राजनीति

दंगाइयों द्वारा किये गए हिंसा को देखकर भड़के कुमार विश्वास, कहा- देश की राजधानी के दृश्य ..

देश के जाने माने कवि और देश के हर मुद्दे पर अपनी राय प्रकट करने वाले युवाओं के प्रिय कुमार विश्वास ने किसानों के आंदोलन पर भी रोष जताया है. कुमार विश्वास ने इस आंदोलन और इसकी मंशा पर भी सवाल उठाए है. उन्होंने ट्ववीट करते हुए किसानों को आड़े हाथों लिया है. किसानों ने ट्रेक्टर रैली की आड़ लेकर सुबह से ही दिल्ली में हुड़दंग मचा दिया था.

कवि कुमार विश्वास ने ट्वीट कर देश के हालात पर चिंता जताते हुए किसानों को एक तरह से नसीहत भी दी है. ट्वीट में उन्होंने कहा है- संविधान की मान्यता के पर्व पर देश की राजधानी के दृश्य लोकतंत्र की गरिमा को चोट पहुँचाने वाले हैं. याद रखिए देश का सम्मान है तो आप हैं. हिंसा लोकतंत्र की जड़ों में दीमक के समान है. जो लोग मर्यादा के बाहर जा रहे हैं वे अपने आंदोलन व अपनी माँग की वैधता व संघर्ष को ख़त्म कर रहे हैं. इसके बाद उन्होंने अपने एक और ट्वीट में लिखा, आंदोलनों की सफलता इन चार बातों पर निर्भर होती हैं-(1)आंदोलन का उद्देश्य आख़री आदमी तक सही-सही समझा पाना. (2)आंदोलन के कुछ सर्वसम्मति से बने मानक चेहरे होने. (3)आंदोलन की गति सता विरोध से किसी भी हाल में देश-विरोधी न होने देना. (4)राष्ट्रीय सम्पत्ति,राष्ट्रीय मनोबल पर चोट न करना.


आपको बता दें कि किसानों को पुलिस की तरफ से समय और रूट दोनों तय कर के दिया था. इसके बाद भी किसानों ने जबरदस्ती दिल्ली में घुसपैठ की साथ ही दिल्ली का माहोल भी बिगाड़ा. हुड़दंगी किसानों ने डीटीसी की बसों के शीशे तोड़ दिए हैं. किसानों ने एक बस को पलटने की कोशिश भी की. साथ ही पुलिस पर पथराव भी किया गया. कई किसानों ने दिल्ली पुलिस को तलवार दिखाते हुए उनपर हमले कि कोशिश भी की.

वही मामले मे किसानों के हिंसक प्रदर्शन को लेकर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत बताया कि, जिन लोगों ने भी ये सब किया है, वह सब हमारी नजर में बने हुए हैं. सब लोग चिह्नित किये जा चुके हैं. इसके साथ ही राकेश टिकैत ने कहा कि ये जो सब उपद्रव कर रहे हैं, वो पॉलिटिकल पार्टी के लोग हैं.

गौरतलब है कि मंगलवार को ट्रैक्टर से चल रहे किसानों ने दिल्ली की सड़को पर बनी मजबूत बैरिकेडिंग को भी नहीं छोड़ा और उन्हें तहस-नहस कर अपने हुड़दंगी होने का परिचय दिया. किसानों ने देश की राजधानी दिल्ली को जम्मू-कश्मीर में तब्दील कर दिया और पुलिस पर जमकर पथराव भी किया. किसान लगातार पुलिस भर पथराव करते रहे. जिसके कारण कई पुलिस वाले घायल हो गए. जवाबी कार्यवाही में पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी दागे. हद तो तब हो गई जब किसान लाल किला परिसर तक में घुस गए. उन्होंने वहां जाकर तिरंगे का अपमान किया और लाल किला की प्राचीर पर निशान साहिब लगा दिया. ज्ञात हो कि आईटीओ के अलावा टिकरी बॉर्डर पर भी किसनों द्वारा हिंसक प्रदर्शन किया. आइटीओ पर तो किसान बेकाबू होकर प्रदर्शन करने लगे, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया. अब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की सूचि बनाना शुरू कर दिया है.

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