बॉलीवुड

फिल्मों के लिए अमरीश पुरी ने छोड़ दी थी सरकारी नौकरी, विलेन बनकर भी जीत लिया लोगों का दिल

बॉलीवुड इंडस्ट्री में ऐसे कई खलनायक है जिन्होंने अपनी नकारात्मक भूमिका से लोगों के दिलों पर एक अलग ही छाप छोड़ी है। उन्हीं मशहूर खलनायक में से एक नाम अभिनेता अमरीश पुरी का भी आता है, जिन्होंने अपने नेगेटिव रोल से लाखों लोगों का दिल जीत लिया था। अमरीश पुरी ने ज्यादातर फिल्मों में खलनायक की भूमिका निभाई है और लोगों ने उनके विलेन के रोल को पसंद भी किया था।

स्वर्गीय अमरीश पुरी ने अपनी बेहतरीन एक्टिंग के बलबूते इंडस्ट्री में अच्छा खासा नाम कमाया है। यह आज भी किसी के परिचय के मोहताज नहीं हैं। अमरीश पुरी के अंदर एक ऐसी अद्भुत क्षमता थी कि वह जिस रोल को करते थे वह सार्थक हो उठता था। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से अमरीश पुरी से जुड़ी हुई कुछ दिलचस्प बातों के बारे में जानकारी देने वाले हैं।

अमरीश पुरी भले ही आज हमारे बीच में नहीं रहे परंतु उनकी भारी आवाज और उनकी पर्दे पर शानदार एक्टिंग आज भी लोगों के जेहन में बसी हुई है। आप सभी लोगों ने फिल्म “मिस्टर इंडिया” तो देखी ही होगी। इस फिल्म के अंदर अमरीश पुरी ने “मोगैम्बो” रोल निभाया था और यह मोगैम्बो के नाम से ही मशहूर हो गए।

अमरीश पुरी ने अपने फिल्मी करियर में कई हिट फिल्में दी हैं परंतु शायद ही बहुत कम लोगों को इस बात का पता होगा कि अभिनेता ने फिल्मों में काम करने के लिए सरकारी नौकरी छोड़ दी थी। जी हां, अमरीश पुरी ने सरकारी नौकरी छोड़कर फिल्मों में अपना कदम रखा था। फिल्मों में आने से पहले अमरीश पुरी ने करीब 21 साल तक कर्मचारी बीमा निगम में बतौर क्लर्क काम किया था।

आपको बता दें कि अमरीश पुरी शुरुआत से ही फिल्मों के दीवाने थे और यह पढ़ाई में भी बहुत अच्छे थे। अमरीश पुरी ने शिमला के बीएम कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें कर्मचारी राज्य बीमा निगम में नौकरी मिल गई थी लेकिन फिल्मों में काम करने का उनका सपना उनको सोने नहीं देता था। 1 दिन अमरीश पुरी की मुलाकात इब्राहिम अल्काजी से हुई थी। तब उन्होंने अमरीश पुरी को थिएटर के बारे में बताया था और उन्हें थिएटर करने की सलाह दी थी।

अमरीश पुरी की मुलाकात बाद में निर्देशक, अभिनेता और लेखक सत्यदेव दुबे से हुई। भले ही सत्यदेव उम्र में अमरीश पुरी से छोटे थे परंतु अमरीश पुरी ने उन्हें अपना गुरु मानकर उनके साथ काम करना शुरू कर दिया था। साल 1971 में आई फिल्म “रेशमा और शेरा” में अमरीश पुरी ने अपनी एक्टिंग का जलवा दिखाया और दर्शकों को अमरीश पुरी का अभिनय खूब पसंद आया था।

अमरीश पुरी एक ऐसे अभिनेता थे जो अपने अभिनय के प्रति बहुत ज्यादा गंभीर रहते थे। वह जिस किरदार को निभाते थे उसमें जान डाल देते थे। आपको बता दें कि अमरीश पुरी ने 1987 में फिल्म मिस्टर इंडिया में मोकैंबो का किरदार निभाया था। अपने इस किरदार से दुनिया भर में उन्होंने अपनी छाप छोड़ दी। इसके बाद अमरीश पुरी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और यह फिल्म इंडस्ट्री के सबसे बड़े विलेन के तौर पर मशहूर हुए।

अमरीश पुरी ने बहुत सी फिल्मों में शानदार अभिनय किया है और उन्होंने अपने अभिनय से लोगों का दिल जीत लिया था। उनकी फिल्मों की लिस्ट में दामिनी, गदर, घातक, दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे, घायल, करन अर्जुन, कोयला, मिस्टर इंडिया और ना जाने कितनी हिट फिल्में शामिल हैं।

आपको बता दें कि अमरीश पुरी ने अपनी पहचान बनाने के लिए सालों तक मेहनत की थी। उस समय के दौरान बॉलीवुड की स्थिति अच्छी नहीं थी। अमरीश पुरी नहीं चाहते थे कि उनके बेटे राजीव पुरी को भी संघर्ष करना पड़े। इसी वजह से उन्होंने अपने बेटे को यह सलाह दी थी कि वह फिल्म इंडस्ट्री ना आएं। राजीव ने मर्चेंट नेवी की नौकरी ज्वाइन कर ली थी।

भले ही राजीव पुरी फिल्मों में नहीं आए परंतु अमरीश पुरी के पोते हर्षवर्धन पूरी बॉलीवुड इंडस्ट्री में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर कार्य कर रहे हैं। आपको बता दें कि अमरीश पुरी को मयेलोडिस्प्लास्टिक सिंड्रोम हो गया था, जिसकी वजह से उनकी तबीयत काफी खराब रहने लगी थी। एक दिन अचानक ही वह घर पर गिर पड़े और ब्रेन हेमरेज होने की वजह से 12 जनवरी 2005 को वह इस दुनिया को अलविदा कह गए।

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