समाचार

किसान आंदोलन पर सचिन तेंदुलकर के इस ट्वीट पर भड़के शरद पवार, दी कुछ न बोलने की सलाह

सचिन तेंदुलकर को एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने नसीहत दी है और विवादों से बचने को कहा है। दरअसल हाल ही में सचिन तेंदुलकर ने अमेरिकी सिंगर रिआना के ट्वीट पर रिएक्शन दिया था और किसान आंदोलन के मुद्दे पर एकजुट होने की बात कही थी। शरद पवार ने सचिन तेंदुलकर को सलाह देते हुए कहा कि सचिन को किसानों के बारे में बोलने के दौरान काफी सावधानी बरतनी चाहिए। सचिन तेंदुलकर द्वारा किसान आंदोलन के संबंध में प्रतिक्रिया दिए जाने के सवाल पर पवार ने कहा कि लोगों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। मैं सचिन तेंदुलकर को सुझाव दूंगा कि उन्हें अन्य क्षेत्रों से जुड़े मुद्दों पर बयान देने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए।

शरद पवार ने केंद्र सरकार पर भी हमला करते हुए कहा है कि ये प्रदर्शनकारी किसान हैं, जो हमारे देश का पेट भरते हैं। इसलिए इन्हें खालिस्तानी या आतंकवादी कहना उचित नहीं है।

क्या लिखा था सचिन तेंदुलकर ने ट्वीट पर

सचिन तेंदुलकर ने ट्वीट करते हुए लिखा था भारत की संप्रभुता से समझौता नहीं किया जा सकता। बाहरी ताकत दर्शक हो सकते हैं, लेकिन भागीदार नहीं। भारतीय नागरिक भारत के बारे में जानते हैं। हम एक राष्ट्र के तौर पर एकजुट रहें’ #IndiaTogether #IndiaAgainstPropaganda।’


गौरतलब है कि अमेरिकी सिंगर रिआना ने किसान आंदोलन को लेकर ट्वीट किया था। जो की भारत विरोधी था। ट्वीट में रिआना ने लिखा था कि हम इस बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं?’ इसके साथ ही इन्होंने अपने ट्वीट में #FarmersProtest का हैश टैग भी दर्ज किया था।  इस ट्वीट पर ही सचिन तेंदुलकर ने रिएक्ट करते हुए ये बात कही थी। सचिन तेंदुलकर के अलावा ओर भी जानी मानी हस्तियों ने सिंगर रिआना के ट्वीट पर आपत्ति जताई थी।


सचिन के इस ट्वीट पर इंडियन यूथ कांग्रेस के नेताओं का बयान भी आया है। जिसमें इन्होंने सचिन के इस बयान को भारत रत्न पाने वाले दिग्गज का अपमान बताया है। साथ में ही कोच्चि में कांग्रेसी नेताओं ने सचिन तेंदुलकर के कटआउट पर काला तेल गिराया और विरोध में नारे लगाए।


गौरतलब है कि तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन देश में चल रहा है। इस आंदोलन पर कई लोगों की प्रतिक्रिया आ रही है। कई लोग इस आंदोलन का समर्थन कर रहें हैं, तो कई लोग इस आंदोलन के खिलाफ हैं। इस आंदोलन पर ही रिआना का ट्वीट आया था। जिसपर भारत सरकार ने भी आपत्ति जताई थी।

Back to top button