ जहर उगलने वाला मौलाना हुआ गिरफ्तार, वीडियो में कही थी ये बात

सोमनाथ मंदिर को लूटने वाले महमूद गजनवी की तारीफ करने के चलते इरशाद रशीद नामक शख्स को गिरफ्तार किया गया है। इरशाद रशीद ने हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर डाली थी। जिसमें ये महमूद गजनवी को एक नेक इंसान बता रहा था। आरोपी इरशाद रशीद ने ये वीडियो गुजरात में स्थित सोमनाथ मंदिर के पास खड़े होकर बनाई थी। इस वीडियो के वायरल होने के बाद इरशाद रशीद पर केस दर्ज किया गया और अब इसे गिरफ्तार कर लिया गया है। इरशाद रशीद की गिरफ्तारी हरियाणा के पानीपत से हुई है।

इस मामले में इरशाद रशीद के खिलाफ सोमनाथ ट्रस्ट के प्रबंधक विजय सिंह चावडा ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत दर्ज करवाने के बाद पुलिस ने इसे पकड़ लिया। हालांकि अभी तक इस पूरे मामले में पुलिस की ओर से कोई भी बयान नहीं आया है।

मौलाना इरशाद रशीद ने गुजरात के ऐतिहासिक सोमनाथ मंदिर से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर खड़े होकर एक वीडियो बनाई थी। इसमें ये समुद्र किनारे खड़े होकर सोमनाथ मंदिर की ओर इशारा करते हुए कहता है कि ये वही मंदिर है, जिसे महमूद गजनवी व मुहम्मद कासिम ने फतह किया था। कासिम ने अपनी सेना के साथ इसी सागर को पार कर भारत को जीत लिया था। ये वही समुद्र है जो पाकिस्तान को भारत से जोड़ता है। उसके इतिहास को पढ़ना व पढ़ाना चाहिए।

वहीं सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट के शिकायत दर्ज करवाने पर इसने अपनी सफाई पेश की ओर कहा कि4 मई, 2019 को मैं गुजरात गया था। सोमनाथ भी घूमने गया। उस दौरान ये वीडियो बनाया था। इसने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मेरी बातों का गलत मतलब निकाला गया था। मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा सब पूजा स्थल हैं। बस सबके तरीके अलग-अलग हैं। उसका मकसद मंदिर का अपमान करना या किसी की भावना को आहत करना नहीं था।

आपको बता दें कि इरशाद रशीद पानीपत के कुटानी रोड पर स्थित एक मदरसे में पढ़ाता है। लोगों का कहना है कि वो अक्सर इसी तरह की बातें करता है। वाट्सएप और फेसबुक पर वह इस तरह की आपत्तिजनक चीजें शेयर भी करता है। उसे कई बार टोका भी गया लेकिन वो मान नहीं।

ये है सोमनाथ मंदिर का इतिहास

ये मंदिर गुजरात के काठियावाड़ क्षेत्र में समुद्र के किनारे स्थित है। जो कि 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। मंदिर का पुनर्निर्माण 649 ईस्वी में वैल्लभी के मैत्रिक राजाओं ने किया था। जबकि पहली बार इस मंदिर को 725 ईस्वी में सिन्ध के मुस्लिम सूबेदार अल जुनैद ने तुड़वा दिया था। जिसके बाद राजा नागभट्ट ने 815 ईस्वी में इसका पुनर्निर्माण करवाया। महमूद गजनवी ने सन् 1024 में कुछ 5,000 साथियों के साथ सोमनाथ मंदिर पर हमला कर दिया था और संपत्ति लूटकर इसे नष्ट कर दिया। गांव वालों ने इसे बचाने की कोशिश की लेकिन वो सफल न हो सके। कहते हैं कि इस मंदिर में चुम्बक शक्ति के कारण शिवलिंग हवा में स्थित था। महमूद गजनबी इसे देखकर हतप्रभ रह गया था और इसे बुरी तरह से तोड़ दिया।

महमूद गजनबी के तोड़े जाने के बाद इस मंदिर को फिर से राजाओं ने बनवाया। हालांकि बार-बार इसी तरह से मंदिर पर मुस्लिम शासक हमला करते रहे। इस तरह से ये मंदिर 6 बार तोड़ा गया। वहीं भारत के आजाद होने के बाद सरदार वल्लभभाई पटेल ने समुद्र का जल लेकर नए मंदिर के निर्माण का संकल्प लिया था। साल 1950 में मंदिर का पुनर्निर्माण हुआ। इस मंदिर को कैलाश महामेरू प्रासाद शैली में बनाया गया। जिसे समय इस मंदिर को बनवाया गया उस दौरान भारत के गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल थे।

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