राजनीति

संजय राउत ने दिया विवादित बयान कहा- रूस की तरह टूट जाएगा देश, BJP बोली दर्ज करें केस

एक समय में बीजेपी और शिवसेना सहयोगी दल हुआ करते थे। लेकिन महाराष्ट्र की सस्ता पाने के लिए शिवसेना ने बीजेपी से अपना गठबंधन तोड़ दिया और विपक्षी दलों से जा मिली। गठबंधन से अलग होने के बाद से शिवसेना लगातार बीजेपी पर निशाना साधा रही है और बीजेपी सरकार के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दे रही है। शिवसेना के मुखपत्र सामना में शिवसेना नेता संजय राउत ने हाल ही में एक लेख लिखा। जिसमें संजय राउत ने बीजेपी पर कई गंभीर आरोप लगाए। वहीं संजय राउत के इस लेख से बीजेपी के नेता काफी गुस्से में हैं और संजय राउत पर केस करने की बात भी कह रहे हैं।

हाल ही में संजय राउत ने सामना में लेख लिखते हुए कहा कि अगर केंद्र सरकार को इस बात का एहसास नहीं हुआ कि हम राजनीतिक लाभ के लिए लोगों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। तो जैसे रूस के राज्य टूटे वैसा हमारे देश में होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। अपने इस लेख के जरिए संजय ने बीजेपी पर देश तोड़ने का आरोप लगाया और केंद्र सरकार की नतीजों को गलत बताया है। साथ में ही इस लेख के माध्यम से संजय राउत ने शिवसेना और बीजेपी के बीच और दरार पैदा कर दी है।

वहीं संजय राउत के इस बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है और बीजेपी नेता राम कदम ने कहा कि शिवसेना कंजुरमार्ग कारशेड प्रोजेक्ट पर अपनी नाकामी और शर्मिंदगी को छुपाने के लिए इस तरह के बयान दे रही है। बीजेपी नेता राम कदम ने कहा कि शिवसेना को ये नहीं भूलना चाहिए कि उसके द्वारा खुद गठित कमेटी ने रिपोर्ट में कहा था कि कारशेड प्रोजेक्ट कंजुरमार्ग पर नहीं बनाया जा सकता। कमेटी का कहना था कि वहां 5,000 करोड़ रुपए का नुकसान होगा और मामला कोर्ट में अटक जाएगा। अब अपनी नाकामी छुपाने के लिए शिवसेना भारत के टूटने की बात कर रही है। देश शिवसेना के ऐसे काम को नहीं भूलेगा।

जबकि बीजेपी नेता अतुल भटखलकर ने संजय राउत के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की है। बीजेपी नेताओं ने इस मुद्दे पर कांग्रेस की अंतरिम अध्‍यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी और एनसीपी प्रमुख शरद पवार पर भी निशाना साधा है और इनकी चुप्‍पी पर सवाल खड़े किए हैं। बीजेपी ने कहा है कि हम आरोप-प्रत्यारोप और राजनीति में कटाक्ष की भाषा को समझ सकते हैं, लेकिन देश को तोड़ने की बात बर्दाश्त नहीं कर सकते। जिस देश के लिए लोगों ने प्राणों की आहुति दी। क्या राहुल गांधी, सोनिया गांधी और शरद पवार देश को तोड़ने जैसी बातों से सहमत हैं? वो इस मामले पर चुप्‍पी क्‍यों साधे हुए हैं?

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