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कोर्ट में बोली विकास दुबे की पत्नी- ‘मकान गिराया तो कर लूंगी आत्महत्या’

उत्तर प्रदेश के कानपुर के हिस्ट्रीशीटर गैंग्स्टर विकास दुबे भले ही पुलिस एनकाउंटर में मारा जा चुका हो, मगर उससे जुड़े मामले अभी खत्म नहीं हुए हैं। विकास दुबे से जुड़े नए नए खुलासे हो रहे हैं और इन खुलासों से विकास दुबे का मामला लंबा खींचता हुआ दिख रहा है। बता दें कि इस दुर्दांत अपराधी के साथ पुलिसवालों से लेकर राजनेताओं तक के साठगांठ की बातें सामने आ चुकी हैं। यही वजह है कि अपराधी विकास दुबे का एनकाउंटर भी सवालों के घेर में खड़ा है। बहरहाल उसकी पत्नी रिचा दुबे के मामले में एक नई खबर सामने आ रही है, आइये जानते हैं आखिर क्या है पूरा मामला…

रिचा दुबे ने कहा – ‘मेरा घर न तोड़ें वरना…’

दरअसल पिछले दिनों रिचा दुबे लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) की विहित प्राधिकारी रितु सुहास की अदालत में उपस्थित हुई, अदालत से रिचा ने गुहार लगाई कि उनका मकान न गिराया जाए। उसने अदालत से कहा कि मेरे पास अब कुछ भी नहीं बचा है, सिवाए एक मकान के। अगर ये मकान भी ढहा दिया जाएगा, तो सुसाइड मेरे लिए आखिरी रास्ता होगा। रिचा ने अदालत से कहा कि बैंक खाते से लेकर दूसरी सभी चीजें पुलिस सीज कर चुकी है। अब मेरे पास कुछ भी नहीं बचा है, ये मकान मेरे लिए आखिरी उम्मीद है। इसलिए मुझ पर रहम किया जाए और कुछ समय की मोहलत दी जाए। बता दें कि विहित प्राधिकारी ने रिचा को मकान का कंपाउंडिंग मैप दाखिल करने की मोहलत दे दी है।

दरअसल इस पूरे मामले में लखनऊ विकास प्राधिकरण ने कार्रवाई करते हुए विकास के घर के सामने एक नोटिस चिपकाया था, नोटिस में कहा गया था कि मकान के नक्शे को 9 जुलाई तक जमा किया जाए। जानकारी के लिए बता दें कि विकास का घर लखनऊ के इंद्रलोक कॉलोनी में स्थित है।

मकान के रजिस्ट्री और मैप की हो रही है तलाश…

बता दें कि इससे पहले मकान के रजिस्ट्री की तलाश में लखनऊ पुलिस ने विकास दुबे के घर दबिश दी थी, पुलिस को यहां से कुछ खास हाथ नहीं लगा था, मगर वहां से पुलिस को जो भी फाइलें और कागजात मिली थीं, उन्हें जब्त कर लिया गया था। बता दें कि पुलिस की टीम कृष्णानगर इंस्पेक्टर डीके उपाध्याय के नेतृत्व में विकास के घर पहुंची थी।

सूत्रों के मुताबिक पुलिस की टीम को  कागजात और फाइलों में कई राजनीतिक पार्टियों के लेटरपैड और सैकड़ों प्रार्थनापत्र हासिल हुए हैं, साथ ही एक डायरी मिली है। माना जा रहा है कि इस डायरी से कई नए राज खुल सकते हैं। इसके अलावा पुलिस का कहना है कि साल 2017 में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने विकास के पास से  30 स्प्रिंफील्ड राइफल बरामद की थीं, उसका भी पता नहीं चल सका है। पुलिस के अनुसार ये राइफल विकास के भाई दीप प्रकाश दुबे उर्फ दीपक के नाम से खरीदी गई थी।

वहीं जब लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के अधिकारी विकास के घर पहुंचे, तो उन्हें वहां ताला लगा मिला था। यही वजह रही कि कमरों और बेसमेंट की ठीक तरह से नापजोख नहीं हो पाई थी, अधिकारियों ने बाहर से ही कुछ नाप लिए थे।

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