अध्यात्म

6 जुलाई से शुरू हो रहा है सावन मास, शिवजी को प्रसन्न करें के लिए आप को करने पड़ेंगे यह काम

अगले महीने से सावन मास शुरू होने वाला है। पंडितों के अनुसार 6 जुलाई से सावन मास की शुरुआत होगी और इस मास का आखिरी सोमवार 3 अगस्त को होगा। सावन को शिव जी का महीना माना जाता है और इस दौरान शिव की पूजा की जाती है। मान्यता है कि शिव जी की पूजा करने से हर कामना पूरी हो जाती है और जिन लोगों का विवाह नहीं हो रहा होता है, उनका विवाह भी जल्द हो जाता है। हिन्दू ग्रंथों में सावन महीने को काफी महत्व दिया गया है और इस महीने में की गई पूजा का लाभ जरूर मिलता है। शास्त्रों के अनुसार चैत्र माह के पांचवें महीने से श्रावण मास शुरू होता है।

हर साल सावन मास जुलाई या अगस्त महीने में पड़ता है। ये मास भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दौरान पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है और भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से विशेष लाभ मिलता है।

हर सोमवार शिव जी पर चढ़ाए जल

सावन मास के दौरान शिव की पूजा की जाती है और उनपर जल अर्पित किया जाता है। इसके अलावा कुंवारी लड़कियां और लड़के  व्रत भी करते हैं। अगर आप भी शिव जी से कुछ मांगना चाहते हैं तो पूरे सावन मास शिव जी की पूजा करें। आपकी मनचाही चीज आपको मिल जाएगी।

इस तरह से करें शिव की पूजा

  • शिव जी की पूजा सुबह के समय की जाती है। इसलिए आप सुबह नहाने के बाद मंदिर जाकर शिव जी की आराधना करें।
  • सबसे पहले शिवलिंग पर जल अर्पित करें। उसके बाद शिवलिंग पर दूध, घी, चीनी, दही, गंगा जल अर्पित करें।
  • ये सब चीजें चढ़ाने के बाद शिवलिंग पर फिर से जल अर्पित करें और शिवलिंग को अच्छे से साफ कर दें।
  • इसके बाद शिव पर बेल पत्र, फल, फूल अर्पित कर दें।
  • शिवलिंग को चंदन का तिलक लगाएं।
  • फिर शिव के सामने दीपक जला दें और आंखे बंद कर नीचे बताए गई भगवान शिव शंकर की स्तुति और मंत्रों को पढ़े।

भगवान शिव शंकर की स्तुति –

जय नाथ कृपासिन्धो जय भक्तार्तिभंजन।
जय दुस्तरसंसार-सागरोत्तारणप्रभो॥
प्रसीद मे महाभाग संसारात्र्तस्यखिद्यत:।
सर्वपापक्षयंकृत्वारक्ष मां परमेश्वर॥

शिव के प्रिय मंत्र

1 ॐ नमः शिवाय।

2 नमो नीलकण्ठाय।

3 ॐ पार्वतीपतये नमः।

4 ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।

5 ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा।

6 ऊर्ध्व भू फट्।

7 इं क्षं मं औं अं।

8 प्रौं ह्रीं ठः।

  • मंत्र पढ़ने के बाद शिव की आरती भी करें। याद रहे की आप आरती को खड़े होकर ही करें। शिव की आरती इस प्रकार है।

शिव की आरती

ॐ जय शिव ओंकारा, भज हर शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥

एकानन चतुरानन पंचानन राजे।
हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।
तीनो रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥

अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी।
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।
सनकादिक ब्रहमादिक भूतादिक संगे॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥

कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूल धर्ता।
सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
प्रणवाक्षर में शोभित ये तीनों एका॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥

त्रिगुण स्वामी जी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी सुख संपति पावे॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥

सावन सोमवार व्रत की तिथियां –

सावन में किस दिन सोमवार आप रहा है इसकी जानकारी इस प्रकार है-

पहला सावन सोमवार व्रत- 06 जुलाई, 202

दूसरा सावन सोमवार व्रत – 13 जुलाई, 2020

तीसरा सावन सोमवार व्रत-  20 जुलाई, 2020

चौथा सावन सोमवार व्रत- 27 जुलाई, 2020

अंतिम सावन सोमवार व्रत-  03 अगस्त, 2020

आप हर सोमवार मंदिर जाकर शिव की पूजा जरूर करें और व्रत भी करें। ऐसा करने से शिव जरूर प्रसन्न हो जाएंगे। वहीं व्रत के दौरान केवल फल और दूध का ही सेवन करें।

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