अध्यात्म

इन 5 कार्यों को शिव पुराण में माना गया है अक्षम्‍य पाप, इन्हें करने से मिलती है नरक में जगह

शिव पुराण में ऐसी कुछ बातों का जिक्र किया गया है। जिन्हें करने से इंसान को पाप चढ़ जाता है और नरक में जगह मिलती है। इन कार्यों को शिव पुराण में अक्षम्‍य पाप की श्रेणी में रखा गया है। इसलिए शिव पुराण में बताए गए इन कार्यों को आप भूलकर भी न करें। तो आइए जानते हैं कि वो कौन से पांच कार्य हैं, जिन्हें शिव पुराण में करना वर्जित माना गया है।

भूलकर भी न करें दें ये कार्य, नहीं तो नरक में मिलेगी जगह –

गर्भवती महिला के साथ न करें ये काम

शिव पुराण के अनुसार किसी भी गर्भवती महिला से ऊंची आवाज में बात नहीं करनी चाहिए और न ही गर्भवती महिला से कटु वचन बोलने चाहिए। किसी महिला को कटु वचन कहने से या उसका दिल दुखाने से शिव जी नाराज हो जाते हैं और जो व्यक्ति ऐसा करता है, वो अक्षम्य अपराध और पाप का भाग्यदारी बन जाता है। ऐसा काम करने वाले लोगों को नरक की सजा भोगनी पड़ती है।

किसी के सम्मान को हानि पहुंचाना

किसी भी व्यक्ति के सम्मान को भूलकर भी हानि न पहुंचाए। कई ऐसे लोग होते हैं, जिन्हें ओर व्यक्तियों का मजाकर उड़ाने में व उनके सम्मान को हानि पहुंचाने में मजा आता है। शिव पुराण के अनुसार जो लोग ऐसा कार्य करते हैं, वो अक्षम्य पाप का भागीदार बन जाते हैं। इसलिए कभी भी किसी व्यक्ति का मजाक न बनाएं और ना ही किसी व्यक्ति का दिल दुखाएं।

बजुर्गों का न करें अपमान

बजुर्गों के साथ अपना व्यवहार सही रखें और कभी भी उनका अपमान न करें। बजुर्गों को कष्ट देना पाप के सम्मान होता है। शिव पुराण में इसे घोर पाप की श्रेणी में रखा गया है। इसलिए बुजर्गों का अपमान करने की भूल न करें। जितनी हो सके इनकी सेवा करें। बजुर्गों की सेवा करने से स्वर्ग में जगह मिलती है।

न खाएं ऐसी चीजें

शिव पुराण में बताया गया है कि धर्म का आचरण करने से भी अक्षम्‍य पाप चढ़ जाता है। कभी भी जीव की हत्‍या न करें और न ही मांसाहारी भोजन ग्रहण करें। ऐसा भोजन विष्‍ठा के समान माना गया है और ऐसे लोगों को कभी मरणोपरांत नरक भोगना पड़ता है।

तो ये थे वो पांच कार्य जिन्हें शिव पुराण में करना वर्जित माना गया है और इन कार्यों को करने से नरक में जगह मिलती है। इसलिए आप भूलकर भी ये पांच कार्य न करें।

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