अध्यात्म

23 जुलाई को मनाई जाएगी हरियाली तीज, पढ़ें इस व्रत से जुड़ी कथा व पूजा करने का शुभ मुहूर्त

सावन मास के दौरान ही हरियाली तीज का पर्व आता है। हरियाली तीज के दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं और शिव-पार्वती की पूजा करती हैं। इस साल 23 जुलाई को हरियाली तीज का व्रत आ रहा है। इसलिए 23 जुलाई को सुहागने हरियाली तीज का व्रत जरूर रखें।

हरियाली तीज के दिन कई सारे राज्यों में विशेष तरह के मेलों का आयोजन भी किया जाता है। मेलों के दौरान झूले लगाए जाते हैं और गाने गाए जाते हैं। इस व्रत के दौरान मेहंदी जरूर लगाई जाती है और महिलाएं अच्छे से सजती हैं।

क्यों किया जाता है हरियाली तीज का व्रत

हरियाली तीज के व्रत के दौरान आसपास हरियाली छा जाती है। जिसकी वजह से इस पर्व को हरियाली तीज का नाम दिया गया है। इस पर्व को भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता हैं।

पूजा का शुभ मुहूर्त

ये पर्व शिव के प्रिय मास यानी सावन के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आता है। इस बार 22 जुलाई को शाम 07 बजकर 23 मिनट से पर्व शुरू हो जाएगा और 23 जुलाई को शाम 05 बजकर 04 मिनट तक रहेगी। पंडितों के अनुसार 23 तारीख की सुबह का समय भगवान शिव और पार्वती की पूजा करने के लिए सबसे उत्तम होगा।

करती हैं महिलाएं सोलह शृंगार

हरियाली तीज के दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं। माना जाता है कि इस व्रत को करने से परिवार में सुख समृद्धि भी बनीं रहती है। महिलाएं इस दिन सोलह शृंगार भी जरूर करती हैं। महिलाएं अपने हाथों पर मेहंदी लगाती हैं और हरे रंग या लाल रंग के वस्त्र पहनती हैं। साथ में ही सावन मास के गीत भी गाती हैं।

हरियाली तीज की कथा

कहा जाता है कि भगवान शंकर को पति के रूप में पाने के लिए मां पार्वती ने 107 जन्म लिए थे। लेकिन फिर भी वो उन्हें पति के रूप में नहीं पा सकी। हालांकि 108 वें जन्म पर भगवान शिव पार्वती मां से विवाह करने के लिए राजी हो गए। तभी से हरियाली तीज का व्रत शुरू हो गया। इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और अपने पति की सेहत के लिए पूजा करती हैं।

इस तरह से करें पूजा

  • हरियाली तीज के दिन सुबह स्नान कर लें। उसके बाद भगवान शंकर व माता पार्वती की मूर्ति बनाएं। दरअसल इस दिन महिलाएं बालू से भगवान शंकर व माता पार्वती की मूर्ति बनाकर उनकी पूजा करती हैं। इसलिए आप भी खुद से ये मूर्ति बनाएं और इन्हें चौकी पर रख दें।
  • अब आप मां पार्वती को शृंगार का सामान अर्पित करें और भगवान शिव, माता पार्वती का आवाह्न करें।
  • इसके बाद शिव जी को वस्त्र अर्पित करें और हरियाली तीज की कथा सुनें।
  • कथा सुनने के बाद माता पार्वती और शिव जी से जुड़े मंत्रों का जाप करें।
  • मंत्रों का जाप करने के बाद शिव पार्वती की आरती करें।

मां पार्वती से जुड़े मंत्र

ऊं उमायै नम:,

ऊं पार्वत्यै नम:,

ऊं जगद्धात्र्यै नम:,

ऊं जगत्प्रतिष्ठयै नम:,

ऊं शांतिरूपिण्यै नम:,

ऊं शिवायै नम:

भगवान शिव जी से जुड़े मंत्र

ऊं हराय नम:,

ऊं महेश्वराय नम:,

ऊं शम्भवे नम:,

ऊं शूलपाणये नम:,

ऊं पिनाकवृषे नम:,

ऊं शिवाय नम:,

ऊं पशुपतये नम:,

ऊं महादेवाय नम:

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