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इन हस्तियों ने अपनी ही शिष्या से रचाई शादी, समाज और परिवार के खिलाफ जाकर लिया फैसला

प्यार इस दुनिया की सबसे अच्छी फीलिंग मानी जाती है। मोहब्बत ना उम्र देखता है, ना जात पात का भेद करता है। इश्क तो सिर्फ एक एहसास है, जो किसी से भी हो सकता है। कई बार तो इश्क का फूल कुछ ऐसे लोगों के बीच खिल जाता है, जिन्हें समाज स्वीकार नहीं करता।

हमारे देश में कुछ ऐसे जाने पहचाने नाम हैं, जिन्हें अपनी ही शिष्या से प्यार हो गया। इतना ही इन्होंने परिवार के खिलाफ जाकर शादी भी रचाई। तो आज हम इस आर्टिकल में आपको कुछ ऐसे ही फेमस गुरू और शिष्या के प्रेम कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं। आइये जानते हैं, आखिर इस लिस्ट में कौन कौन हैं शामिल…

प्रोफेसर मटुक नाथ और छात्रा जूली

पटना यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मटुक नाथ ने अपनी छात्रा जूली से ही शादी रचाई। दोनों की लव स्टोरी साल 2004 में शुरू हुई थी, मगर इन दोनों को ही काफी विरोध का सामना करना पड़ा था। यहां तक कि मटुक नाथ को पदभष्ट कर दिया गया था। हालांकि बाद में कोर्ट में केस जीतने के बाद प्रोफेसर मटुक नाथ को नौकरी वापस मिल गई।

रिपोर्ट के अनुसार दोनों ने शादी भी रचाई थी, हालांकि अब दोनों अलग हो गए हैं और जूली ने आध्यात्म की राह पकड़ ली है। बता दें कि दोनों के बीच उम्र में 30 वर्षों का फासला था।

अनुप जलोटा और सोनाली सेठ

भजन सम्राट अनुप जलोटा की पहली शादी गुजरात की रहने वाली लड़की सोनाली सेठ से हुई थी। आपको जानकर हैरानी होगी कि सोनाली सेठ, अनुप जलोटा की शिष्या थीं। दोनों के बीच पहले प्यार हुआ और फिर शादी कर ली। हालांकि सोनाली का परिवार इस रिश्ते के सख्त खिलाफ था। बता दें कि अब सोनाली और अनुप जलोटा का तलाक हो चुका है।

सुरेश वाडेकर और पद्मा वाडेकर

पद्मा वाडेकर, सुरेश वाडेकर के पिता की शिष्या थीं। उनकी मृत्यु के बाद पद्मा ने सुरेश से संगीत सीखना शुरू किया और इसी दौरान दोनों को एक दूसरे से इश्क हो गया। इसके बाद दोनों ने साल 1998 में एक दूसरे से शादी रचाई। इस कपल के दो बच्चे जिया और अनन्य हैं।

विष्णु खरे और कुमुद

पत्रकारिता की दुनिया के मशहूर शख्सियत और जाने माने साहित्यकार विष्णु खरे का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है। इन्होंने भी अपनी शिष्या कुमुद से ब्याह रचाया था। दोनों की मुलाकात रतलाम के एक सरकारी कॉलेज में हुई थी और इसी मुलाकात में दोनों का दिल एक दूसरे के लिए धड़कने लगा।

हालांकि कुमुद के परिवार को विष्णु खरे के साथ रिश्ता बिल्कुल भी पसंद नहीं था। इसके बाद विष्णु खरे ने कुमुद का कन्यादान फिल्म समीक्षक जय प्रकाश चौकसे से करवाया था।

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